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अयोध्या मामले पर न हो राजनीति, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी करें सम्मान- शंकराचार्य

शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती ने अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए. इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती
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Published : Nov 11, 2019, 7:48 PM IST

नरसिंहपुर। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए. इस तरह के मसलों पर विवाद न हो.

शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती

शंकराचार्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सभी को अमल करना चाहिए. कोर्ट ने जो भी कहा वो सभी को मान्य है. राम मंदिर के नाम पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने जो भी फैसला सुनाया है उसका पालन सभी करें. क्योंकि यह एक देश का बड़ा मुद्दा था. जो अब खत्म हो गया है.

शंकराचार्य ने कहा कि आपसी विवाद नहीं होना चाहिए. शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती नरसिंहपुर पहुंचे थे. जहां उन्होंने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और सभी से इसका सम्मान करने की बात कही.

नरसिंहपुर। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए. इस तरह के मसलों पर विवाद न हो.

शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती

शंकराचार्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सभी को अमल करना चाहिए. कोर्ट ने जो भी कहा वो सभी को मान्य है. राम मंदिर के नाम पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने जो भी फैसला सुनाया है उसका पालन सभी करें. क्योंकि यह एक देश का बड़ा मुद्दा था. जो अब खत्म हो गया है.

शंकराचार्य ने कहा कि आपसी विवाद नहीं होना चाहिए. शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती नरसिंहपुर पहुंचे थे. जहां उन्होंने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और सभी से इसका सम्मान करने की बात कही.

Intro:राम जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति के संस्थापक और सुप्रीम कोर्ट में पक्षकार शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि कारसेवकों ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद को नहीं मंदिर को किया था ध्वस्त ,मस्जिद होने के नहीं है कोई प्रमाण 5 एकड़ भूमि देना अनुचित इस पर शंकराचार्य ने तर्क देते हुए कहा है कि ढांचा तोड़ते समय वहां मंदिर नाम की कोई चीज नहीं थी न ही वहां बाबर का कुआ था Body:
ब्रेकिंग - राम जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति के संस्थापक और सुप्रीम कोर्ट में पक्षकार शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि कारसेवकों ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद को नहीं मंदिर को किया था ध्वस्त ,मस्जिद होने के नहीं है कोई प्रमाण 5 एकड़ भूमि देना अनुचित इस पर शंकराचार्य ने तर्क देते हुए कहा है कि ढांचा तोड़ते समय वहां मंदिर नाम की कोई चीज नहीं थी न ही वहां बाबर का कुआ था न ही मस्जिद की मीनार था न कोई अन्य साक्ष्य बल्कि वहां मंगल कलश,हनुमान प्रतिमा और गर्भ ग्रह में परिकमा थी ये सब मंदिर की निशानी है जो हिन्दुओं द्वारा तोड़ा गया वह मंदिर था जिसमें राम चबूतरा ,सीता की रसोई हनुमान मूर्ति और वाराह मूर्ति तोड़ी है फिर मस्जिद तोड़ने के नाम पर क्यों पक्षपात किया जा रहा है और क्यों 5 एकड़ भूमि दी जा रही है जबकि यह कारसेवकों की खुरापात थी .....हम आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे पुराने केस में ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. इस फैसले में कोर्ट ने विवादित जमीन का हक रामजन्मभूमि न्यास को दिया है. जबकि मुस्लिम पक्ष यानी सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही दूसरी जगह पर 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है

बाइट 01 जगतगुरु शंकराचार्य महाराज
बाइट 02 जगतगुरु शंकराचार्य महाराजConclusion:सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे पुराने केस में ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. इस फैसले में कोर्ट ने विवादित जमीन का हक रामजन्मभूमि न्यास को दिया है. जबकि मुस्लिम पक्ष यानी सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही दूसरी जगह पर 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है
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