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नरसिंहपुर: नदियों को प्रदूषण से बचाने के लिए किसान बना रहा गोबर के दीपक

नर्मदा को प्रदूषण से बचाने के लिए नरसिंहपुर के किसान रोशनलाल विश्वकर्मा ने गोबर से दिया बनाना चालू किया है. इसके लिए उन्होंने एक ऐसी मशीन बनाई है जो गोबर के दीपक बनाती है.

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Published : Apr 28, 2019, 8:00 AM IST

किसान बना रहा गोबर के दीपक

नरसिंहपुर। नर्मदा नदी सभी की आस्था का केंद्र है. शाम के समय नर्मदा तटों पर दीपदान की परंपरा है. लेकिन दीपदान में उपयोग करने वाले दिए प्लास्टिक के होते हैं जिसने नर्मदा प्रदूषित होती है. इस प्रदूषण से नर्मदा को बचाने के लिए जिले के किसान रोशनलाल विश्वकर्मा ने गोबर से दिया बनाना चालू किया है. गोबर के दिए हाथ से बनाना मुश्किल है, इसके लिए उन्होंने एक ऐसी मशीन बनाई है जो गोबर के दीपक बनाती है.

किसान बना रहा गोबर के दीपक

किसान रोशनलाल बताते हैं कि बहुत से पर्वों पर नर्मदा नदी के किनारे पूजा के लिए जाते हैं, जहां महिलाएं दीपदान करती हैं और दीपदान के लिए प्लास्टिक के दोने का उपयोग किया जाता है. प्लास्टिक के दिए जल में जाकर प्रदूषण फैलाते हैं, इसके लिए गोबर से दीपक बनाने की मशीन बनाई. जिसमें गोबर में अनाज मिलाया जाता है ताकि दिया जल में घुलने पर मछलियों के दाने के लिए प्रयोग किया जा सके.

नरसिंहपुर। नर्मदा नदी सभी की आस्था का केंद्र है. शाम के समय नर्मदा तटों पर दीपदान की परंपरा है. लेकिन दीपदान में उपयोग करने वाले दिए प्लास्टिक के होते हैं जिसने नर्मदा प्रदूषित होती है. इस प्रदूषण से नर्मदा को बचाने के लिए जिले के किसान रोशनलाल विश्वकर्मा ने गोबर से दिया बनाना चालू किया है. गोबर के दिए हाथ से बनाना मुश्किल है, इसके लिए उन्होंने एक ऐसी मशीन बनाई है जो गोबर के दीपक बनाती है.

किसान बना रहा गोबर के दीपक

किसान रोशनलाल बताते हैं कि बहुत से पर्वों पर नर्मदा नदी के किनारे पूजा के लिए जाते हैं, जहां महिलाएं दीपदान करती हैं और दीपदान के लिए प्लास्टिक के दोने का उपयोग किया जाता है. प्लास्टिक के दिए जल में जाकर प्रदूषण फैलाते हैं, इसके लिए गोबर से दीपक बनाने की मशीन बनाई. जिसमें गोबर में अनाज मिलाया जाता है ताकि दिया जल में घुलने पर मछलियों के दाने के लिए प्रयोग किया जा सके.

Intro:एंकर। नरसिंहपुर। नर्मदा नदी सभी की आस्था का केंद्र है, नदी में शाम को भक्त उमड़ते है और नर्मदा तट पर नर्मदा जल का आचमन करके नर्मदा स्तुति करते है, इस स्तुति के बाद नर्मदा जी मे दीपक प्रवाहित किये जाते है, जिसके लिए मिट्टी के बने दीपक में बाती ओर तेल के जरिये नर्मदा जी की आरती करके दीपक बहते पानी मे प्रवहित किया जाता है, क्योकि दीपक मिट्टी का होता है इसलियें उसके नीचे प्लास्टिक का दोना रखकर जल में डाला जाता है, ताकि दीपक डूबे नही,लेकिन प्लास्टिक का दोना डालने से नदी प्रदूषित होती है, इसी कमी को दूर करने के लिए नरसिंहपुर के किसान रोशनलाल विश्वकर्मा ने गोबर से दिया बनाना चालू किया है, क्योकि गोबर से हाथ से दिया बनाना मुश्किल काम है, इसके लिए उन्होंने एक ऐसी मशीन बनाई है जो गोबर के दीपक बनाती है।


Body:वीओ 2 किसान रोशनलाल बताते है कि बहुत से पर्वो पर हम नर्मदा नदी के किनारे पूजा के लिए जाते है, जहां महिलाएं दीपक नर्मदा जी मे प्रवाहित करती है अब क्योकि वह प्लास्टिक के दोने को प्रयोग में लाती है जिसके कारण वह दोना मवेशियों के मुंह मे जाकर या जल में जाकर प्रदूषण फैलाता है, इसके लिए गोबर से दीपक बनाने की मशीन बनाई जिसमें गोबर में अनाज मिलाया जाता है ताकि दिया जल में घुलने पर मछलियों के दाने के लिए प्रयोग किया जा सके।

बाइट रोशनलाल विश्वकर्मा किसान


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