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अमरूद की 'मिठास' से किसान मालामाल, किसानों के लिए मिसाल बने होरीलाल - उद्यानिकी विभाग

जिले की बेलखेड़ी झांसी घाट के रहने वाले होरी लाल पटेल अन्य फसलों के साथ अमरूदों की बाग भी लगा दिया है. जिससे होरी लाल की लाखों की कमाई कमाई कर रहे हैं.

Millions are earned from guava farming, Horilal became rich in narshingpur
अमरूद की खेती से लाखों की आमदनी
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Published : Dec 8, 2019, 7:36 PM IST

Updated : Dec 8, 2019, 9:28 PM IST

नरसिंहपुर। भले ही किसानों का खेती से मोहभंग होता जा रहा है, पर आधुनिकता के दौर में भी खेती फायदे का काम है, बदलते वक्त के साथ खेती-बाड़ी के तौर तरीकों को बदलकर अच्छी आमदनी की जा सकती है. नरसिंहपुर जिले की बेलखेड़ी झांसी घाट के पास रहने वाले किसान होरी लाल पटेल आधुनिक खेती के जरिए मोटी कमाई कर रहे हैं और किसानों को फायदे का आईना भी दिखा रहे हैं. होरीलाल अमरूद की बाग से लाखों रूपए कमा रहे हैं, जबकि उसी बाग में गेहूं-चना जैसी फसलें भी पैदा कर रहे हैं. होरीलाल के बागों के अमरूद की गुणवत्ता और स्वाद भी औरों की अपेक्षा बेहतर है, जिसके चलते आसपास के क्षेत्रों में इसकी बड़ी डिमांड है.

अमरूद की 'मिठास' से किसान मालामाल

होरीलाल पटेल ने शिवराज सरकार में नमामि देवी योजना के तहत पौधरोपण किया था और लगभग ढाई एकड़ क्षेत्र में 180 अमरूद के पौधे लगाए थे. हालाकि, इनमें से कुछ पौधे खराब हो गए थे. होरीलाल ने बताया कि इस समय उनके बाग में अमरूद के 160 पौधे बचे हैं और हर एक पेड़ से लगभग एक क्विंटल से ज्यादा अमरूद की पैदावार होती है.
होरीलाल अब किसानी की मिसाल बन गए हैं और अपने क्षेत्र के अन्य किसानों को भी प्रेरित करते हैं कि खेती के साथ-साथ फलदार वृक्ष भी लगाएं, जिससे पर्यावरण भी स्वच्छ होगा और आपकी कमाई भी बढ़ेगी. होरी लाल बताते हैं कि अमरूद के इन पेड़ों की देखरेख परिवार के सदस्यों की तरह ही करते हैं. उनकी ये खेती पूरी तरह जैविक है.

फायदेमंद होते हैं फलदार पौधे
उद्यानिकी विभाग के विशेषज्ञ सरीन खेड़े का कहना है कि इंटरक्रापिंग करके किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. फलदार पौधों के बीच में लगाई जाने वाली फसलें भी रोग मुक्त रहती हैं क्योंकि जब पक्षी बैठते हैं तो वे फसलों में हो रहे कीड़े-मकोड़ों को खा जाते हैं. जिससे फसल को कीटनाशक की जरूरत भी नहीं पड़ती.

अमरूद खाने के फायदे
विशेषज्ञ का कहना है कि अमरूद खाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है और पाचन शक्ति संबंधी समस्या से निजात मिलता है. अमरूद में पाया जाने वाला विटामिन बी-9 शरीर की कोशिकाओं और डीएनए को सुधारने का काम करता है. अमरूद ही नहीं अमरूद की पत्ती भी बहुत सारी बीमारियों से भी निजात दिलाने में कारगर होती है.

नरसिंहपुर। भले ही किसानों का खेती से मोहभंग होता जा रहा है, पर आधुनिकता के दौर में भी खेती फायदे का काम है, बदलते वक्त के साथ खेती-बाड़ी के तौर तरीकों को बदलकर अच्छी आमदनी की जा सकती है. नरसिंहपुर जिले की बेलखेड़ी झांसी घाट के पास रहने वाले किसान होरी लाल पटेल आधुनिक खेती के जरिए मोटी कमाई कर रहे हैं और किसानों को फायदे का आईना भी दिखा रहे हैं. होरीलाल अमरूद की बाग से लाखों रूपए कमा रहे हैं, जबकि उसी बाग में गेहूं-चना जैसी फसलें भी पैदा कर रहे हैं. होरीलाल के बागों के अमरूद की गुणवत्ता और स्वाद भी औरों की अपेक्षा बेहतर है, जिसके चलते आसपास के क्षेत्रों में इसकी बड़ी डिमांड है.

