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नफरत के बाजार में भाईचारे की दुकान, मुस्लिम परिवार करवा रहा भागवत कथा, सनातन धर्म में है गहरी आस्था - Narsinghpur muslim katha

Narsinghpur Muslim Family Bhagwat Katha: नरसिंहपुर में एक मुस्लिम परिवार इंसानियत का पाठ पढ़ा रहा है. परिवार द्वारा एक सप्ताह की भागवत कथा का आयोजन कराया जा रहा है. परिवार की चारों ओर चर्चाएं हो रही हैं.

muslim family bhagwat katha
मुस्लिम परिवार करवा रहा भागवत कथा
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 7, 2024, 11:58 AM IST

Updated : Jan 7, 2024, 2:09 PM IST

मुस्लिम परिवार करवा रहा भागवत कथा

नरसिंहपुर। अपने श्रीमद् भागवत कथा का होना तो कई जगह देखा होगा, भागवत कथा आपने सुनी भी कई जगह होगी. लेकिन जबलपुर से लगे नरसिंहपुर जिले के श्रीधाम में जो भागवत कथा चल रही है वह अपने आप में इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. क्योंकि इस भागवत कथा को करने वाला एक मुस्लिम परिवार है जिनकी आस्था सनातन धर्म में है. यह परिवार उन लोगों के लिए नजीर भी है जो हिंदू मुस्लिम करके समाज में अलगाव फैलाते हैं. देखें यह खास रिपोर्ट-

मुस्लिम परिवार की सनातन धर्म में आस्था: गोटेगांव तहसील का छोटा सा गांव सर्रा इन दोनों भक्ति के रंग में डूबा हुआ है. साथ ही इस पर एक रंग और भी है गंगा जमुना तहजीब का. क्योंकि यहां पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है और इसको करने वाला नीयाज खान परिवार है. यूं तो नीयाज खान मुस्लिम समुदाय से आते हैं लेकिन उनकी आस्था श्रद्धा भक्ति सनातन धर्म में है. नियाज खान का झुकाव सनातन धर्म में उस समय हुआ जब ब्रह्मलीन संत स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी से उनकी मुलाकात हुई.

कथा सुनने जाता था परिवार: धीरे-धीरे नीयाज खान और पूरा परिवार झोतेश्वर स्थित आश्रम में जाने लगा. उसके बाद जहां भी भागवत कथा होती है न्यास खान और पूरा परिवार उस कथा को सुनने के लिए जाया करता था. कुछ साल पहले गांव में ही कथा हो रही थी कथा वाचक अभिमन्यु व्यास जी से नीयाज की मुलाकात हुई. व्यास जी के आशीर्वचन सुनने के बाद उनके परिवार की भी इच्छा हुई कि क्यों ना वह भी भागवत कथा का आयोजन करें. सोचते-सोचते यह बात नए साल आते आते पूरी होने लगी और श्रीमद् भागवत कथा का श्री गणेश हुआ.

धर्म गुरुओं ने जारी किया फतवा: एक सप्ताह तक चलने वाली इस भागवत कथा को भागवताचार्य अभिमन्यु महाराज कर रहे हैं. जिनसे नीयाज खान की मुलाकात बीती कुछ कथाओं में हुई थी. नीयाज मानते हैं कि उनका परिवार आज जो कुछ है उसके पीछे सनातन परंपरा और भागवत कथा की आस्था है. अब सिक्के का दूसरा पहलू भी यह है कि जैसे ही यह खबर मुस्लिम समाज में फैली की नियाज श्रीमद् भागवत कथा कर रहे हैं उसके बाद उनकी आलोचना शुरू हो गई. उनको जबलपुर और नरसिंहपुर के मुस्लिम धर्म गुरुओं ने फतवा जारी करने तक की धमकी दे डाली. इन तमाम धमकियों को दरकिनार कर नीयाज कथा करने के संकल्प को अंजाम दे रहे हैं.

