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जन्म के बाद बच्चे को मां ने फेंका था कचरे में, अब अमेरिका में होगी परवरिश

नीमच के वात्सल्य गृह में पल रही इशिता की परवरिश अब सात समुंदर पार अमेरिका में होगी. एक अमेरिकी दंपति ने उसे गोद लिया है. गोद लेने के के बाद इशिता का नाम मिनी रखा गया है.

american couple adopted baby girl
सात समंदर पार होगी इशिता की परवरिश
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Published : Dec 7, 2019, 8:42 PM IST

नीमच। जन्म के बाद कलयुगी मां ने जिस मासूम को कचरे के ढेर पर फेंक दिया था अब उसकी परवरिश सात समुंदर पार होगी. शहर के इंदिरा नगर स्थित वात्सल्य गृह में पल रही अबोध बालिका को एक अमेरिकी दंपित ने गोद लिया है. अमेरिका के मिसिसिपी शहर में रहने वाले एक परिवार को भारत सरकार की वेबसाइट के जरिए अबोध बालिका इशिता के बारे में पता चला. जिसके बाद उन्होंने इस मासूम को गोद लेने की इच्छा जाहिर की है. अबोध बालिका को गोद लेने के अमेरिकी दंपति ने खुशी जाहिर की है.

सात समुंदर पार होगी इशिता की परवरिश

कचरे की ढेर में मिली थी बच्ची
अमेरिकी दंपति ने कहा कि बच्ची बहुत प्यारी है, उसकी अच्छे से परवरिश की जाएगी. करीब 22 माह पहले मंदसौर जिले में एक सुनसान इलाके में बच्ची कचरे के ढेर पर पड़ी थी. इसकी सूचना स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी और अबोध बालिका को आसरा मिला गया. बच्ची को तत्काल हॉस्पिटल में एडमिट किया गया और उसकी जान बच गई. इसके बाद उसे नीचम के इंदिरा नगर स्थित वात्सल्य गृह भेजा गया था.

अब अमेरिका में होगी परवरिश
इसके बाद उसे नीमच के इंदिरा नगर स्थित वात्सल्य गृह भेज दिया गया, जहां अनाथ बच्चों के साथ उसे रखा गया. कुपोषण के शिकार मासूम के बारे में अमेरिका के दंपति को भारत सरकार की वेबसाइट कारा के जरिये पता चला. जिसके बाद अमेरिकी दंपति ने इस मासूम को गोद लेने की इच्छा जाहिर कर दी.

अबोध बालिका को गोद लेने के लिए अमेरिकी दंपति को एक माह पहले नीचम बुलाया गया था. यहां आकर दंपति ने गोद लेने की जरूरी औपचारिकताओं के लिए आवेदन किया. इसके बाद अमेरिका दंपति को दोबारा बुलाया गया और बच्ची को सौंप दिया गया.

नीमच। जन्म के बाद कलयुगी मां ने जिस मासूम को कचरे के ढेर पर फेंक दिया था अब उसकी परवरिश सात समुंदर पार होगी. शहर के इंदिरा नगर स्थित वात्सल्य गृह में पल रही अबोध बालिका को एक अमेरिकी दंपित ने गोद लिया है. अमेरिका के मिसिसिपी शहर में रहने वाले एक परिवार को भारत सरकार की वेबसाइट के जरिए अबोध बालिका इशिता के बारे में पता चला. जिसके बाद उन्होंने इस मासूम को गोद लेने की इच्छा जाहिर की है. अबोध बालिका को गोद लेने के अमेरिकी दंपति ने खुशी जाहिर की है.

