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ये है नरसिंहपुर का सरकारी स्कूल, यहां 'स्मार्ट क्लास' में पढ़ते हैं बच्चे - नरसिंहपुर का हाईटेक स्कूल

इस स्कूल में चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी, डिजिटल क्लासरूम प्रोजेक्टर, एलसीडी स्क्रीन से शिक्षण और स्किल डेवलपमेंट आधारित व्यावसायिक शिक्षा यह किसी प्राइवेट शिक्षण संस्थान की बात नहीं है बल्कि नरसिंहपुर जिले के आखिरी छोर एक दूरस्थ ग्राम सिमरिया के सरकारी स्कूल की कहानी है.

नरसिंहपुर हाईटेक सरकारी स्कूल
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Published : Oct 21, 2019, 7:18 PM IST

Updated : Oct 21, 2019, 9:38 PM IST

नरसिंहपुर। सरकारी स्कूलों का नाम सुनते ही मन में जर्जर भवन, अंधेरे बदबूदार कमरे और लचर शिक्षा व्यवस्था की तस्वीरें सामने आती हैं. लेकिन प्रदेश के नरसिंहपुर में एक हाईटेक सरकारी स्कूल है जिसे देखकर आप भी दंग रह जाएंगे. स्मार्ट क्लास, सीसीटीवी से लैस पूरा स्कूल,प्रोजेक्टर और एलसीडी से पढ़ाना साथ ही तकनीकी और व्यावसायिक शैक्षणिक प्रशिक्षण भी दिया जाता है.

ये है नरसिंहपुर का सरकारी स्कूल

आइए आपको दिखाते हैं नरसिंहपुर में जनभागीदारी से बना यह डिजिटल स्कूल. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि आसपास के15 गांव में इस स्कूल की वजह से कोई प्राइवेट स्कूल नहीं खुल सका है. यह स्कूल भले ही शिक्षा विभाग के अधीन है लेकिन स्कूल का यह कायाकल्प स्कूल शिक्षकों की इच्छाशक्ति और जनभागीदारी से हुआ है. जहां बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा, खेल, मेडिकल और देश सेवा के लिए भी बकायदा प्रशिक्षित किया जाता है.

स्कूल में न केवल साफ-सुथरे स्वच्छ वातावरण में शिक्षा दी जाती है, बल्कि पर्यावरण और स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है, चाहे फिल्टर वाटर हो या फिर व्यवस्थित शौचालय. स्कूल के चारों ओर हरियाली छाई रहती है. साथ ही खेल का मैदान बनाया गया है तो वहीं एक बड़े परिसर में सामूहिक प्रार्थना स्थल बनाया गया है जहां पर सांस्कृतिक गतिविधियां भी समय-समय पर आयोजित की जाती हैं.

स्कूली छात्र छात्राएं खुद को इस स्कूल में न केवल सुरक्षित भी महसूस करते हैं बल्कि आधुनिक उच्च स्तरीय शिक्षा व्यवस्था से अध्ययन कर खुद गौरवान्वित महसूस करती हैं. खुद स्कूल के छात्र-छात्राएं बताते है कि ऐसा सरकारी स्कूल पूरे प्रदेश में कही नहीं जैसा यह है. यह स्कूल प्रदेश की स्कूली शिक्षा के लिए एक मॉडल के रूप में देखा जा सकता है जो किसी बिना सरकारी मदद के नए आयामों को अंजाम दे रहा है. जिससे यह सरकारी स्कूल पूरे प्रदेश में अपनी एक अलग भी पहचान बनाए हुए है.

नरसिंहपुर। सरकारी स्कूलों का नाम सुनते ही मन में जर्जर भवन, अंधेरे बदबूदार कमरे और लचर शिक्षा व्यवस्था की तस्वीरें सामने आती हैं. लेकिन प्रदेश के नरसिंहपुर में एक हाईटेक सरकारी स्कूल है जिसे देखकर आप भी दंग रह जाएंगे. स्मार्ट क्लास, सीसीटीवी से लैस पूरा स्कूल,प्रोजेक्टर और एलसीडी से पढ़ाना साथ ही तकनीकी और व्यावसायिक शैक्षणिक प्रशिक्षण भी दिया जाता है.

