नरसिंहपुर। ये जिला पौराणिक प्रतीकों का भंडार रहा है, बरमान में मां नर्मदा की दो धाराओं के बीच स्थित द्वीप पर ऐतिहासिक द्वीपेश्वर मंदिर में शिवलिंग सबसे पुरातन धार्मिक मान्यता का केंद्र बना हुआ है. ये मंदिर मां नर्मदा की दो धाराओं के बीच स्थित टापू यानि द्वीप पर स्थित है, जिसकी वजह से इसे द्वीपेश्वर मंदिर कहा जाता है. मान्यता है कि यहीं पर सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने भगवान शिव की तपस्या की थी, तब से लेकर अब तक यहां हर साल नर्मदा पंचकोसी परिक्रमा कर हजारों श्रद्धालु नर्मदा के जल से भगवान द्वीपेश्वर का जलाभिषेक करते हैं.
बरमान को धार्मिक महत्व के तौर पर और अधिक विकसित करने सहित श्रद्धालुओं को अधिक सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य को लेकर क्षेत्रीय सांसद राव उदय प्रताप ने एनएच 26 सतधारा से द्वीपेश्वर मंदिर तक पुल और सीसी रोड निर्माण की स्वीकृति के लिए मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम के एमडी को पत्र लिखा है, जिसमें लिखा है कि प्राचीन द्वीपेश्वर मंदिर श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था का केंद्र होने के साथ-साथ पर्यटन स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है, मगर आवागमन की सुविधा नहीं होने के चलते श्रद्धालुओं को परेशानी होती है. इसलिए जल्द से जल्द एनएच 26 सतधारा से द्वीपेश्वर मंदिर तक पुल सहित सीसी मार्ग के निर्माण के लिए स्वीकृति प्रदान करने की बात कही है.
इस प्रस्ताव के अनुसार एनएच 26 सतधारा से नर्मदा की उपधारा तक लगभग 51 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया जाए, मंदिर तक लगभग 1.33 किलोमीटर लंबे सड़क निर्माण को प्रस्तावित किया गया है, जिससे द्वीपेश्वर मंदिर के लिए श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एनएच सड़क से जोड़ा जा सके. इससे एक ओर जहां पर्यटन क्षेत्र का विकास होगा, वहीं श्रद्धालुओं को आवागमन की सुविधा प्राप्त होगी.
सांसद राव उदय प्रताप ने कहा कि जीवनदायिनी मां नर्मदा यहां की सबसे प्राचीन सनातनी धरोहर हैं, जिसे धार्मिक नगरी बनाए जाने की घोषणा पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कर चुके हैं. अब यहां पर सुविधाओं का विस्तार किए जाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, जिसके तहत पहले ही बरमान के ऐतिहासिक मेले को पूर्ण स्वरूप देने के लिए रेत घाट से सीढ़ी घाट को जोड़ने के लिए पुल का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और अब ऐसी सुविधाओं में विस्तार करते हुए एनएच 26 से लेकर दीपेश्वर मंदिर तक पुल सहित मार्ग बनाने के लिए पर्यटन विकास निगम को पत्र लिखा है.