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कोरोना की मार के बीच अब पानी की समस्या, एक हैंडपंप के सहारे 900 ग्रामीण - Drinking water problem in neemuch

गर्मी शुरू होते ही ग्रामीण इलाकों में पानी की समस्या शुरू हो गई है. नीमच जिले के गांव में पेयजल को लेकर ग्रामीणों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसके बावजूद प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

Drinking water problem in neemuch
पीने के पानी की समस्या
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Published : May 1, 2020, 4:03 PM IST

Updated : May 1, 2020, 7:06 PM IST

नीमच। जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित गांव मांगरोलचक की आबादी करीब 900 है. जहां गर्मी शुरू होते ही पानी की समस्या शुरू हो गई है. इस पूरे गांव में केवल एक ही हैंडपंप लगा है, जिससे लोग पीने का पानी भरते हैं. पानी के लिए यहां के लोगों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. लंबी-लंबी कतारे लगानी पड़ती हैं, एक-दो घंटे के इंतजार के बाद पानी भरने के लिए नंबर आता है. या फिर दूर दराज के कुंए से पानी लाना पड़ता है.

कोरोना की मार के बीच अब पानी की समस्या


ग्रामीणों का कहना है गांव में सिर्फ एक ही हैंडपंप चालू है, जिसमें पीने योग्य पानी आता है. एक अन्य स्त्रोत है जो गांव से करीब एक से डेढ़ किलोमीटर दूर है. एक निजी कुआं है, जहां से पानी भर के लाना पड़ता है. कई बार तो हैंडपंप से पानी भरने के दौरान झूमा-झटकी और झगड़ा भी हो जाता है. ग्रामीणों ने बताया कि पानी की समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों को अवगत कराया है, लेकिन पीने के पानी की व्यवस्था नहीं हो पाई.

लोगों का कहना है कि जब यह हैंडपंप भी बंद हो जाता है, तो करीब डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित एक कुंए से पानी लाना पड़ता है. महिलाओं का कहना है कि पूरा दिन पानी भरने में ही निकल जाता है. मामले की शिकायत करने के बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दो रहा है. गांव के सरपंच राजू लाल का भी कहना है कि गांव में यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है. पानी के लिए बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

नीमच। जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर स्थित गांव मांगरोलचक की आबादी करीब 900 है. जहां गर्मी शुरू होते ही पानी की समस्या शुरू हो गई है. इस पूरे गांव में केवल एक ही हैंडपंप लगा है, जिससे लोग पीने का पानी भरते हैं. पानी के लिए यहां के लोगों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. लंबी-लंबी कतारे लगानी पड़ती हैं, एक-दो घंटे के इंतजार के बाद पानी भरने के लिए नंबर आता है. या फिर दूर दराज के कुंए से पानी लाना पड़ता है.

कोरोना की मार के बीच अब पानी की समस्या


ग्रामीणों का कहना है गांव में सिर्फ एक ही हैंडपंप चालू है, जिसमें पीने योग्य पानी आता है. एक अन्य स्त्रोत है जो गांव से करीब एक से डेढ़ किलोमीटर दूर है. एक निजी कुआं है, जहां से पानी भर के लाना पड़ता है. कई बार तो हैंडपंप से पानी भरने के दौरान झूमा-झटकी और झगड़ा भी हो जाता है. ग्रामीणों ने बताया कि पानी की समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों को अवगत कराया है, लेकिन पीने के पानी की व्यवस्था नहीं हो पाई.

लोगों का कहना है कि जब यह हैंडपंप भी बंद हो जाता है, तो करीब डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित एक कुंए से पानी लाना पड़ता है. महिलाओं का कहना है कि पूरा दिन पानी भरने में ही निकल जाता है. मामले की शिकायत करने के बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दो रहा है. गांव के सरपंच राजू लाल का भी कहना है कि गांव में यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है. पानी के लिए बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

Last Updated : May 1, 2020, 7:06 PM IST
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