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Narsinghpur News: जान जोखिम में डालकर लकड़ी का पुल पार कर रहे लोग, सालों से प्रशासन बेखबर

बारिश का मौसम आ गया है ऐसे में उन ग्रामीण इलाकों के लोगों के लिए समस्याएं बढ़ गई जहां तक अभी भी पक्की सड़कें नहीं बन पाई हैं. नरसिंहपुर के तेंदूखेड़ा में लोग भी जान जोखिम में डालते हुए लकड़ी का पुल बनाकर नाला पार करने के लिए मजबूर हैं.

Narsinghpur News
लकड़ी के पुल से नाला पार करते
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Published : Jun 30, 2023, 8:32 PM IST

लकड़ी का पुल पार कर रहे लोग

नरसिंहपुर। तेंदूखेड़ा विधानसभा का एक गांव ऐसा जहां के लोग जान जोखिम में डालकर लकड़ी से निर्मित पुल को पार कर तेंदूखेड़ा शहर पहुंचते हैं. तेंदूखेड़ा तहसील से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर बसे ग्राम पंचायत बंधी के टपरिया टोला गांव की आबादी लगभग 300 के करीब है और इस टोला में बसे लोगों का शहर जाने का एकमात्र रास्ता है जिसमें एक नाले को पार करना पड़ता है और बारिश के मौसम में इन लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर इस नाले को पार करके अपनी जरूरत पूरी करने का सामान लेने के लिए तेंदूखेड़ा जाना पड़ता है. आजादी के बाद से लेकर अभी तक इन लोगों को ना तो शहर जाने के लिए पक्की सड़क नसीब है और ना ही कोई ऐसा रास्ता जिससे आसानी से शहर जाया जा सके.

मजबूरी में नाला पार कर रहे लोग: गांव के ही रहने वाले राजेश पटेल बताते हैं कि बरसात में आने-जाने वालों के लिए यही लकड़ी का पुल इसी से जाना पड़ता है. कई सालों से इसी जरिए निकलना पड़ रहा है. विधायक कलेक्टर को इससे अवगत कराया गया है लेकिन कोई ध्यान नहीं दे. ग्रामीण नारायण सिंह लोधी ने बताया कि प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा कई बार इसके लिए आवेदन दिया गया है. मजबूरी में खुद जुगाड़ के माध्यम से नाला पार करना पड़ता है. जब कोई बीमार हो जाता है तो और समस्याएं होती हैं.

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भोपाल भेजा गया प्रस्ताव: गांव में रहने वाले लोग अपनी जान हथेली पर रखकर लकड़ी से बने इस पुल को पार कर शहर पहुंचने के लिए मजबूर हैं. इस पुल से स्कूल के छात्र छात्राएं भी स्कूल पढ़ने के लिए निकलने को मजबूर हैं. इस पूरे मामले पर क्षेत्रीय एसडीएम का कहना है कि नाले पर पुल बनने के लिए प्रस्ताव राजधानी भोपाल पहुंचा दिया गया है जैसे ही मंजूरी मिलती है वैसे ही पुल का निर्माण कर दिया जाएगा. बहरहाल देखना यह होगा कि इन लोगों के नसीब में कब पक्की सड़क मिलती है.

लकड़ी का पुल पार कर रहे लोग

नरसिंहपुर। तेंदूखेड़ा विधानसभा का एक गांव ऐसा जहां के लोग जान जोखिम में डालकर लकड़ी से निर्मित पुल को पार कर तेंदूखेड़ा शहर पहुंचते हैं. तेंदूखेड़ा तहसील से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर बसे ग्राम पंचायत बंधी के टपरिया टोला गांव की आबादी लगभग 300 के करीब है और इस टोला में बसे लोगों का शहर जाने का एकमात्र रास्ता है जिसमें एक नाले को पार करना पड़ता है और बारिश के मौसम में इन लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर इस नाले को पार करके अपनी जरूरत पूरी करने का सामान लेने के लिए तेंदूखेड़ा जाना पड़ता है. आजादी के बाद से लेकर अभी तक इन लोगों को ना तो शहर जाने के लिए पक्की सड़क नसीब है और ना ही कोई ऐसा रास्ता जिससे आसानी से शहर जाया जा सके.

मजबूरी में नाला पार कर रहे लोग: गांव के ही रहने वाले राजेश पटेल बताते हैं कि बरसात में आने-जाने वालों के लिए यही लकड़ी का पुल इसी से जाना पड़ता है. कई सालों से इसी जरिए निकलना पड़ रहा है. विधायक कलेक्टर को इससे अवगत कराया गया है लेकिन कोई ध्यान नहीं दे. ग्रामीण नारायण सिंह लोधी ने बताया कि प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा कई बार इसके लिए आवेदन दिया गया है. मजबूरी में खुद जुगाड़ के माध्यम से नाला पार करना पड़ता है. जब कोई बीमार हो जाता है तो और समस्याएं होती हैं.

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