नरसिंहपुर। जिले के गाडरवारा में एक जगह ऐसी है जहां आध्यात्मिक गुरू ओशो ने 14 साल की उम्र में मौत का सामना किया था. गाडरवारा में शक्कर नदी के तट पर एक ओशोलीला आश्रम स्थित है, जहां मान्यता है कि ध्यानमग्न ओशो के ऊपर से एक सांप गुजरा था. इस घटना स्थल को ओशोभक्त मृत्यु बोध स्थल कहते हैं.
आश्रम में आज भी वो जगह मौजूद है जहां सन्यासी ध्यान करने आते थे. आश्रम संयासियों ने का कहना है कि आचार्य रजनीश उर्फ ओशो के जन्म के समय ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की थी कि जीवन में हर सातवें साल इनके ऊपर मौत का साया रहेगा. जब ओशो सात साल के हुए तो उनके नानाजी की मौत उनके सामने हो गयी. लोगों ने कहा कि नानाजी ने उनकी जगह मौत को पाए. यह बात ओशो के दिमाग में घर करती गयी.
ओशो ने अपने 14 साल की उम्र में मौत का सामना करने की ठानी और वह खुद एक खण्डर में सात दिन के लिए रहने चले गए, वही एक सांप उनके ऊपर से निकल गया. जिसे उनके भक्त उनका चमत्कार माना और उसे ओशोलीला का पहला स्थल कहते हैं.