ये है नरसिंहपुर का सरकारी स्कूल

आइए आपको दिखाते हैं नरसिंहपुर में जनभागीदारी से बना यह डिजिटल स्कूल. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि आसपास के15 गांव में इस स्कूल की वजह से कोई प्राइवेट स्कूल नहीं खुल सका है. यह स्कूल भले ही शिक्षा विभाग के अधीन है लेकिन स्कूल का यह कायाकल्प स्कूल शिक्षकों की इच्छाशक्ति और जनभागीदारी से हुआ है. जहां बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा, खेल, मेडिकल और देश सेवा के लिए भी बकायदा प्रशिक्षित किया जाता है.

स्कूल में न केवल साफ-सुथरे स्वच्छ वातावरण में शिक्षा दी जाती है, बल्कि पर्यावरण और स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है, चाहे फिल्टर वाटर हो या फिर व्यवस्थित शौचालय. स्कूल के चारों ओर हरियाली छाई रहती है. साथ ही खेल का मैदान बनाया गया है तो वहीं एक बड़े परिसर में सामूहिक प्रार्थना स्थल बनाया गया है जहां पर सांस्कृतिक गतिविधियां भी समय-समय पर आयोजित की जाती हैं.

स्कूली छात्र छात्राएं खुद को इस स्कूल में न केवल सुरक्षित भी महसूस करते हैं बल्कि आधुनिक उच्च स्तरीय शिक्षा व्यवस्था से अध्ययन कर खुद गौरवान्वित महसूस करती हैं. खुद स्कूल के छात्र-छात्राएं बताते है कि ऐसा सरकारी स्कूल पूरे प्रदेश में कही नहीं जैसा यह है. यह स्कूल प्रदेश की स्कूली शिक्षा के लिए एक मॉडल के रूप में देखा जा सकता है जो किसी बिना सरकारी मदद के नए आयामों को अंजाम दे रहा है. जिससे यह सरकारी स्कूल पूरे प्रदेश में अपनी एक अलग भी पहचान बनाए हुए है.

Intro:सरकारी स्कूलों का नाम सुनते है जर्जर भवन अंधेरे बदबूदार कमरे और लचर शिक्षा व्यवस्था की तस्वीरें जहन में उतरने लगती है मगर प्रदेश के नरसिंहपुर में एक सरकारी स्कूल इतना हाईटेक है की उसे देखकर आप भी दंग रह जाएंगे , स्मार्ट क्लास,सीसीटीवी से लैस पूरा स्कूल ,प्रोजेक्टर और एलसीडी द्वारा अध्यापन साथ ही तकनीकी और व्यावसायिक सैक्षणिक प्रशिक्षण ताकि स्कूल ने निकलकर विद्यार्थियों को स्वरोजगार के लिए भटकना न पड़े ऐसा ही है नरसिंहपुर के दूरस्थ ग्रामीण अंचल में जनभागीदारी से बना यह डिजिटल स्कूल सबसे बड़ी खासियत यह है कि आसपास के 15 गांव में इस स्कूल की वजह से कोई प्राइवेट स्कूल नहीं खुल सका है Body:- सरकारी स्कूलों का नाम सुनते है जर्जर भवन अंधेरे बदबूदार कमरे और लचर शिक्षा व्यवस्था की तस्वीरें जहन में उतरने लगती है मगर प्रदेश के नरसिंहपुर में एक सरकारी स्कूल इतना हाईटेक है की उसे देखकर आप भी दंग रह जाएंगे , स्मार्ट क्लास,सीसीटीवी से लैस पूरा स्कूल ,प्रोजेक्टर और एलसीडी द्वारा अध्यापन साथ ही तकनीकी और व्यावसायिक सैक्षणिक प्रशिक्षण ताकि स्कूल ने निकलकर विद्यार्थियों को स्वरोजगार के लिए भटकना न पड़े ऐसा ही है नरसिंहपुर के दूरस्थ ग्रामीण अंचल में जनभागीदारी से बना यह डिजिटल स्कूल सबसे बड़ी खासियत यह है कि आसपास के 15 गांव में इस स्कूल की वजह से कोई प्राइवेट स्कूल नहीं खुल सका है ....देखिए खास रिपोर्ट एमपी का डिजिटल सरकारी स्कूल

