नरसिंहपुर। कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में एक पटवारी द्वारा फर्जी ढंग से जमीन का नामांतरण करने का मामला आया. जिसमें किसान ने कलेक्टर से मांग की है कि उसकी जमीन का उसे मालिकाना हक दिलाया जाए और रिकॉर्ड में दुरुस्त की जाए. क्योंकि वो उसकी पैतृक जमीन है.
नरसिंहपुर के गोटेगांव में एक पटवारी द्वारा कृषक बाबूलाल की करीब 11 एकड़ जमीन फर्जी तरीके से मदन लाल गोंड के नाम दर्ज कर दी गई है. जब वास्तविक किसान को इसकी जानकारी लगी तब तक बहुत देर हो चुकी थी.10 सालों से लगातार कोर्ट के चक्कर काट-काट के किसान परेशान हो चुका है. किसान की स्थिति बहुत खराब है. वो भुखमरी की कगार पर आ गया है.
किसान ने कहा कि सालों से वो उस पर खेती करते आ रहा था, लेकिन सन 1995 में उसने डूंगरिया गांव के गोंड आदिवासी समाज के लोगों को वो जमीन सिकमी किराए पर खेती करने दी थी, जिसके बाद से वर्तमान समय में पदस्थ रहे पटवारी ने फर्जी ढंग से रिकार्डों में हेर-फेर करते हुए, उसकी जमीन आदिवासियों के नाम पर दर्ज कर दी.
वास्तव किसान बाबूलाल की मांग है कि उसे मालिकाना हक दिलाया जाए. वहीं जिला पंचायत सीओ कमलेश भार्गव का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी और जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी.