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शिक्षक ने बच्चों का बोझ किया कम, स्कूल में बनाया बुक बैंक - Bouchhar village Kanya Madhyamik school

नरसिंहपुर के बौछार गांव के कन्या माध्यमिक स्कूल के एक शिक्षक ने बच्चों को बस्ते के बोझ से राहत देने के लिए स्कूल के हर क्लास में बुक बैंक बनाकर नई व्यवस्था की है. जिससे बच्चों को अब स्कूल में किताबें नहीं लानी पड़ती है.

book bank built in the school
नरसिंहपुर के शिक्षक की पहल
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Published : Nov 29, 2019, 2:35 PM IST

Updated : Nov 29, 2019, 3:21 PM IST

नरसिंहपुर। जिले के सरकारी स्कूल के एक टीचर ने अनोखी मिसाल पेश की है. टीचर ने स्कूल में ही बुक बैंक बनाकर बच्चों के बस्ते के बोझ को कम कर दिया. शिक्षक की सराहनीय पहल से जिले के आलाधिकारी काफी प्रभावित हुए हैं. और जिले के दूसरे सरकारी स्कूलों में भी बुक बैंक को लागू करने की बात कह रहे हैं.

नरसिंहपुर के शिक्षक की पहल

नरसिंहपुर के बौछार गांव के कन्या माध्यमिक स्कूल में कक्षा 6 से 8वीं तक की पढ़ाई होती है. स्कूल में बच्चों को भारी भरकम बैग उठाकर लाना पड़ता था. जिससे उन्हें परेशानी होती थी. लेकिन स्कूल के शिक्षक आनंद नेमा ने बच्चों के लिए स्कूल की हर क्लास में बुक बैंक बना दिया.

इस बुक बैंक में कोर्स की बुक के साथ-साथ जीके, कम्प्यूटर और अन्य कई किताबे रखी गई है. इस पहल की वजह से बच्चों को घर से किताबों का बोझ उठाकर नहीं लाना पड़ता है और बच्चे स्कूल में रखी किताबों से पढ़ने लगते हैं. इतना ही नहीं शिक्षक आनंद नेमा ने बिना सरकारी मदद से स्कूल में मॉडल क्लास के जरिए जनभागीदारी से एलसीडी टीवी लगवाई है जिसे बच्चे भी स्कूली शिक्षा के सामान्य ज्ञान और देश-दुनिया में होने वाली गतिविधियों के ज्ञान से भी अवगत कराया जा सके.

इस पर जिले के कलेक्टर ने भी सरकारी शिक्षक की इस मुहिम की काफी सराहना की है. कलेक्टर अब इस पैटर्न को जिले के दूसरे स्कूलों में भी लागू करने की बात कह रहे हैं. स्कूली छात्राएं भी शिक्षक की इस पहल से बेहद खुश हैं कि उन्हें बस्ते के बोझ से छुटकारा मिल गया है. उनका कहना है कि बेवजह के बोझ से उन्हें मुक्ति मिल गई है और मानसिक थकान के साथ-साथ शारीरिक थकान से भी छुटकारा मिलने लगा है.

नरसिंहपुर। जिले के सरकारी स्कूल के एक टीचर ने अनोखी मिसाल पेश की है. टीचर ने स्कूल में ही बुक बैंक बनाकर बच्चों के बस्ते के बोझ को कम कर दिया. शिक्षक की सराहनीय पहल से जिले के आलाधिकारी काफी प्रभावित हुए हैं. और जिले के दूसरे सरकारी स्कूलों में भी बुक बैंक को लागू करने की बात कह रहे हैं.

नरसिंहपुर के शिक्षक की पहल

नरसिंहपुर के बौछार गांव के कन्या माध्यमिक स्कूल में कक्षा 6 से 8वीं तक की पढ़ाई होती है. स्कूल में बच्चों को भारी भरकम बैग उठाकर लाना पड़ता था. जिससे उन्हें परेशानी होती थी. लेकिन स्कूल के शिक्षक आनंद नेमा ने बच्चों के लिए स्कूल की हर क्लास में बुक बैंक बना दिया.

इस बुक बैंक में कोर्स की बुक के साथ-साथ जीके, कम्प्यूटर और अन्य कई किताबे रखी गई है. इस पहल की वजह से बच्चों को घर से किताबों का बोझ उठाकर नहीं लाना पड़ता है और बच्चे स्कूल में रखी किताबों से पढ़ने लगते हैं. इतना ही नहीं शिक्षक आनंद नेमा ने बिना सरकारी मदद से स्कूल में मॉडल क्लास के जरिए जनभागीदारी से एलसीडी टीवी लगवाई है जिसे बच्चे भी स्कूली शिक्षा के सामान्य ज्ञान और देश-दुनिया में होने वाली गतिविधियों के ज्ञान से भी अवगत कराया जा सके.