-चप्पे-चप्पे मैं सीसीटीवी कैमरे से निगरानी डिजिटल क्लासरूम प्रोजेक्टर , एलसीडी स्क्रीन में शिक्षण और स्किल डेवलपमेंट आधारित व्यावसायिक शिक्षा यह किसी प्राइवेट शिक्षण संस्थान की तस्वीरे नहीं है बल्कि आपको जानकारी हैरानी होगी कि यह एमपी का डिजिटल सरकारी स्कूल है जो नरसिंहपुर जिले के आखिरी छोर एक दूरस्थ ग्राम सिमरिया में है और सबसे खास बात यह स्कूल भले ही शिक्षा विभाग के अधीन है लेकिन स्कूल का यह कायाकल्प स्कूल शिक्षकों की इक्षाशक्ती और जनभागीदारी से हुआ है जहां स्कूली शिक्षा के साथ साथ व्यावसायिक शिक्षा चाहे खेल के जरिए अपना कैरियर बनाना हो चाहे मेडिकल के क्षेत्र में या फिर देश सेवा के लिए सैनिक बनना हो उसके लिए बकायदा प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा स्कूल बच्चो को प्रशिक्षित किया जाता है ताकि वह अपना भविष्य सुरक्षित कर सके स्कूल के शिक्षक बताते है की स्कूल में हमने वह सारी व्यवस्थाएं की है जहां मेडिकल के लिए अलग सेंटर बनाया है तो सैनिक के लिए जिम से लेकर स्पोर्ट्स के अनेकों खेल से बच्चों के अंदर शार्रिक दक्षता बढ़ाने का कार्य किया जाता है वहीं कंप्यूटर लैब में सॉफ्टवेयर हार्डवेयर संबंधी प्रशिक्षण दिया जाता है वही स्कूली शिक्षा के तहत पूर्णता है डिजिटलाइजेशन आधारित पद्धति से स्कूली शिक्षा दी जाती है कभी प्रोजेक्टर के माध्यम से तो कभी एलईडी स्क्रीन के माध्यम से उन्हें विषय का अध्ययन कराया जाता है

बाइट - 01 नाजमी खान , शिक्षिका

बाइट - 02 अंकित जायसवाल , व्यावसायिक शिक्षक

स्कूल में ना केवल साफ-सुथरे स्वच्छ वातावरण में शिक्षा दी जाती है बल्कि पर्यावरण और स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है चाहे आरो फिल्टर वाटर हो या फिर व्यवस्थित शौचालय स्कूल के चारों ओर हरियाली छाई रहती है अलग से खेल मैदान बनाया गया है तो वही एक बड़े परिसर में सामूहिक प्रार्थना स्थल बनाया गया है जहां पर सांस्कृतिक गतिविधियां भी समय-समय पर आयोजित की जाती हैं स्कूली छात्र छात्राएं खुद को इस स्कूल में ना केवल सुरक्षित भी महसूस करते हैं बल्कि आधुनिक उच्च स्तरीय शैक्षणिक व्यवस्था से अध्ययन कर खुद गौरवान्वित महसूस करती हैं खुद स्कूल के छात्र छात्राएं बताते है कि ऐसा सरकारी स्कूल पूरे प्रदेश में कही नहीं जैसा हमारा सिमरिया गांव का यह स्कूल है


