नरसिंहपुर। इस बार के पंचायत चुनाव में अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है. गांव वाले इस बार पढ़े-लिखे लोगों को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं. खासकर चुनाव में युवाओं को खूब पसंद किया जा रहा है. माया विश्वकर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन फ्रांसिस्को में ब्लड कैंसर पर रिसर्च किया. जब वह भारत लौटीं तो उन्होंने आम आदमी पार्टी ज्वॉइन किया और नरसिंहपुर में ही काम करना शुरू किया.
'पैडजीजी' के नाम से जाना जाता है : माया जब गांव की महिलाओं से मिलीं तब उन्हें उनका दर्द महसूस हुआ. उन्हें अहसास हुआ कि ग्रामीण महिलाएं, उसी परेशानी से गुज़र रही हैं, जिससे कभी वो गुजरी थीं. माया ने इसके बारे में पूरी रिसर्च की और फिर काम में जुट गईं. उन्होंने आसपास की गरीब बस्तियों की महिलाओं को माहवारी के दौरान पैड की उपयोगिता और लाभ के लिए जागरूक किया. इसलिए उन्हें 'पैडजीजी' के नाम से जाना जाता है.
गांव में सैनेटरी नैपकिन बनाने का काम किया शुरू : माया ने बताया कि जब वो भारत लौटीं तब पैडमैन के नाम से मशहूर अरुणाचलम से भी मिली थीं। इसके बाद उन्होंने गांव में सैनेटरी नैपकिन बनाने का काम शुरू किया. माया ने बताया कि अरुणाचल में जिस मशीन का इस्तेमाल पैड बनाने के लिए करते हैं, उसमें मशीन के साथ हाथों से भी काफी काम करना पड़ता है, जबकि मुझे ऐसी मशीन चाहिए थी, जिसमें हाथ का इस्तेमाल कम हो. इसी सोच के साथ माया ने एक घर से सैनिटरी नैपकिन बनाने का काम स्टार्ट किया और अब इससे बड़ी संख्या में महिलाएं जुड़ गई हैं. उनकी संस्था समाज सेवा का काम करती है.
![Woman returned from America Elected Sarpanch](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15531038_nrg1_aspera.jpg)
सर्वसम्मति से बनीं सरपंच : माया विश्वकर्मा अब सर्वसम्मति से मेहरागांव की सरपंच बन गई हैं. उन्होंने कहा कि हमारे गांव में पहली बार कोई महिला निर्विरोध सरपंच बनाई गई हैं. आजादी के बाद ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. ये हमारे बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद है. गांव के लोगों ने मुझ पर जो विश्वास जताया है, मैं उनकी आशाओं पर खरा उतरने के लिए विकास के सभी काम करूंगी, जो दायित्व उन्हें सौंपा गया है, उसका पूरी निष्ठा से निर्वहन करेंगी.