इस पर जिले के कलेक्टर ने भी सरकारी शिक्षक की इस मुहिम की काफी सराहना की है. कलेक्टर अब इस पैटर्न को जिले के दूसरे स्कूलों में भी लागू करने की बात कह रहे हैं. स्कूली छात्राएं भी शिक्षक की इस पहल से बेहद खुश हैं कि उन्हें बस्ते के बोझ से छुटकारा मिल गया है. उनका कहना है कि बेवजह के बोझ से उन्हें मुक्ति मिल गई है और मानसिक थकान के साथ-साथ शारीरिक थकान से भी छुटकारा मिलने लगा है.

Intro:नरसिंहपुर के सरकारी स्कूल के एक टीचर ने एक अनुभव पहल की है स्कूल के टीचर ने स्कूल में ही बुक बैंक बनाकर बच्चों के बस्ते के बोझ को कम कर दिया है जिले के तमाम आला अधिकारी भी इस पहल से काफी प्रभावित है और अब जिले भर के स्कूल में लागू करने का मन बना रहे हैं


Body:नरसिंहपुर के सरकारी स्कूल के एक टीचर ने एक अनुभव पहल की है स्कूल के टीचर ने स्कूल में ही बुक बैंक बनाकर बच्चों के बस्ते के बोझ को कम कर दिया है जिले के तमाम आला अधिकारी भी इस पहल से काफी प्रभावित है और अब जिले भर के स्कूल में लागू करने का मन बना रहे हैं

नरसिंहपुर की बौछार गांव का यह कन्या माध्यमिक शाला जहां कक्षा 6 से लेकर 8 तक की पढ़ाई होती है स्कूल में 80 से ज्यादा छात्र छात्राएं हैं इन तस्वीरों को देखिए लोहे के बने इस रेट में बड़े ही सलीके से किताब रखी हुई है और इन किताबों के जरिए ही स्कूल में पढ़ाई होती है बच्चों को घर से भारी भरकम लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती स्कूल में अध्यापन के वक्त नाम बार बच्चे अपनी-अपनी उठाते हैं और पढ़ाई करते हैं और फिर जाते समय इन्हीं रातों में पुस्तकों को रख कर घर चले जाते हैं स्कूल स्कूली बस्ते का बोझ कम करने का यह तरीका यहां के एक शिक्षक आनंद निकाला है इतना ही नहीं शिक्षक आनंद नेमा ने बिना सरकारी मदद से स्कूल में मॉडल क्लास के जरिए जनभागीदारी से एलसीडी टीवी लगवाई है जिसे छात्राएं को भी स्कूली शिक्षा के सामान्य ज्ञान और देश-दुनिया में होने वाली गतिविधियों के ज्ञान से भी अवगत कराया जा सके ताकि आगे चलकर कंपटीशन एग्जाम की तैयारी कर उनके जीवन में मील का पत्थर साबित सके

स्कूली छात्राएं भी शिक्षक की इस पहल से बेहद खुश हैं कि उन्हें बस्ते के बोझ से छुटकारा मिल गया है इनका कहना है कि बेवजह के बोझ से उन्हें मुक्ति मिल गई है और मानसिक थकान के साथ-साथ शारीरिक थकान से भी छुटकारा मिलने लगा है जिसका सीधा असर अब हमारी पढ़ाई पर ही पड़ेगा क्योंकि अब हम सिर्फ जरूरी को पुस्तक और कॉपी किताब लेकर आते हैं जिससे हमें घर पर पढ़ाई करनी होती है बाकी साथी और अन्य संस्थान स्कूल के युवकों पर रखकर जाते हैं इसका फायदा दूसरा यह भी है कि उसने घूमती आने का डर भी नहीं रहता है और बारिश के दिनों में काफी किताबों को जीने का डर भी नहीं रहता है इस बुक बैंक को लेकर छात्रों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है


जिले के कलेक्टर भी सरकारी शिक्षक की इस मुहिम को काफी सराय ना कर रहे हैं जहां कलेक्टर एक और इस पैटर्न को जिले में अन्य स्कूलों में भी लागू करने की बात कह रहे हैं

बस्ते का बोझ कम करने के लिए सरकार और कई शिक्षाविद सालों से जोर देते रहे हैं ऐसे में कन्या स्कूल के टीचर की स्वयं प्रेरणा से की गई पहल वाकई में काबिले तारीफ है

वाइट01 दीपक सक्सेना कलेक्टर नरसिंहपुर
वाइट02 काजल काछी छात्रा
वाइट03 आनंद नेमा शिक्षक


Conclusion:बस्ते का बोझ कम करने के लिए सरकार और कई शिक्षाविद सालों से जोर देते रहे हैं ऐसे में कन्या स्कूल के टीचर की स्वयं प्रेरणा से की गई पहल वाकई में काबिले तारीफ है
Last Updated : Nov 29, 2019, 3:21 PM IST
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