सात समुंदर पार होगी इशिता की परवरिश

कचरे की ढेर में मिली थी बच्ची
अमेरिकी दंपति ने कहा कि बच्ची बहुत प्यारी है, उसकी अच्छे से परवरिश की जाएगी. करीब 22 माह पहले मंदसौर जिले में एक सुनसान इलाके में बच्ची कचरे के ढेर पर पड़ी थी. इसकी सूचना स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी और अबोध बालिका को आसरा मिला गया. बच्ची को तत्काल हॉस्पिटल में एडमिट किया गया और उसकी जान बच गई. इसके बाद उसे नीचम के इंदिरा नगर स्थित वात्सल्य गृह भेजा गया था.

अब अमेरिका में होगी परवरिश
इसके बाद उसे नीमच के इंदिरा नगर स्थित वात्सल्य गृह भेज दिया गया, जहां अनाथ बच्चों के साथ उसे रखा गया. कुपोषण के शिकार मासूम के बारे में अमेरिका के दंपति को भारत सरकार की वेबसाइट कारा के जरिये पता चला. जिसके बाद अमेरिकी दंपति ने इस मासूम को गोद लेने की इच्छा जाहिर कर दी.

अबोध बालिका को गोद लेने के लिए अमेरिकी दंपति को एक माह पहले नीचम बुलाया गया था. यहां आकर दंपति ने गोद लेने की जरूरी औपचारिकताओं के लिए आवेदन किया. इसके बाद अमेरिका दंपति को दोबारा बुलाया गया और बच्ची को सौंप दिया गया.

Intro:
नीमच के वात्सल्य गृह में पली बिटिया को अपनाया अमेरिकन दंपत्ति ने।
नीमच। जिस मां ने अपनी कोख से पैदा हुई बच्ची को 24 घंटे की उम्र में ही कचरे के ढेर में रोता बिलखता छोड दिया, उसकी तकदीर देखिये की वह अब अमेरिका के परिवार की रानी बिटिया बनने जा रही है। नीमच से यह बिटिया अमेरिका के परिवार के हाथों में पहुंची है। Body: दरअसल करीब 22 माह पूर्व मंदसौर के एक सुनसान इलाके में कचरे के ढेर में पडी मासूम के रोने की आवाज सुन राहगिरों का दिल पसीज गया। पुलिस को सूचना हुई और अबोध बालिका को आसरा मिला। तब बालिका मरणासन्न अवस्था में थी, लेकिन अस्पताल में हुई देखरेख से वह फिर से जी उठी। वहां से इस बिटिया को नीमच के इंदिरा नगर स्थित वात्सल्य गृह को सौंप दिया। जहां पर निराश्रित अनाथ बच्चों को पोषित किया जाता है।
बच्ची के साथ एक और समस्या थी कि वह कुपोषण का शिकार थी। बीते महीनो में इस बिटिया के बारे में अमेरिका के दंपत्ति को भारत सरकार की वेबसाइट कारा के जरिये पता चला। इस पर उन्होने संपर्क कर बिटिया को गोद लेने की मंशा जताई।
Conclusion:बात आगे बढी और एक माह पूर्व उन्हें नीमच बुलाया गया। यहां आकर उन्होने बिटिया को देखा और गोद लेने की जरुरी औपचारिकताओं के लिए आवेदन किया। इस प्रक्रिया में उन्हें एक माह बाद पुनः नीमच आने का समय दिया गया।
इस बिटिया को अपनाने वाले दंपत्ति हैं अमेरिका के मिसिसिपी के निवासी माइकल कोरी हेंकाॅक और एरिना मेगन। दोनो गुरुवार को नीमच पहुंचे, जहां पर न्यायालयीन प्रक्रिया के बाद उन्हें वात्सल्य गृह की प्रभारी उषा गुप्ता द्वारा गोद सौंप दिया गया।

बाइट-01, उषा गुप्ता, चेयरमेन वात्सल्य गृह।
बाइट-02, एलेक्स, केंद्रीय दत्तक प्राधिकरण प्रतिनिधि ।
बाइट-03, माइकल कोरी हेंकाॅक, बच्ची को गोद लेने वाले पिता।
बाइट-04, एरिना मेगन हेंकाॅक, बच्ची को गोद लेने वाली माता।
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