नरसिंहपुर। मध्यप्रदेश इस समय कुपोषण का दंश झेल रहा है. दूसरे जिलों की तरह नरसिंहपुर में भी कुपोषण ने अपनी जड़ें जमा ली हैं. साल दर साल यहां कुपोषण से ग्रसित बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है. सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो चालू वित्तीय वर्ष में 1134 कुपोषित बच्चे सामने आए हैं, जिनका पोषण पुनर्वास केंद्र में इलाज किया जा रहा है.
महिला बाल विकास के अधिकारी कुपोषण बढ़ने की एक बड़ी वजह जागरुकता की कमी होना मान रहे हैं. अधिकारियों का मानना है कि अगर गर्भवति महिलाओं के खान-पान पर फोकस किया जाए तो कुपोषण के आंकड़ों में कमी लाई जा सकती है.
एक तरफ महिला बाल विकास के अधिकारी गर्भवति महिलाओं के खानपान और उनकी जीवन शैली को कुपोषण के लिए जिम्मेदार मान रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ एनआरसी के अधिकारियों का कहना है कि प्रशासनिक लापरवाही के चलते कुपोषित बच्चों की संख्या में इजाफा हो रहा है. एनआरसी के अधिकारियों के मुताबिक हर माह 40 से 50 कुपोषित बच्चे एनआरसी में भर्ति किए जा रहे हैं.
नरसिंहपुर में कुपोषित बच्चों का आंकड़ा यहां कुपोषण की हकीकत बताने के लिए काफी है. इसे प्रशासनिक लापरवाही कहें या फिर जागरूकता का अभाव, जिसका खामियाजा यहां के नौनिहालों को भुगतना पड़ रहा है.