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नफरत फैलाने वालों के नजीर खान परिवार: कथावाचक भागवत आचार्य अभिमन्यु कृष्णा मानते हैं कि इस तरह से किसी मुस्लिम परिवार का श्रीमद् भागवत कथा करना अपने आप में एक अनोखी बात है. इससे समाज में एक संदेश जाएगा कि हिंदू और मुस्लिम सब एक भगवान के बंदे हैं. भागवत आचार्य इस कथा को करने में खासे आनंदित भी है क्योंकि खान परिवार की यह कथा धीरे-धीरे करके पूरे देश में चर्चा का विषय बन रही है. नीयाज खान परिवार द्वारा कराई जा रही श्रीमद् भागवत कथा उन लोगों के लिए एक नजीर बन रही है. जो हिंदू मुस्लिम मैं फर्क समझ कर समाज और देश में एक दूसरे समुदाय के लिए नफरत भरने का काम करते हैं.

मुस्लिम परिवार करवा रहा भागवत कथा

नरसिंहपुर। अपने श्रीमद् भागवत कथा का होना तो कई जगह देखा होगा, भागवत कथा आपने सुनी भी कई जगह होगी. लेकिन जबलपुर से लगे नरसिंहपुर जिले के श्रीधाम में जो भागवत कथा चल रही है वह अपने आप में इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. क्योंकि इस भागवत कथा को करने वाला एक मुस्लिम परिवार है जिनकी आस्था सनातन धर्म में है. यह परिवार उन लोगों के लिए नजीर भी है जो हिंदू मुस्लिम करके समाज में अलगाव फैलाते हैं. देखें यह खास रिपोर्ट-

मुस्लिम परिवार की सनातन धर्म में आस्था: गोटेगांव तहसील का छोटा सा गांव सर्रा इन दोनों भक्ति के रंग में डूबा हुआ है. साथ ही इस पर एक रंग और भी है गंगा जमुना तहजीब का. क्योंकि यहां पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है और इसको करने वाला नीयाज खान परिवार है. यूं तो नीयाज खान मुस्लिम समुदाय से आते हैं लेकिन उनकी आस्था श्रद्धा भक्ति सनातन धर्म में है. नियाज खान का झुकाव सनातन धर्म में उस समय हुआ जब ब्रह्मलीन संत स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी से उनकी मुलाकात हुई.

कथा सुनने जाता था परिवार: धीरे-धीरे नीयाज खान और पूरा परिवार झोतेश्वर स्थित आश्रम में जाने लगा. उसके बाद जहां भी भागवत कथा होती है न्यास खान और पूरा परिवार उस कथा को सुनने के लिए जाया करता था. कुछ साल पहले गांव में ही कथा हो रही थी कथा वाचक अभिमन्यु व्यास जी से नीयाज की मुलाकात हुई. व्यास जी के आशीर्वचन सुनने के बाद उनके परिवार की भी इच्छा हुई कि क्यों ना वह भी भागवत कथा का आयोजन करें. सोचते-सोचते यह बात नए साल आते आते पूरी होने लगी और श्रीमद् भागवत कथा का श्री गणेश हुआ.

धर्म गुरुओं ने जारी किया फतवा: एक सप्ताह तक चलने वाली इस भागवत कथा को भागवताचार्य अभिमन्यु महाराज कर रहे हैं. जिनसे नीयाज खान की मुलाकात बीती कुछ कथाओं में हुई थी. नीयाज मानते हैं कि उनका परिवार आज जो कुछ है उसके पीछे सनातन परंपरा और भागवत कथा की आस्था है. अब सिक्के का दूसरा पहलू भी यह है कि जैसे ही यह खबर मुस्लिम समाज में फैली की नियाज श्रीमद् भागवत कथा कर रहे हैं उसके बाद उनकी आलोचना शुरू हो गई. उनको जबलपुर और नरसिंहपुर के मुस्लिम धर्म गुरुओं ने फतवा जारी करने तक की धमकी दे डाली. इन तमाम धमकियों को दरकिनार कर नीयाज कथा करने के संकल्प को अंजाम दे रहे हैं.

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Last Updated : Jan 7, 2024, 2:09 PM IST
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