नरसिंहपुर। हमेशा आपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने एक फिर बड़ा बयान दिया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधते हुए स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि RSS वेदों पर विश्वास नहीं करते और जो वेदों पर विश्वास नहीं रखते है, वो हिन्दू कैसे हो सकते हैं.
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने गोलवरकर द्वारा रचित संघ के ग्रन्थ "विचार नवनीत" को आधार बनाते हुए कहा कि ग्रन्थ में लिखा गया है कि हिंदुओं की एकता का आधार वेद नहीं हो सकता. यदि वेद को हम हिंदुओं की एकता का आधार मानेंगे, तो जैन और बौद्ध हमसे कट जाएंगे, वो भी हिंदू हैं.
साथ ही स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि वो ये मानते हैं, कि जो वेदों के धर्म-अधर्म पर विश्वास रखता है, वहीं हिंदू है. वेद-शास्त्रों में जो विधिशेध हैं. उनको जो मानता हैं उसी को आस्तिक माना जाता है, और जो आस्तिक होता है वही हिंदू होता है.
शंकराचार्य ने उमा भारती के गंगा सफाई को लेकर सरकारी काम पूरे होने के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि गंगा में प्रस्तावित बांध निरस्त नहीं हुए है और न गंदे नाले, कारखानों का पानी गंगा में मिलना बंद हुआ. मंत्री बनने के बाद काम न होने पर डूबकर मरने की बात तक उमा भारती ने कही थी. स्वरूपानंद का कहना है कि जब आप गंगा कि अविरल धारा बहने नहीं दे रहे और गंदे पानी तक को नहीं रोक पाए तो अब क्या उम्मीद कर सकते हैं.