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किसानों ने किया धरना-प्रदर्शन, मांगें ना मानने पर सामूहिक आत्महत्या की दी चेतावनी

नरसिंहपुर में किसानों ने जनपद मैदान में प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी और केंद्र सरकार के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया. किसानों ने सांकेतिक फांसी लगाकर आंदोलन की शुरूआत की. किसानों ने मांगें नहीं मानने पर सामूहिक आत्महत्या की चेतावनी भी दी.

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Published : Dec 21, 2019, 4:20 AM IST

Updated : Dec 21, 2019, 7:38 AM IST

नरसिंहपुर। किसानों ने राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के बैनर तले आंदोलन करते हुए जिला मुख्यालय में सरकार को घेरा. साथ ही किसानों ने जनपद मैदान में प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी और केंद्र सरकार के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया. किसानों ने सांकेतिक फांसी लगाकर आंदोलन की शुरुआत की.

किसानों ने किया धरना प्रदर्शन

किसानों का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसान सम्मान निधि हरेक किसान को देने का वादा किया था, लेकिन प्रदेश के किसी एक किसान को भी किसान सम्मान निधि का लाभ आज तक नहीं मिला है. किसानों को उपज का डेढ़ गुना दाम भी नहीं मिल रहा है.

प्रदेश सरकार ने किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था, लेकिन यह वादा भी सिर्फ जुमलेबाजी ही साबित हुआ है. किसानों ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र और राज्य सरकारों ने हमारी मांगों को नहीं माना, तो किसान अब सामूहिक आत्महत्या करेंगे या फिर सड़कों पर उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे.

नरसिंहपुर। किसानों ने राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के बैनर तले आंदोलन करते हुए जिला मुख्यालय में सरकार को घेरा. साथ ही किसानों ने जनपद मैदान में प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी और केंद्र सरकार के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया. किसानों ने सांकेतिक फांसी लगाकर आंदोलन की शुरुआत की.

किसानों ने किया धरना प्रदर्शन

किसानों का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसान सम्मान निधि हरेक किसान को देने का वादा किया था, लेकिन प्रदेश के किसी एक किसान को भी किसान सम्मान निधि का लाभ आज तक नहीं मिला है. किसानों को उपज का डेढ़ गुना दाम भी नहीं मिल रहा है.

प्रदेश सरकार ने किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था, लेकिन यह वादा भी सिर्फ जुमलेबाजी ही साबित हुआ है. किसानों ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र और राज्य सरकारों ने हमारी मांगों को नहीं माना, तो किसान अब सामूहिक आत्महत्या करेंगे या फिर सड़कों पर उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे.

Intro:नरसिंहपुर में किसानों ने राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ द्वारा आंदोलन करते हुए जिला मुख्यालय में सरकार को घेरा और नरसिंहपुर के जनपद मैदान में धरना करते हुए सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में और केंद्र सरकार के विरोध में धरना प्रदर्शन किया भारतीय किसान संघ के बैनर तले हजारों की संख्या में आज नरसिंहपुर जिला मुख्यालय में आकर किसानों ने केंद्र एवं राज्य सरकार की किसान विरोधी नीति के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए सांकेतिक फांसी लगाकर आंदोलन छेड़ दिया है


Body:नरसिंहपुर में किसानों ने राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ द्वारा आंदोलन करते हुए जिला मुख्यालय में सरकार को घेरा और नरसिंहपुर के जनपद मैदान में धरना करते हुए सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में और केंद्र सरकार के विरोध में धरना प्रदर्शन किया भारतीय किसान संघ के बैनर तले हजारों की संख्या में आज नरसिंहपुर जिला मुख्यालय में आकर किसानों ने केंद्र एवं राज्य सरकार की किसान विरोधी नीति के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए सांकेतिक फांसी लगाकर आंदोलन छेड़ दिया है किसानों का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसान सम्मान निधि प्रत्येक किसान को देने का वादा किया था लेकिन प्रदेश के किसी एक किसान को भी किसान सम्मान निधि का लाभ आज तक नहीं मिला है ना ही उसे उपज का डेढ़ गुना दाम मिल रहा है और ना ही गन्ने पर उत्तर प्रदेश सरकार की तरह ₹50 बोनस दिया जा रहा है इसके चलते मध्य प्रदेश का किसान खेती किसानी से पलायन करने पर मजबूर और आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या कर रहा है प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता में आते ही 10 दिन के अंदर ₹200000 तक की कर्ज माफी का वादा किया गया था लेकिन यह वादा सिर्फ जुमलेबाजी ही साबित हुआ है ना किसानों की कर्ज माफी हुई ना ही समर्थन मूल्य पर किसानों का अनाज खरीदा जा रहा है और ना ही धान पर बोनस दिया जा रहा है ना ही स्वामीनाथ आयोग की सिफारिशों को केंद्र सरकार ने अब तक लागू किया है ना किसानों को 24 घंटे बिजली मिल रही है और ना ही उससे उसका वाजिब हक मिल रहा है कुछ 21 सूत्रीय मांगों को लेकर किसान खलियान को छोड़कर सड़कों पर उतरने को मजबूर हुआ है और यही केंद्र और राज्य सरकारों ने हमारी मांगों को नहीं माना तो किसान अब सामूहिक आत्महत्या करेगा या फिर सड़कों पर उग्र आंदोलन को मजबूर होगा

वाइट01 एकं सिंह पटेल जिला अध्यक्ष राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ
वाइट02 दर्शन सिंह चौधरी संस्थापक राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ


Conclusion:स्वामीनाथ आयोग की सिफारिशों को केंद्र सरकार ने अब तक लागू किया है ना किसानों को 24 घंटे बिजली मिल रही है और ना ही उससे उसका वाजिब हक मिल रहा है कुछ 21 सूत्रीय मांगों को लेकर किसान खलियान को छोड़कर सड़कों पर उतरने को मजबूर हुआ है और यही केंद्र और राज्य सरकारों ने हमारी मांगों को नहीं माना तो किसान अब सामूहिक आत्महत्या करेगा या फिर सड़कों पर उग्र आंदोलन को मजबूर होगा
Last Updated : Dec 21, 2019, 7:38 AM IST
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