नीमच। 6 जुलाई को नीमच जिले का स्थापना दिवस मनाया जाता है. मध्यप्रदेश शासन ने 30 जून 1998 में नीमच तहसील को जिला बनाने की घोषणा की थी. जिसके बाद 6 जुलाई को नीमच जिले का गठन किया गया. इस साल 6 जुलाई 2020 में नीमच जिले के गठन को 22 साल पूरे हो जाएंगे. इन 22 सालों में नीमच जिले ने विकास के नए आयामों को छूआ हैं.
बता दें कि 6 जुलाई 1998 को अविभाजित मंदसौर जिले से नीमच, जावद और मनासा तहसील को अलगकर नीमच जिले का गठन किया था. पिछले 22 सालों में नीमच जिले ने हर क्षेत्र में बेहतर कार्य किया हैं और प्रदेश में अपनी अलग पहचान बनाई हैं.
जिले की भोगोलिक स्थिति
विभाजन के बाद जिले के हिस्से 3 लाख 93 हजार 976 हेक्टयेर की जमीन आई. जिले में फिलहाल 3 जनपद पंचायत, विकासखण्ड और 6 तहसील हैं. साथ ही 3 विधानसभा नीमच, जावद और मनासा हैं. नीमच जिला पूर्व, पश्चिम और उत्तर की सीमा राजस्थान से लगी है. दक्षिण में नीमच मंदसौर जिले से लगा हुआ हैं.
जिले की जनसंख्या
नीमच जिले की कुल आबादी 8 लाख 25 हजार 958 हैं. जिसमें 4 लाख 21 हजार 640 पुरूष और 4 लाख 4 हजार 318 महिलाएं शामिल हैं. जिले की जनसंख्या पिछली जनगणना के आधार पर हैं.
जिले में स्थापित शासकीय भवन
नीमच को जिला बनाने की घोषणा के साथ ही जिले के प्रथम कलेक्टर प्रभात कुमार पाराशर को बनाया गया. वर्तमान में जिले का कुशल संचालन कलेक्टर जितेन्द्रसिंह राजे के हाथों में हैं. जिला बनने के कुछ सालों बाद जिला मुख्यालय पर 3.80 करोड़ की लागात से दो मंजिला संयुक्त जिला कार्यालय भवन (कलेक्टोरेट) का निर्माण किया गया था. वर्तमान में कलेक्टोरेट भवन 3 मंजिल का बन चुका हैं. संयुक्त भवन में कलेक्टोरेट और सभा कक्ष के साथ ही विभिन्न कलेक्टर के अधीन कार्यालय है. जिले में 79 शासकीय आवासों का निर्माण भी किया गया हैं. जिनमें जी-टाईप 37, एच-टाईप 33, एफ-टाईप 4 और आई-टाईप 5 सम्मिलित है. जिले में नवीन पुलिस लाईन की स्थापना की गई हैं और पुलिस आवासीय कॉलोनी निर्माण के साथ ही होमगार्ड प्रशिक्षण केन्द्र, वन मण्डलाधिकारी कार्यालय भवन, जलससांधन भवन, खनिज विभाग, नापतौल और पंजीयन विभाग के कार्यालय भी बने हैं.
शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति
1998 में जिले गठन के समय प्राथामिक शालाओं की संख्या 636 और माध्यमिक शालाओं की संख्या 195 थी. वर्तमान में प्राथमिक शालाएं बढ़कर 818 और माध्यमिक शालाएं 371 हो चुकी हैं. इसी के साथ हर एक किलोमीटर की परिधि में प्राथमिक शिक्षा सुविधा और तीन किलोमीटर की परिधि में माध्यमिक शिक्षा सुविधा उपलब्ध है. पिछले 10 सालों में 51 प्राथमिक और 162 माध्यमिक शाला भवन व 754 अतिरिकत कक्षों का निर्माण किया गया हैं.
स्वास्थ सुविधाएं
जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के क्षेत्र में भी कार्य हुए हैं. जिले में एक करोड़ 67 लाख 38 हजार रूपए की लागत के 9 नए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के साथ ही स्टाफ के आवासों का निर्माण किया गया हैं. इसके अलावा 3.30 करोड़ की लागत से जिला चिकित्सालय का उन्नयन कार्य किया गया हैं. जिला चिकित्सालय में नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई की स्थापना भी की गई हैं.
