नरसिंहपुर। जिले की सेंट्रल जेल के कैदियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए केंद्रीय जेल प्रशासन यूनिसेफ और रॉस इंडिया प्राकृतिक आपदा में जीवन रक्षा और दूसरों के जीवन बचाने का हुनर सीखा रहा है. ताकि सजा काटने के बाद अपराधबोध से मुक्ति पा सके.
दरअसल केंद्रीय जेल प्रशासन यूनिसेफ और रॉस इंडिया एक आयोजन कर रहा है, जिसमें बंदियों को प्राकृतिक आपदा में विपरीत परिस्थितियों से निपटने को गुण सिखाएंगे. जिससे जेल से छूटने के बाद अपराधिक प्रवृत्ति को छोड़कर सृजन कार्यों में जुड़ सके. साथ ही स्वयं का व्यवसाय कर अपने परिवार को भरण-पोषण कर सकें इसके लिए प्रतिभाओं को निखारने पर विशेष जोर दिया जा रहा है.
नरसिंहपुर जेल अधीक्षक का कहना है कि अपराधों का सजा तो कैदी जेल में ही काट लेते हैं, लेकिन जेल से छूटने के बाद समाज उन्हें अपनाएं इसके लिए भी उन्हें तैयार करना जरूरी है. ताकि वह समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें और उन्होंने जो समाज से छीना है वह अपनी सकारात्मक योगदान देकर जीवन रक्षक बन सके. इसके लिए उन्हें आपदाओं से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है.
कैदी जेल प्रशासन की इस पहल से बेहद खुश हैं. उनका मानना है कि अपराध बोध से मुक्ति पाने के लिए यह प्रयास जीवन में नया बदलाव लाएगा और वह समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे. वहीं सकारात्मक कार्य कर वह सामाज में अपना एक नया स्थान बना सकेंगे.