नरसिंहपुर/बरहटा। मकर संक्रांति पर ग्राम पंचायत बावली व दोन के तहत आने वाले बाणगंगा के उद्गम स्थल पर दो दिवसीय मेला लगेगा, यहां स्थित मंदिरों में काफ़ी प्राचीन प्रतिमाएं विराजित हैं, जो चौदहवीं शताब्दी की मानी जाती हैं, बाणगंगा नदी के कुंड में स्नान करने के लिए विभिन्न स्थानों से श्रद्धालु पहुंचते हैं, जहां पर प्राचीन काल से ही मकर संक्रांति पर मेले का आयोजन हो रहा है, बाणगंगा स्थित मंदिरों का रखरखाव एवं पूजन की व्यवस्था महंत प्रीतमपुरी सिरकोना द्वारा की जाती है, वहीं मेले की व्यवस्थाएं बावली व दौन पंचायत द्वारा की जाती है, इस बार भी यहां मेले का आयोजन परंपरागत तौर पर होगा, इस दौरान लोगों को कोरोना गाइड लाइन का पालन करना होगा.
- मकर संक्रांति पर होगा दो दिवसीय मेले का आयोजन
ग्राम पंचायत बावली व दोन के तहत आने वाले बाणगंगा के उद्गम स्थल पर मकर संक्रांति पर दो दिवसीय मेला लगेगा यहां स्थित मंदिरों में काफ़ी प्राचीन प्रतिमाएं विराजित हैं जो चौदहवीं शताब्दी की मानी जाती हैं
- बाणगंगा नदी के कुंड में श्रद्धालु करेंगे स्नान
बाणगंगा नदी के कुंड में स्नान करने के लिए विभिन्न स्थानों से श्रद्धालु पहुंचते हैं, जहां पर प्राचीन काल से ही मकर संक्रांति पर मेले का आयोजन हो रहा है, बाणगंगा स्थित मंदिरों का रखरखाव एवं पूजन की व्यवस्था महंत प्रीतमपुरी सिरकोना द्वारा की जाती है, वहीं मेले की व्यवस्थाएं बावली व दौन पंचायत द्वारा की जाती है, इस बार भी यहां मेले का आयोजन परंपरागत तौर पर होगा, इस दौरान लोगों को कोरोना गाइड लाइन का पालन करना होगा, मंदिर के व्यवस्थापक श्री प्रीतपुरी व बबलूगिरी गोस्वामी, पुजारी तुलसीगिरी ने बताया कि मेला आयोजन की तैयारियां की जा रही हैं.
- मेले में कोरोना गाइडलाइन का करना होगा पालन
मंदिर के व्यवस्थापक प्रीतपुरी व बबलूगिरी गोस्वामी, पुजारी तुलसीगिरी ने बताया कि मेला आयोजन की तैयारियां की जा रही हैं, कोरोना को देखते हुए मेले में सभी सुरक्षा व्यवस्थाएं की जाएगी, बाणगंगा कुंड के सामने गरुणमंदिर स्थित है, वहीं भगवान गणेश की यहां काफी प्राचीन प्रतिमा विराजित है.