नरसिंहपुर। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती लंबी बीमारी के बाद रविवार को ब्रह्मलीन हो गए. स्वामी स्वरूपानंदजी आजादी की लड़ाई में जेल भी गए थे. उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी थी. निधन के बाद उन्हें मणिदीप आश्रम से पालकी पर सवार कर भक्त गंगा कुंड स्थल ले गए. यहां समाधि स्थल का शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के परम शिष्य सदानंद जी महाराज ने समाधि स्थल का निरीक्षण किया.(Swaroopanand Saraswati Death)
गंगा आश्रम से परमलोक की यात्रा: आश्रम द्वारा एक प्रेस नोट भी जारी किया गया है, इस प्रेस नोट में महराज द्वारा देश के लिए दिए गए योगदान, महराज के जीवन काल से जुड़ी जानकारी के बारे में उल्लेख किया गया है. साथ ही शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उपदेशों के बारे में भी वर्णन किया गया है. वह नरसिंहपुर जिले के आश्रम में ही रह रहे थे. झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की निधन की सूचना के बाद आश्रम में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी.
MP: ब्रह्मलीन हुए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, 99 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
भारी पुलिस बल भी तैनात: निधन की खबर से उनके पूरा आश्रम शोकाकुल है. आश्रम में लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचने लगे. जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज को मणिदीप आश्रम से गंगा कुंड स्थल पालकी पे सवार कर भक्तों द्वारा ले जाया जा रहा है. यहां सभी भक्तजनों को दर्शन होंगे. भारी संख्या में यहां श्रद्धालु मौजूद हैं. भारी पुलिस बल भी तैनात है. वीआईपी लोगों का आना शुरू हो गया है.(Swaroopanand Saraswati Death)