नरसिंहपुर। जिले के शासकीय समुदाय स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ अधिकारी, कर्मचारी जिला प्रशासन के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं, जबकि जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा समस्त विभागीय अधिकारी कर्मचारियों को शासन के निर्देशानुसार सोशल डिस्टेंसिंग सहित समस्त नियमों का पालन करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं. इसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ डॉक्टर नियमों का पालन नहीं कराते हुए जिला प्रशासन के आदेशों का उल्लंघन करते हुए नजर आए.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मंगलवार के दिन स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने हेतु पहुंचे मरीजों के लिए स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टरों द्वारा किसी भी प्रकार की कोई सुरक्षा की दृष्टि से सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई, ना ही इलाज के लिए लाइन में लगे हुए मरीजों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया गया और ना ही मरीजों के लिए सेनिटाइजर और मास्क की व्यवस्था कराई गई. इतना ही नहीं सैकड़ों की तादाद में मरीज खुलेआम शासन प्रशासन द्वारा लागू किए गए नियमों का उल्लंघन करते हुए नजर आए.
ऐसे में ड्यूटी पर पदस्थ डॉक्टर सहित समस्त स्टाफ मौन धारण कर तमाशाबीन बने रहे, जबकि केंद्र और राज्य सरकार लगातार विभिन्न प्रकार के नारे, स्लोगन के माध्यम से 2 गज की दूरी बनाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है. फिर भी स्वास्थ्य विभाग में मरीजों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते हुए देखे जाने के उपरांत भी जवाबदार डॉक्टरों द्वारा मरीजों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना कराना बड़े ही हैरत की बात है.
जबकि जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने स्वास्थ्य कर्मियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया है कि स्वास्थ्य केंद्र में आने वाले समस्त मरीजों को शासन के निर्देशानुसार सेनिटाइजर, मास्क के साथ-साथ बार-बार हाथ धोने की व्यवस्था उपलब्ध कराने के अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए मरीजों को लगभग 2 गज की दूरी बनाकर खड़े और बैठने की व्यवस्था की जाए, पर चिलचिलाती धूप से मरीज के आने पर परिसर में भीषण गर्मी से बचने के लिए ना ही कोई व्यवस्था की गई. तभी तो मरीज भीषण गर्मी से बचने के लिए जल्दी इलाज होने के चक्कर में खुलेआम सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते रहे.
आम नागरिकों ने जिला कलेक्टर से स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ डॉक्टरों और कर्मचारियों द्वारा अपनाई जा रही कार्यप्रणाली और मनमानी पूर्ण रवैया सोशल डिस्टेंसिंग सहित समस्त नियमों के पालन में सुधार कराए जाने के साथ-साथ लापरवाही अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की.