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जिले में धड़ल्ले से चल रहा रेत का अवैध कारोबार, प्रशासन नहीं कर रहा कार्रवाई

नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा के ककरा घाट, नर्मदा तट पर लगातार रेत का अवैध खनन हो रहा है, फिर भी प्रशासनिक अधिकारी इस पर कार्रवाई करने के बजाए इसे बस नजरअंदाज कर रहे हैं.

Narsinghpur
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Published : Jul 4, 2020, 3:14 PM IST

नरसिंहपुर। जिले में तेंदूखेडा के पास ककरा घाट नर्मदा तट पर लंबे समय से रेत का अवैध उत्खनन चल रहा है. ककराघाट के साथ-साथ टेका पार इमलिया, कढेली, छतरपुर, इमछरा, कचरकोना सहित अनेक ग्रामीण क्षेत्रों की नदियों से व्यापक स्तर पर रेत का अवैध खनन किया जा रहा है.

ककराघाट पुल के पास बड़े-बड़े गड्ढे किए जा रहे हैं. धार्मिक त्योहारों के समय प्रशासन द्वारा यहां मूर्ति विसर्जित करने के लिए कुंड बनाए जाते हैं, जहां गहरे गड्ढे अब रेत माफिया द्वारा किए जा रहे हैं जो आगामी समय में दुर्घटनाओं को अंजाम देंगे.

स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के क्षेत्रों में रात में अवैध खनन के वाहन दौड़ते हैं, उसके बाद भी कार्रवाई न होना मिलीभगत ही लगती है. शहर में चर्चा है कि दलालों के माध्यम से अधिकारियों द्वारा अवैध वसूली भी की जाती है.

वहीं जब अधिकारियों से इस संबंध में बात की जाती है तो वे अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आते हैं. उनका कहना है कि 'हमें किसी भी प्रकार की सूचना मिलती है और अगर ऐसे हुआ है तो जरूर कार्रवाई की जाएगी. अब सवाल ये खड़ा होता है कि जब खुलेआम रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है तो प्रशासनिक अधिकारी क्यों आंखों पर पट्टी बांधकर बैठा हुआ है.

नरसिंहपुर। जिले में तेंदूखेडा के पास ककरा घाट नर्मदा तट पर लंबे समय से रेत का अवैध उत्खनन चल रहा है. ककराघाट के साथ-साथ टेका पार इमलिया, कढेली, छतरपुर, इमछरा, कचरकोना सहित अनेक ग्रामीण क्षेत्रों की नदियों से व्यापक स्तर पर रेत का अवैध खनन किया जा रहा है.

ककराघाट पुल के पास बड़े-बड़े गड्ढे किए जा रहे हैं. धार्मिक त्योहारों के समय प्रशासन द्वारा यहां मूर्ति विसर्जित करने के लिए कुंड बनाए जाते हैं, जहां गहरे गड्ढे अब रेत माफिया द्वारा किए जा रहे हैं जो आगामी समय में दुर्घटनाओं को अंजाम देंगे.

स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के क्षेत्रों में रात में अवैध खनन के वाहन दौड़ते हैं, उसके बाद भी कार्रवाई न होना मिलीभगत ही लगती है. शहर में चर्चा है कि दलालों के माध्यम से अधिकारियों द्वारा अवैध वसूली भी की जाती है.

वहीं जब अधिकारियों से इस संबंध में बात की जाती है तो वे अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आते हैं. उनका कहना है कि 'हमें किसी भी प्रकार की सूचना मिलती है और अगर ऐसे हुआ है तो जरूर कार्रवाई की जाएगी. अब सवाल ये खड़ा होता है कि जब खुलेआम रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है तो प्रशासनिक अधिकारी क्यों आंखों पर पट्टी बांधकर बैठा हुआ है.

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