नीमच। जिले के कई गांवों के किसानों ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन किसान बिलों को वापस लिए जाने के लिए नायब तहसीलदार प्रशस्ती सिंह को ज्ञापन सौंपा है. किसानों ने अल्पवर्षा और पीला मोजक वायरस व इल्ली के प्रकोप से फसलो में हुए नुकसान का आकलन करने, साल 2019 में अतिवृष्टि से फसलो में हुए नुकसान का बकाया मुआवजा देने के अलावा फसल बीमा की राशि और जय किसान ऋणमाफी योजना के तहत दो लाख तक का कर्जा माफ किए जाने की मांग की है.
किसानों ने कहा कि पिछले साल भी अतिवर्षा के कारण सोयाबीन पूरी तरह नष्ट होने से खेतो में ही सड़ गई थी. सोयाबीन बोवनी लायक भी नहीं रहीं. जिसके कारण इसवर्ष बोवनी के समय किसानों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय होने से साहूकारों से कर्जा लेकर सोयाबीन बोवनी की गयी थी. लेकिन इस साल भी नुकसान हो गया. जिससे किसान कर्ज में डूबा हुआ है. इसलिए उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाए.
किसानों को रबी की फसल की उचित कीमत भी कोरोना के चलते लगे लाॅकडाउन के कारण नहीं मिल पायी थी. जिससे किसानों को अपनी फसल उल्टे सीधे दामों पर बैचनी पड़ी थी. ज्ञापन में किसानों ने बताया कि 2019 का गेहूं का बोनस भी उन्हें अब तक नहीं मिला है. सरकार द्वारा रबी उपार्जन 2019 में किसानों से खरीदे गये गेंहू का बोनस जो 160 रू. प्रति क्विंटल सरकार की घोषणा के अनुसार अब तक किसानों को नहीं मिला. वो बोनस भी किसानों को प्रदान किया जाये. वादे के अनुसार कर्जा माफ नहीं हुआ. पूर्व की कांग्रेस सरकार ने किसानों से वादा किया था सरकार बनते ही 10 दिनो में 2 लाख तक का कर्जा माफ करेंगे. इसलिए अब किसानों का कर्ज भी माफ किया जाए.