बाइट -03 हेमलता पटेल, स्टूडेंट

बाइट -04 संजय प्रजापति ,स्टूडेंट

इस स्कूल को डिजिटल बनाने और एक सरकारी स्कूल में अत्याधुनिक तकनीक से लैस बनाने में सबसे अहम किरदार निभाया यहां के एक शिक्षक ने जो कभी इसी स्कूल में पढ़कर बड़े हुए और 2012 में जब उनकी इसी स्कूल में पदस्थापना हुई तब यह स्कूल खपरैल की छप्पर की हालत में था तब उन्होंने स्कूल के कायाकल्प की शुरुआत की पहले भवन बनवाए फिर 2 मंजिला इमारत और फिर आधुनिक स्तर पर ले जाने के लिए गांव के लोगों को जागृत किया और जनभागीदारी के माध्यम से धनराशि जुटाकर स्कूल में हर वह चीजें जुटाई जो इसे एक अत्याधुनिक स्मार्ट स्कूल के रूप में पहचान दिलाती हैं और फिर उनके द्वारा ही व्यावसायिक शिक्षा के लिए प्रयास किए गए स्कूल में एनसीसी बटालियन कोर बनाया गया जिम की स्थापना की गई और खेल के विशेष इंतजाम किए गए जिसकी बदौलत यहां के 9 छात्र शारीरिक दक्षता को हासिल कर स्कूल से निकल आर्मी में भर्ती हुए और देश सेवा में गए नारायण गुप्ता नामक यह शिक्षक बताते हैं कि स्कूली छात्राओं के लिए भी चाहे मेडिकल क्षेत्र में फिर चाहे तकनीकी ज्ञान के क्षेत्र में जाने की लालसा हो उन्हें यहां उसकी प्रारम्भिक शिक्षा व्यवस्था की गई है ताकि स्कूल से अध्ययन पूर्ण करने के बाद वह अपने स्वरोजगार के लिए अगला कदम बढ़ा सकें साथ ही पहली से लेकर 12वीं तक पूर्णत शिक्षण कार्य डिजिटल तकनीक के माध्यम से कराया जाता है वही सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक क्लासरूम और पूरे स्कूल परिसर को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखा जाता है खूबियों की वजह से आसपास के 15 से 20 गांव के बच्चे यहां पर अध्ययन करने आते हैं और पूरे इन क्षेत्रों में कहीं भी एक भी प्राइवेट स्कूल संचालित नहीं है

बाइट - 05 नारायण गुप्ता , प्रधानपाठक & प्रेरणास्रोत

- सरकारी स्कूलों में निचले दर्जे की शैक्षणिक व्यवस्था और स्कूल भवनों की जर्जर अवस्था को लेकर प्रदेश में अनेकों जगह सरकारी स्कूल की खबरें सुर्खियां बनती है लेकिन दूरस्थ ग्रामीण अंचल सिमरिया का यह स्कूल प्रदेश की स्कूली शिक्षा के लिए एक मॉडल के रूप में देखा जा सकता है जो किसी बिना सरकारी मदद के नए आयामों को अंजाम दे रहा है और यहां की स्कूली शिक्षा शैक्षणिक के साथ साथ आने वाले भविष्य को संवारने व्यवसायिक शिक्षा के कौशल को बखूबी निभाती नजर आ रही है जिससे यह सरकारी स्कूल पूरे प्रदेश में अपनी एक अलग भी पहचान बनाए हुए हैConclusion:सरकारी स्कूलों में निचले दर्जे की शैक्षणिक व्यवस्था और स्कूल भवनों की जर्जर अवस्था को लेकर प्रदेश में अनेकों जगह सरकारी स्कूल की खबरें सुर्खियां बनती है लेकिन दूरस्थ ग्रामीण अंचल सिमरिया का यह स्कूल प्रदेश की स्कूली शिक्षा के लिए एक मॉडल के रूप में देखा जा सकता है जो किसी बिना सरकारी मदद के नए आयामों को अंजाम दे रहा है और यहां की स्कूली शिक्षा शैक्षणिक के साथ साथ आने वाले भविष्य को संवारने व्यवसायिक शिक्षा के कौशल को बखूबी निभाती नजर आ रही है जिससे यह सरकारी स्कूल पूरे प्रदेश में अपनी एक अलग भी पहचान बनाए हुए है
Last Updated : Oct 21, 2019, 9:38 PM IST
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