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नलवा ढाणी गांव के लोगों की प्रॉब्लम होगी खत्म, नहीं टूटेगा संपर्क

नीमच के नलवा ढाणी गांव के लोगों का संपर्क अब बरसात के दिनों में दूसरे गांवों और जिला मुख्यालय से नहीं टूटेगा. नलवा ढाणी गांव में नाले पर बनने वाली पुलिया का निर्माण कार्य पूरा होने जा रहा है.

Villagers will get relief from lack of bridge in neemch
पुल की कमी से ग्रामीणों को मिलेगी निजात
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Published : Jun 3, 2020, 6:38 AM IST

नीमच। हर साल गांधी सागर बांध में जलस्तर बढ़ने से नीमच जिले के कई गांवों का एक दूसरे से संपर्क टूट जाता है. जिसके चलते लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है. लेकिन अब लोगों की ये परेशानी खत्म होने वाली है. नलवा ढाणी गांव में 29 लाख 78 हजार रुपए की लागत से बनाई जा रही पुलिया का निर्माण कार्य पूरा होने जा रहा है, जिसको लेकर ग्रामीणों में खुशी है.

पुल की कमी से ग्रामीणों को मिलेगी निजात

गांधी सागर बांध का जलस्तर 1310 के पार होते ही मनासा तहसील के कई गांव टापू बन जाते हैं. तहसील मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत नलवा ढाणी गांव है . इस गांव में पहुंचने का मुख्य एक ही मार्ग है जो जल भराव में पानी में डूब जाता था. गांव का कई दिन तक सड़क मार्ग से संपर्क टूट जाता. बच्चे कई दिनों तक सक्ूल नहीं जा पाते.

भारतीय किसान यूनियन के साथ मिलकर लोगों ने पुल निर्माण की मांग को लेकर पिछले साल नाले में अर्धनग्न होकर जल सत्याग्रह किया था, ईटीवी भारत ने ग्रामीणों की समस्या को प्रमुखता दिखाया था, जिसके बाद अधिकारियों ने लिखित में ग्राम वासियों को पुलिया बनाने का आश्वासन दिया. 29 लाख 78 हजार रुपए की लागत से पुलिया का प्रस्ताव पास किया गया था.

नीमच। हर साल गांधी सागर बांध में जलस्तर बढ़ने से नीमच जिले के कई गांवों का एक दूसरे से संपर्क टूट जाता है. जिसके चलते लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है. लेकिन अब लोगों की ये परेशानी खत्म होने वाली है. नलवा ढाणी गांव में 29 लाख 78 हजार रुपए की लागत से बनाई जा रही पुलिया का निर्माण कार्य पूरा होने जा रहा है, जिसको लेकर ग्रामीणों में खुशी है.

पुल की कमी से ग्रामीणों को मिलेगी निजात

गांधी सागर बांध का जलस्तर 1310 के पार होते ही मनासा तहसील के कई गांव टापू बन जाते हैं. तहसील मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत नलवा ढाणी गांव है . इस गांव में पहुंचने का मुख्य एक ही मार्ग है जो जल भराव में पानी में डूब जाता था. गांव का कई दिन तक सड़क मार्ग से संपर्क टूट जाता. बच्चे कई दिनों तक सक्ूल नहीं जा पाते.

भारतीय किसान यूनियन के साथ मिलकर लोगों ने पुल निर्माण की मांग को लेकर पिछले साल नाले में अर्धनग्न होकर जल सत्याग्रह किया था, ईटीवी भारत ने ग्रामीणों की समस्या को प्रमुखता दिखाया था, जिसके बाद अधिकारियों ने लिखित में ग्राम वासियों को पुलिया बनाने का आश्वासन दिया. 29 लाख 78 हजार रुपए की लागत से पुलिया का प्रस्ताव पास किया गया था.

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