नरसिंहपुर। हाथों में खाली वर्तन और साइकिल पर पानी के डिब्बे लादकर ये ग्रामीण रोज इसी तरह पानी की तलाश में घर से निकलते हैं. सुबह होते ही जब गांव की महिलाओं की आंख खुलती है तो कंधे पर खाली वर्तन रखकर गांव से करीब दो किलोमीटर की दूरी तय कर उस हैंडपंप के पास पहुंचती हैं, जिसमें अब कुछ ही दिनों का पानी बचा है. पानी के लिये पथरीले रास्तों पर चलती ये ग्रामीण प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं की पोल खोलती हैं.
ये हाल तब हैं जब गर्मी का मौसम शुरू ही हुआ है, ऐसे में अंजादा लगाया जा सकता है कि नरसिंहपुर जिले के पहाड़ीखेड़ा गांव में मई से अप्रेल के बीच हालात कैसे होंगे. गोटेगांव के विकासखंड के बाशिंदे बताते हैं कि वह रोज इसी तरह पानी के लिये घर निकलते हैं.
ग्रामीण महिलाएं बताती हैं गांव में पानी के साधनों की बेहद कमी है, जबकि जो साधन हैं वह भी ठप्प पड़े हैं. ऐसे में उन्हें पानी की समस्या से रोज दो-चार होना पड़ रहा है. यही वजह है कि गांव में बने शौचालयों में भी पानी नहीं बचा, जिससे लोग मजबूर शौच के लिये बाहर जाते हैं
इधर प्रशासन को इस गांव की याद तब आई जब अधिकारियों को यहां के हालात बताये गये, गांव की दुर्दशा पर जिला पंचायत कार्यपालन अधिकारी आरपी अहिरवार गांव से पेयजल संकट मिटाने का आश्वासन दे रहे हैं.अधिकारियों ने मीडिया से तो कह दिया कि कार्रवाई की जाएगी, लेकिन ग्रामीणों को दिया गया अधिकारियों का आश्वासन जमीन स्तर पर पहुंचेगा या फिर सिर्फ एक झुनझुना ही साबित होगा.