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मकर संक्रांति का है विशेष महत्व, बदल जाती है ग्रह नक्षत्रों की दशा

मकर संक्रांति के त्यौहार पर मान्यता है कि काले रंग की वस्तुएं गुड़, तिल , उडद, मूंग ,काले कपड़े आदि दान करने से न्याय के देवता जल्द प्रसन्न होते हैं.साथ ही मकर संक्रांति के दिन से सभी शुभ कार्य भी शुरू हो जाते हैं जिसका विशेष महत्व है.

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Published : Jan 14, 2020, 2:54 PM IST

Updated : Jan 14, 2020, 3:11 PM IST

Makar Sankranti has special importance
मकर संक्रांति का है विशेष महत्व

मुरैना। मंगलवार, बुधवार की मध्यरात्रि से सूर्य उत्तरायण होकर उत्तरदिशा में प्रवेश करेंगा , जिससे ग्रहों की दशा बदल जाएगी. बुधवार से सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा और मकर राशि के स्वामी होते है शनिदेव, इसलिए शनि देव को प्रसन्न करने के लिए काली वस्तुएं दान की जाती हैं. मकर संक्रांति के त्यौहार पर काली रंग की वस्तुएं गुड़, तिल , उडद, मूंग ,काले कपड़े आदि दान करने से न्याय के देवता जल्द प्रसन्न होते हैं.

मकर संक्रांति का है विशेष महत्व


वहीं माघ माह के कृष्णपक्ष की संक्रांति से सभी देवता तीर्थराज कहे जाने वाले प्रयागराज में मकर संक्रांति को सभी देवता एकत्रित होते हैं इसलिए संक्राति पर पर्व लेने का विशेष महत्व है और साथ ही मकर संक्रांति के दिन से सभी शुभ कार्य भी शुरू हो जाते हैं.


मकर संक्रांति पर तेल के दाम और तेल से बनी मिठाई के उपयोग करने को लेकर भी न केवल धार्मिक वर्ल्ड के वैज्ञानिक का भी महत्व है और साथ ही सर्दी के सीजन में रक्तचाप कम होने के कारण शरीर को गर्म पदार्थ खाने की आवश्यकता होती है और ऐसे समय में तिल और गुड़ से बनी मिठाई और दाल आदि का सेवन करने से शरीर की सर्दी दूर होती है.

मुरैना। मंगलवार, बुधवार की मध्यरात्रि से सूर्य उत्तरायण होकर उत्तरदिशा में प्रवेश करेंगा , जिससे ग्रहों की दशा बदल जाएगी. बुधवार से सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा और मकर राशि के स्वामी होते है शनिदेव, इसलिए शनि देव को प्रसन्न करने के लिए काली वस्तुएं दान की जाती हैं. मकर संक्रांति के त्यौहार पर काली रंग की वस्तुएं गुड़, तिल , उडद, मूंग ,काले कपड़े आदि दान करने से न्याय के देवता जल्द प्रसन्न होते हैं.

मकर संक्रांति का है विशेष महत्व


वहीं माघ माह के कृष्णपक्ष की संक्रांति से सभी देवता तीर्थराज कहे जाने वाले प्रयागराज में मकर संक्रांति को सभी देवता एकत्रित होते हैं इसलिए संक्राति पर पर्व लेने का विशेष महत्व है और साथ ही मकर संक्रांति के दिन से सभी शुभ कार्य भी शुरू हो जाते हैं.


मकर संक्रांति पर तेल के दाम और तेल से बनी मिठाई के उपयोग करने को लेकर भी न केवल धार्मिक वर्ल्ड के वैज्ञानिक का भी महत्व है और साथ ही सर्दी के सीजन में रक्तचाप कम होने के कारण शरीर को गर्म पदार्थ खाने की आवश्यकता होती है और ऐसे समय में तिल और गुड़ से बनी मिठाई और दाल आदि का सेवन करने से शरीर की सर्दी दूर होती है.

Intro:मंगलवार बुधवार की मध्यरात्रि से सूर्य उत्तरायण होकर उत्तरदिशा में प्रवेश करेंगे , जिससे ग्रहों की दशा बदल जाएगी । बुधवार से सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे , और मकर राशिनके स्वामी होते है शनिदेव । इसलिए शनि देव को प्रशन्न करने के लिए काली बस्तुएं की जाती है दान । मकर संक्रांती के त्यौहार पर काली रंग की वस्तुएं गुड़, तिल , उडद, मूंग ,काले कपड़े आदि दान करने से न्याय के देवता जल्द प्रशन्न होते है ।


Body:माघ माह के कृष्णपक्ष की संक्रांति से सभी देवता तीर्थराज कहे जाने वाले प्रयागराज में मकर संक्रांति को सभी देवता एकत्रित होते है । और माघ स्नान का पर्व लेते है । इसलिए ही संक्राति पर पर्व लेने का विशेष महत्व है । मकर संक्रांति के दिन से सभी सुभ कार्य भी शुरू हो जाते है ।


Conclusion:मकर संक्रांति पर तेल के दाम और तेल से बनी मिठाई के ही उपयोग करने को लेकर भी न केवल धार्मिक वर्ल्ड के वैज्ञानिक महत्व भी है सर्दी के सीजन में जब शरीर झगड़ने लग जाता है और रक्तचाप कम हो जाता है तब शरीर को गर्म पदार्थ खाने की आवश्यकता होती है और ऐसे समय में तिल और गुड़ से बनी मिठाई एवं दाल आदि का सेवन करने से शरीर की सर्दी दूर होती है ।

बाईट 1 -पंडित रामजीलाल मिश्रा , भागवताचार्य मुरैना
Last Updated : Jan 14, 2020, 3:11 PM IST
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