अमरूद की 'मिठास' से किसान मालामाल

होरीलाल पटेल ने शिवराज सरकार में नमामि देवी योजना के तहत पौधरोपण किया था और लगभग ढाई एकड़ क्षेत्र में 180 अमरूद के पौधे लगाए थे. हालाकि, इनमें से कुछ पौधे खराब हो गए थे. होरीलाल ने बताया कि इस समय उनके बाग में अमरूद के 160 पौधे बचे हैं और हर एक पेड़ से लगभग एक क्विंटल से ज्यादा अमरूद की पैदावार होती है.
होरीलाल अब किसानी की मिसाल बन गए हैं और अपने क्षेत्र के अन्य किसानों को भी प्रेरित करते हैं कि खेती के साथ-साथ फलदार वृक्ष भी लगाएं, जिससे पर्यावरण भी स्वच्छ होगा और आपकी कमाई भी बढ़ेगी. होरी लाल बताते हैं कि अमरूद के इन पेड़ों की देखरेख परिवार के सदस्यों की तरह ही करते हैं. उनकी ये खेती पूरी तरह जैविक है.

फायदेमंद होते हैं फलदार पौधे
उद्यानिकी विभाग के विशेषज्ञ सरीन खेड़े का कहना है कि इंटरक्रापिंग करके किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. फलदार पौधों के बीच में लगाई जाने वाली फसलें भी रोग मुक्त रहती हैं क्योंकि जब पक्षी बैठते हैं तो वे फसलों में हो रहे कीड़े-मकोड़ों को खा जाते हैं. जिससे फसल को कीटनाशक की जरूरत भी नहीं पड़ती.

अमरूद खाने के फायदे
विशेषज्ञ का कहना है कि अमरूद खाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है और पाचन शक्ति संबंधी समस्या से निजात मिलता है. अमरूद में पाया जाने वाला विटामिन बी-9 शरीर की कोशिकाओं और डीएनए को सुधारने का काम करता है. अमरूद ही नहीं अमरूद की पत्ती भी बहुत सारी बीमारियों से भी निजात दिलाने में कारगर होती है.

Intro:जहां एक और किसान खेती से दूर हट रहे हैं वहीं एक किसान चना गेहूं अन्य फसलों के साथ साथ अमरूद का बाग लगा कर 1 वर्ष में लगभग लाखों रुपए कमा रहा है नरसिंहपुर जिले की बेलखेड़ी झांसी घाट के रहने वाले होरी लाल पटेल ने अन्य फसलों के साथ साथ अमरूद का बाग लगा दिया आज उसी बाग से लाखों की कमाई होती है


Body:जहां एक और किसान खेती से दूर हट रहे हैं वहीं एक किसान चना गेहूं अन्य फसलों के साथ साथ अमरूद का बाग लगा कर 1 वर्ष में लगभग लाखों रुपए कमा रहा है नरसिंहपुर जिले की बेलखेड़ी झांसी घाट के रहने वाले होरी लाल पटेल ने अन्य फसलों के साथ साथ अमरूद का बाग लगा दिया आज उसी बाग से लाखों की कमाई होती है इनके अमरूद की क्वालिटी बेहतर होने के कारण आसपास के क्षेत्र में अमरूद की मांग बड़ी है होरीलाल आसपास के क्षेत्रों के लिए एक मिसाल है और यह अन्य किसानों को भी प्रेरित करते हैं कि खेती के साथ-साथ यदि फलदार वृक्ष लगाए जाए तो उसे पर्यावरण भी स्वच्छ होगा और फसलों को भी अधिक फायदा मिलेगा और आमदनी दुगनी होगी

पिछली सरकार में नमामि देवी योजना के तहत पौधारोपण कार्यक्रम किया गया था जिसके तहत होरीलाल ने लगभग ढाई एकड़ में 180 पौधे अमरूद के लगाए थे जिसमें से कुछ पौधे खराब हो गए लगभग 160 पौधे अमरूद के लगे हुए हैं अमरूद के एक पेड़ से लगभग 1 क्विंटल से ज्यादा अमरूद की पैदावार होती है किसान का कहना है कि खेती के साथ-साथ यदि फलदार वृक्ष लगाए जाएं तो उससे आमदनी दुगनी होती है साथ ही अन्य फसलों को भी लाभ मिलता है फलदार पौधों पर जब पक्षी बैठते हैं तो वह फसलों में हो रहे पुद्दी बिल्लियों को देख कर खा जाते हैं जिससे फसल में नुकसान नहीं होता और उन्हें अधिक कीटनाशक डालने की जरूरत नहीं पड़ती होरीलाल बताते हैं कि जैविक आधार पर वह खेती करते हैं इसमें किसी प्रकार का कोई केमिकल नहीं डालते हैं
वाइट01 होरी लाल पटेल किसान
वाइट02 वीरेंद्र साहू उद्यानिकी विभाग
वाइट03 सरीन खेड़ी उद्यानिकी विभाग अधिकारी (विशेषज्ञ)
p2c राहुल खेमरिया


Conclusion:खेती के साथ-साथ यदि फलदार वृक्ष लगाए जाएं तो उससे आमदनी दुगनी होती है साथ ही अन्य फसलों को भी लाभ मिलता है फलदार पौधों पर जब पक्षी बैठते हैं तो वह फसलों में हो रहे पुद्दी बिल्लियों को देख कर खा जाते हैं जिससे फसल में नुकसान नहीं होता और उन्हें अधिक कीटनाशक डालने की जरूरत नहीं पड़ती होरीलाल बताते हैं कि जैविक आधार पर वह खेती करते हैं इसमें किसी प्रकार का कोई केमिकल नहीं डालते हैं
Last Updated : Dec 8, 2019, 9:28 PM IST
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