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अष्टमी के दिन भादवा माता के दरबार में पसरा सन्नाटा, बिना भक्तों के महाआरती और अभिषेक

नवरात्रि के अष्टमी के मौके पर मालवा की वैष्णो देवी भादवा माता के दरबार में चैत्र नवरात्रि की अष्टमी के दिन जहां हर साल हजारों की संख्या में भक्तों का हुजूम नजर आता था वहीं आज इस मंदिर में सन्नाटा पसरा हुआ है. इतिहास में पहली बार इस साल लॉकडाउन के चलते बिना भक्तों के ही दिन में हवन और अभिषेक किया गया.

Silence in the court of Vaishno Devi Bhadwamata
चैत्र नवरात्रि के अष्टमी के दिन भी वैष्णो देवी भादवामाता के दरबार में पसरा सन्नाटा
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Published : Apr 2, 2020, 10:33 AM IST

Updated : Apr 2, 2020, 2:52 PM IST

नीमच। कोरोना वायरस का असर देश के सभी प्रसिद्ध मंदिरों में नवरात्रि में किए जाने वाले पूजा-पाठ पर भी असर पड़ता दिखाई दे रहा है. नवरात्रि के अष्टमी के मौके पर मालवा की वैष्णो देवी भादवा माता के दरबार में चैत्र नवरात्रि की अष्टमी के दिन जहां हर साल हजारों की संख्या में भक्तों का हुजूम नजर आता था लेकिन अब इस मंदिर में सन्नाटा पसरा हुआ है.

दरअसल जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्रसिद्ध वैष्णो भादवा माता के दरबार में नवरात्रि के मौके पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं. ये मंदिर मालवा की देवी महामाया भादवा माता के नाम से भी प्रसिद्ध हैं.

यहां की बावड़ी से जुड़ी कई मान्यताएं

खासकर नवरात्रि में देश-विदेश से लोग माता के दर्शन के लिए आते हैं और इस मंदिर परिसर में बनी बावड़ी के पानी से नहाते हैं. यहां मान्यता है कि जिसे लकवा, चर्म रोग जैसी कई बीमारियां बावड़ी के पानी से नहाने से दूर हो जाता है. यहां 650 वर्षों से चैत्र नवरात्रि में महाआरती वो अभिषेक रात्रि के वक्त होता है, लेकिन इतिहास में पहली बार इस साल लॉकडाउन के चलते बिना भक्तों के ही दिन में हवन और अभिषेक किया गया. वहीं कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते जिला प्रशासन द्वारा मंदिर को सील किया गया है. इस मंदिर में गांव वालों को दर्शन की अनुमति नहीं दी गई है.

नीमच। कोरोना वायरस का असर देश के सभी प्रसिद्ध मंदिरों में नवरात्रि में किए जाने वाले पूजा-पाठ पर भी असर पड़ता दिखाई दे रहा है. नवरात्रि के अष्टमी के मौके पर मालवा की वैष्णो देवी भादवा माता के दरबार में चैत्र नवरात्रि की अष्टमी के दिन जहां हर साल हजारों की संख्या में भक्तों का हुजूम नजर आता था लेकिन अब इस मंदिर में सन्नाटा पसरा हुआ है.

दरअसल जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्रसिद्ध वैष्णो भादवा माता के दरबार में नवरात्रि के मौके पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं. ये मंदिर मालवा की देवी महामाया भादवा माता के नाम से भी प्रसिद्ध हैं.

यहां की बावड़ी से जुड़ी कई मान्यताएं

खासकर नवरात्रि में देश-विदेश से लोग माता के दर्शन के लिए आते हैं और इस मंदिर परिसर में बनी बावड़ी के पानी से नहाते हैं. यहां मान्यता है कि जिसे लकवा, चर्म रोग जैसी कई बीमारियां बावड़ी के पानी से नहाने से दूर हो जाता है. यहां 650 वर्षों से चैत्र नवरात्रि में महाआरती वो अभिषेक रात्रि के वक्त होता है, लेकिन इतिहास में पहली बार इस साल लॉकडाउन के चलते बिना भक्तों के ही दिन में हवन और अभिषेक किया गया. वहीं कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते जिला प्रशासन द्वारा मंदिर को सील किया गया है. इस मंदिर में गांव वालों को दर्शन की अनुमति नहीं दी गई है.

Last Updated : Apr 2, 2020, 2:52 PM IST
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