जिले ने प्रदेश को दिए 2 मुख्यमंत्री
देखा जाए तो मंदसौर से विभाजन के बाद जो हिस्सा नीमच को मिला वहां से प्रदेश को दो मुख्यमंत्री मिले हैं. नीमच जिले की जावद नगरपरिषद से स्वर्गीय विरेन्द्र कुमार और कुकड़ेश्वर नगर परिषद से स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
जिले में अन्य सुविधाएं व योजनाएं
जिले में बालिका शिक्षा को प्रात्साहित करने के उददेश्य से 3 केजीबीवी और 4 बालिका छात्रावास संचालित है. जिसमें लगभग 550 बालकाओं को लाभांवित किया जा रहा है. जिला मुख्यालय पर एक छात्रावास विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए सत्र 2011-12 से संचलित हैं. साथ ही जिला मुख्यालय पर एक बालक छात्रावास 100 सीटर भी संचालित हैं. जिसमें कक्षा 1 से 8 तक के शाला त्यागी बच्चों को चिन्हांकित कर प्रवेश कराया जाता है.
गत वर्ष पोर्टल पर पात्रतानुसार कुल 1756 बालक बालिकाओं को नि:शुल्क साइकिलें वितरित की गई. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सत्र 2011-12 से 2019-20 तक शासन निर्देशानुसार अशासकीय शालाओं में कक्षा एक से आठ तक लगभग 14 हजार बच्चे अध्ययनरत है. जिनकी फीस प्रतिपूर्ति शासन निर्देशानुसार की जा रही है.
तीन हजार से अधिक को मिला रोजगार
व्यापार और उद्योग केन्द्र नीमच ने अप्रैल 1998 से मार्च 2019-20 तक विभिन्न स्वरोगार योजनाओं में 3606 बेरोजगारों को 85 करोड़ 29 लाख 84 हजार का स्वं के रोजगार के लिए ऋण और 11 करोड़ 71 लाख 35 हजार का अनुदान उपलब्ध कराया है. प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत 1171 बेरोजगारों को 8 करोड़ 51 लाख 95 हजार का ऋण उपलब्ध काराया गया. पंडित दीनदयाल योजनान्तर्गत 167 बेरोजगारों को 2 करोड़ 27 लाख 89 हजार का ऋण उपलब्ध कराया गया. वहीं रानी दुर्गावती रोजगार योजनान्तर्गत 184 हितग्राहियेां को 1 करोड़ 92 लाख 35 हजार का अनुदान उपलब्ध कराया गया हैं.
39 हजार से अधिक लाडली लक्ष्मी लाभांवित
लाडली लक्ष्मी योजनान्तर्गत नीमच जिले में अब तक 39 हजार 32 लाड़कियों को लाभांवित किया गया है. ये योजना वित्तीय वर्ष 2007-08 से प्रारम्भ हुई हैं. इस योजना के तहत अब तक नीमच जिले के ग्रामीण में 9 हजार 161, जावद में 7 हजार 789, मनासा में 6 हजार 404, नीमच शहरी क्षेत्र में 5 हजार 75, रामपुरा में 4 हजार 4 और परियोजना रतनगढ में 3 हजार 621 बालिकाओं को लाभ मिला हैं.
जन सहयोग से जल संरक्षण के कार्य
इस साल कलेक्टर जितेन्द्रसिंह राजे के मार्गदर्शन में सम्पूर्ण नीमच जिले में जनसहयोग से ग्रामीणों को प्रेरित कर तालाबों के गहरीकरण के कार्य हुए हैं. जनपद पंचायत नीमच क्षेत्र अन्तर्गत 48 तालाबों से 41,792 घनमीटर मिट्टी निकाली गई, जो लगभग 58.49 लाख राशि के बराबर का कार्य हैं. जनपद पंचायत जावद क्षेत्र अन्तर्गत 25 तालाबों से 86,545 घनमीटर मिट्टी निकाली गई. जो लगभग 136.65 लाख राशि के बराबर का कार्य हैं. वहीं जनपद पंचायत मनासा क्षेत्र में 41 तालाबों से 86,660 घनमीटर मिट्टी निकाली गई, जो लगभग 129 लाख राशि के बराबर का कार्य हैं.
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत जिले के तीनों तहसील में सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित हुए. इन विवाह सम्मेलनों में सभी वर्गो की निर्धन कन्याओं के हाथ पीले हुए है. इनमें अनु सूचितजाति के 1162, अनुसूचित जनजाति के 811 पिछड़ावर्ग के 575 और समान्य वर्ग के 233 युवतियां शामिल है. ऐसे में कुल 2 हजार 781 कन्याओं का विवाह करवाया गया हैं.