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नर्मदा किनारे मिले आदिमानव के अवशेष, 3 हजार से 3 लाख साल पुराने हैं जीवाश्म - researchers

IISR की अन्वेषण टीम सिंघु घाटी और हड़प्पा की तरह ही नर्मदा घाटी सभ्यता की खोज कर रही है, जिसमें उसे बड़ी सफलता मिली है.

आदिमानव के अवशेष
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Published : Jul 5, 2019, 9:14 AM IST

नरसिंहपुर। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च मोहाली के अनुसंधानकर्ता की टीम ने नरसिंहपुर में नर्मदा की तलछटी में 3000 साल से 3 लाख वर्ष पुराने जीवाश्म और पाषाण अवशेष की खोज की है, जो बेहद अहम मानी जा रही है. मोहाली से आए शोधकर्ता यहां आदिमानव की जीवनशैली और उनके पाषाण युग के शोध पिछले 6 माह से कर रहे हैं.

आदिमानव के अवशेष


IISR की अन्वेषण टीम सिंघु घाटी और हड़प्पा की तरह ही नर्मदा घाटी की सभ्यता की खोज करने नरसिंहपुर आई हुई है. शोधकर्ता वैज्ञानिकों ने बताया कि नर्मदा घाटी सभ्यता लगभग लाख वर्ष पुरानी है, जो अब विलुप्त हो चुकी है. उन्होंने बताया कि आदि मानव नर्मदा किनारे रहते थे और नदी किनारे आदिमानव के औजारों के अवशेष मिलना इसका प्रमाण है. साथ ही लगभग 3 हजार साल पहले जो जलीय जीव और वन्यप्राणी विलुप्त हो चुके, उनके भी जीवाश्म मिले हैं.

नरसिंहपुर। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च मोहाली के अनुसंधानकर्ता की टीम ने नरसिंहपुर में नर्मदा की तलछटी में 3000 साल से 3 लाख वर्ष पुराने जीवाश्म और पाषाण अवशेष की खोज की है, जो बेहद अहम मानी जा रही है. मोहाली से आए शोधकर्ता यहां आदिमानव की जीवनशैली और उनके पाषाण युग के शोध पिछले 6 माह से कर रहे हैं.

आदिमानव के अवशेष


IISR की अन्वेषण टीम सिंघु घाटी और हड़प्पा की तरह ही नर्मदा घाटी की सभ्यता की खोज करने नरसिंहपुर आई हुई है. शोधकर्ता वैज्ञानिकों ने बताया कि नर्मदा घाटी सभ्यता लगभग लाख वर्ष पुरानी है, जो अब विलुप्त हो चुकी है. उन्होंने बताया कि आदि मानव नर्मदा किनारे रहते थे और नदी किनारे आदिमानव के औजारों के अवशेष मिलना इसका प्रमाण है. साथ ही लगभग 3 हजार साल पहले जो जलीय जीव और वन्यप्राणी विलुप्त हो चुके, उनके भी जीवाश्म मिले हैं.

Intro:इंडियन इंस्टीयूट ऑफ साइंस एडुकेशन एड रिसर्च मोहाली (भारत सरकार ) के अनुसंधानकर्ता की टीम ने नरसिंहपुर में नर्मदा की तलछटी में  3000 साल से 3 लाख वर्ष पुराने जीवाश्म और पाषाण अवशेष की खोज की है जो बेहद अहम मानी जा रही है मोहाली से आये शोधकर्ताओं द्वारा यहां  आदिमानव की जीवनशैली और उनके पाषाण युग के शोध पिछले छह माह से किया जा रहा था Body:एंकर विसुअल बाइट -इंडियन इंस्टीयूट ऑफ साइंस एडुकेशन एड रिसर्च मोहाली (भारत सरकार ) के अनुसंधानकर्ता की टीम ने नरसिंहपुर में नर्मदा की तलछटी में  3000 साल से 3 लाख वर्ष पुराने जीवाश्म और पाषाण अवशेष की खोज की है जो बेहद अहम मानी जा रही है मोहाली से आये शोधकर्ताओं द्वारा यहां  आदिमानव की जीवनशैली और उनके पाषाण युग के शोध पिछले छह माह से किया जा रहा था  शोधकर्ता वैज्ञानिकों ने बताया नर्मदा घाटी सभ्यता लगभग लाख वर्ष पुरानी है जहां अनोको ऐसी पाषण काल मे थी जो अब बिलुप्त हो चुकी है वह नर्मदा किनारे रहती है और आदिमानव के ओजार मिलना और उनके अवशेष मिलना इसका प्रमाण है  साथ ही लगभग तीन हजार साल पहले जो जलीय जीव और वन्यप्राणी विलुप्त हो चुके उनके भी जीवाश्म मिले है आईआईएसआर की अन्वेषण टीम सिंघु घाटी और हड़प्पा की तरह ही नर्मदा घाटी की सभ्यता की खोज करने यहा आई हुई है
बाइट 01- दीपक सक्सेना कलेक्टर नरसिंहपुर
बाइट 02- तोषाबँटा प्रधान , शोषकर्ता ,आईआईएसआर मोहाली


Conclusion:शोधकर्ता वैज्ञानिकों ने बताया नर्मदा घाटी सभ्यता लगभग तीन लाख वर्ष पुरानी है जहां अनोको ऐसी पाषण काल मे थी जो अब बिलुप्त हो चुकी है वह नर्मदा किनारे रहती है और आदिमानव के ओजार मिलना और उनके अवशेष मिलना इसका प्रमाण है  साथ ही लगभग तीन हजार साल पहले जो जलीय जीव और वन्यप्राणी विलुप्त हो चुके उनके भी जीवाश्म मिले है आईआईएसआर की अन्वेषण टीम सिंघु घाटी और हड़प्पा की तरह ही नर्मदा घाटी की सभ्यता की खोज करने यहा आई हुई है
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