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नरसिंहपुर में गहराया जलसंकट, पानी की एक-एक बूंद के लिये परेशान हो रहे ग्रामीण - gotegaon

ग्रामीण महिलाएं बताती हैं गांव में पानी के साधनों की बेहद कमी है, जबकि जो साधन हैं वह भी ठप्प पड़े हैं. ऐसे में उन्हें पानी की समस्या से रोज दो-चार होना पड़ रहा है. यही वजह है कि गांव में बने शौचालयों में भी पानी नहीं बचा, जिससे लोग मजबूर शौच के लिये बाहर जाते हैं

पानी के लिये भटकते ग्रामीण
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Published : Mar 22, 2019, 8:32 PM IST

नरसिंहपुर। हाथों में खाली वर्तन और साइकिल पर पानी के डिब्बे लादकर ये ग्रामीण रोज इसी तरह पानी की तलाश में घर से निकलते हैं. सुबह होते ही जब गांव की महिलाओं की आंख खुलती है तो कंधे पर खाली वर्तन रखकर गांव से करीब दो किलोमीटर की दूरी तय कर उस हैंडपंप के पास पहुंचती हैं, जिसमें अब कुछ ही दिनों का पानी बचा है. पानी के लिये पथरीले रास्तों पर चलती ये ग्रामीण प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं की पोल खोलती हैं.

वीडियो


ये हाल तब हैं जब गर्मी का मौसम शुरू ही हुआ है, ऐसे में अंजादा लगाया जा सकता है कि नरसिंहपुर जिले के पहाड़ीखेड़ा गांव में मई से अप्रेल के बीच हालात कैसे होंगे. गोटेगांव के विकासखंड के बाशिंदे बताते हैं कि वह रोज इसी तरह पानी के लिये घर निकलते हैं.

पानी के लिये भटकते ग्रामीण
पानी के लिये भटकते ग्रामीण


ग्रामीण महिलाएं बताती हैं गांव में पानी के साधनों की बेहद कमी है, जबकि जो साधन हैं वह भी ठप्प पड़े हैं. ऐसे में उन्हें पानी की समस्या से रोज दो-चार होना पड़ रहा है. यही वजह है कि गांव में बने शौचालयों में भी पानी नहीं बचा, जिससे लोग मजबूर शौच के लिये बाहर जाते हैं

इधर प्रशासन को इस गांव की याद तब आई जब अधिकारियों को यहां के हालात बताये गये, गांव की दुर्दशा पर जिला पंचायत कार्यपालन अधिकारी आरपी अहिरवार गांव से पेयजल संकट मिटाने का आश्वासन दे रहे हैं.अधिकारियों ने मीडिया से तो कह दिया कि कार्रवाई की जाएगी, लेकिन ग्रामीणों को दिया गया अधिकारियों का आश्वासन जमीन स्तर पर पहुंचेगा या फिर सिर्फ एक झुनझुना ही साबित होगा.

नरसिंहपुर। हाथों में खाली वर्तन और साइकिल पर पानी के डिब्बे लादकर ये ग्रामीण रोज इसी तरह पानी की तलाश में घर से निकलते हैं. सुबह होते ही जब गांव की महिलाओं की आंख खुलती है तो कंधे पर खाली वर्तन रखकर गांव से करीब दो किलोमीटर की दूरी तय कर उस हैंडपंप के पास पहुंचती हैं, जिसमें अब कुछ ही दिनों का पानी बचा है. पानी के लिये पथरीले रास्तों पर चलती ये ग्रामीण प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं की पोल खोलती हैं.

वीडियो


ये हाल तब हैं जब गर्मी का मौसम शुरू ही हुआ है, ऐसे में अंजादा लगाया जा सकता है कि नरसिंहपुर जिले के पहाड़ीखेड़ा गांव में मई से अप्रेल के बीच हालात कैसे होंगे. गोटेगांव के विकासखंड के बाशिंदे बताते हैं कि वह रोज इसी तरह पानी के लिये घर निकलते हैं.

पानी के लिये भटकते ग्रामीण
पानी के लिये भटकते ग्रामीण


ग्रामीण महिलाएं बताती हैं गांव में पानी के साधनों की बेहद कमी है, जबकि जो साधन हैं वह भी ठप्प पड़े हैं. ऐसे में उन्हें पानी की समस्या से रोज दो-चार होना पड़ रहा है. यही वजह है कि गांव में बने शौचालयों में भी पानी नहीं बचा, जिससे लोग मजबूर शौच के लिये बाहर जाते हैं

इधर प्रशासन को इस गांव की याद तब आई जब अधिकारियों को यहां के हालात बताये गये, गांव की दुर्दशा पर जिला पंचायत कार्यपालन अधिकारी आरपी अहिरवार गांव से पेयजल संकट मिटाने का आश्वासन दे रहे हैं.अधिकारियों ने मीडिया से तो कह दिया कि कार्रवाई की जाएगी, लेकिन ग्रामीणों को दिया गया अधिकारियों का आश्वासन जमीन स्तर पर पहुंचेगा या फिर सिर्फ एक झुनझुना ही साबित होगा.
Intro:नरसिंहपुर। पानी कहने को तो एक शब्द है पर बिन पानी के सब सूना है, अपने गांव के घर से पथरीले रास्ते से हाथ में गगरी लेकर जाती यह बच्चियां रोज यू ही चक्कर लगाती है, भरी दोपहर में वह गांव से लगे हैंडपुम्प पर पहुँचती है जहाँ पर महिलायों का मेला सा लगा होता है।
यह पहाड़ीखेड़ा गांव का नजारा है जो कि नरसिंहपुर जिले के गोटगांव विकासखण्ड में आता है, इस गांव में सड़क और घर घर शौचालय तो प्रशासन ने बना दी है लेकिन गांव में आजादी के इतने अरसे बाद भी पानी नही पहुँचा है। पहाडीखेड़ा गांव के लोग गांव से डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित हैंडपम्प के जल पर आश्रित है।




Body:इस गांव के वाशिंदे पीने के पानी के लिए मुसीबतों से दो चार होते है, महिलाये अपने माथे पर दो गगरे भरकर पानी लाने को विवश है, पानी की कमी के कारण शौचालय सिर्फ नाम मात्र के बन कर रह गए है शौचालय में मधुमक्खी के छत्ते हो गए है।
इस गांव के लोगो का सारा दिन सिर्फ हेड पंप से घर और घर से हेड पंप तक पिस कर रह गया है।

प्रशासन के चश्मे से यह गांव दिखता ही नही उन्होंने यहां शौचालय तो बना दिये पर उनमें पानी की रहमत देना भूल गए।
इस गांव की दुर्दशा पर जिला पंचायत के कार्यपालन अधिकारी आरपी अहिरवार का कहना है कि वह कल ही इस गांव में जनपद गोटगांव के अधिकारियों को भेजेंगे और पहाड़ीखेडा गांव में पेयजल ओर दैनिक उपभोग के जल की व्यवस्था करवाएंगे।

बाइट
1, कमल ठाकुर ग्रामीण
2, प्रेमबती बाई ग्रामीण
3, शंकरिया बाई ग्रामीण
4, नेतराम ग्रामीण
5,आर पी अहिरवार जिला पंचायत सीईओ


Conclusion:
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