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नरसिंहपुरः धान की ओर बढ़ रहा किसानों का रुख, 40 फीसदी हुई बोवनी - खरीफ फसल

नरसिंहपुर जिले में इस बार किसानों का रुख धान की खेती की तरफ बढ़ रहा है. जिले के 40 फीसदी किसानों ने इस बार धान की नर्सरी तैयार की है.

Farmers are moving towards paddy
धान की ओर बढ़ रहा किसानों का रुख
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Published : Jun 30, 2020, 3:56 AM IST

नरसिंहपुर। जिले के किसान इस साल धान की खेती का मन बना रहे हैं, 40 फीसदी किसानों ने नर्सरी तैयार करने के लिए बीजारोपण किया है. वहीं मानसून समय पर सक्रिय हुआ तो पखवाड़े के भीतर धान की रोपाई शुरू हो जाएगी. नरसिंहपुर जिला कृषि पर आधारित है, यहां पर सबसे अधिक गन्ना, अरहर, मक्का, मूंग, ज्वार और सोयाबीन की फसल खरीफ के सीजन में बोई जाती है. हालांकि पड़ोसी जिले बालाघाट में सबसे अधिक धान की खेती इस सीजन में की जाती है. जबकि इस बार जिले के किसानों ने भी धान की खेती करने का मन बनाया है.

Farmers are moving towards paddy
धान की ओर बढ़ रहा किसानों का रुख
एक सप्ताह में जिले के 40 फीसदी किसानों ने बोवनी को लेकर नर्सरी तैयार की है. पिछले तीन दिनों से हो रही रिमझिम बारिश के बाद किसानों की उम्मीद जारी है और खेतों की ओर रुख किया है. जब लिंगा, भटेरा, खेरी, नए गांव, करेली, आमगांव के आसपास से भी अधिक गांवों का जायजा लिया, तो इन सिंचाई वाले क्षेत्रों में एक से डेढ़ इंच से ज्यादा नर्सरी तैयार हो गई है, किसानों का मानना है कि यदि मानसून सक्रिय हुआ, तो एक पखवाड़े के भीतर रोपनी का काम शुरू किया जाएगा.

युद्ध स्तर पर खरीफ फसल की तैयारी शुरू

वहीं मौसम को देखते हुए किसानों ने युद्ध स्तर पर खरीफ फसल की तैयारी शुरू कर दी है. लेकिन मानसून पूरी तरह से जोर नहीं पकड़ रहा है. एक-दो दिन के अंतराल में बारिश हो रही है. किसानों का कहना है कि जिले के अधिकतर तहसील क्षेत्रों में रोपा पद्धति से ही धान की फसल उगाई जाती है. लेकिन कुछ क्षेत्रों में कम रकबा होने के कारण बुवाई पद्धति से फसल उगाई जाती है. जिसके लिए भी किसानों ने तैयारी शुरू कर दी है.

नरसिंहपुर। जिले के किसान इस साल धान की खेती का मन बना रहे हैं, 40 फीसदी किसानों ने नर्सरी तैयार करने के लिए बीजारोपण किया है. वहीं मानसून समय पर सक्रिय हुआ तो पखवाड़े के भीतर धान की रोपाई शुरू हो जाएगी. नरसिंहपुर जिला कृषि पर आधारित है, यहां पर सबसे अधिक गन्ना, अरहर, मक्का, मूंग, ज्वार और सोयाबीन की फसल खरीफ के सीजन में बोई जाती है. हालांकि पड़ोसी जिले बालाघाट में सबसे अधिक धान की खेती इस सीजन में की जाती है. जबकि इस बार जिले के किसानों ने भी धान की खेती करने का मन बनाया है.

Farmers are moving towards paddy
धान की ओर बढ़ रहा किसानों का रुख
एक सप्ताह में जिले के 40 फीसदी किसानों ने बोवनी को लेकर नर्सरी तैयार की है. पिछले तीन दिनों से हो रही रिमझिम बारिश के बाद किसानों की उम्मीद जारी है और खेतों की ओर रुख किया है. जब लिंगा, भटेरा, खेरी, नए गांव, करेली, आमगांव के आसपास से भी अधिक गांवों का जायजा लिया, तो इन सिंचाई वाले क्षेत्रों में एक से डेढ़ इंच से ज्यादा नर्सरी तैयार हो गई है, किसानों का मानना है कि यदि मानसून सक्रिय हुआ, तो एक पखवाड़े के भीतर रोपनी का काम शुरू किया जाएगा.

युद्ध स्तर पर खरीफ फसल की तैयारी शुरू

वहीं मौसम को देखते हुए किसानों ने युद्ध स्तर पर खरीफ फसल की तैयारी शुरू कर दी है. लेकिन मानसून पूरी तरह से जोर नहीं पकड़ रहा है. एक-दो दिन के अंतराल में बारिश हो रही है. किसानों का कहना है कि जिले के अधिकतर तहसील क्षेत्रों में रोपा पद्धति से ही धान की फसल उगाई जाती है. लेकिन कुछ क्षेत्रों में कम रकबा होने के कारण बुवाई पद्धति से फसल उगाई जाती है. जिसके लिए भी किसानों ने तैयारी शुरू कर दी है.

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