नरसिंहपुर। भले ही किसानों का खेती से मोहभंग होता जा रहा है, पर आधुनिकता के दौर में भी खेती फायदे का काम है, बदलते वक्त के साथ खेती-बाड़ी के तौर तरीकों को बदलकर अच्छी आमदनी की जा सकती है. नरसिंहपुर जिले की बेलखेड़ी झांसी घाट के पास रहने वाले किसान होरी लाल पटेल आधुनिक खेती के जरिए मोटी कमाई कर रहे हैं और किसानों को फायदे का आईना भी दिखा रहे हैं. होरीलाल अमरूद की बाग से लाखों रूपए कमा रहे हैं, जबकि उसी बाग में गेहूं-चना जैसी फसलें भी पैदा कर रहे हैं. होरीलाल के बागों के अमरूद की गुणवत्ता और स्वाद भी औरों की अपेक्षा बेहतर है, जिसके चलते आसपास के क्षेत्रों में इसकी बड़ी डिमांड है.
होरीलाल पटेल ने शिवराज सरकार में नमामि देवी योजना के तहत पौधरोपण किया था और लगभग ढाई एकड़ क्षेत्र में 180 अमरूद के पौधे लगाए थे. हालाकि, इनमें से कुछ पौधे खराब हो गए थे. होरीलाल ने बताया कि इस समय उनके बाग में अमरूद के 160 पौधे बचे हैं और हर एक पेड़ से लगभग एक क्विंटल से ज्यादा अमरूद की पैदावार होती है.
होरीलाल अब किसानी की मिसाल बन गए हैं और अपने क्षेत्र के अन्य किसानों को भी प्रेरित करते हैं कि खेती के साथ-साथ फलदार वृक्ष भी लगाएं, जिससे पर्यावरण भी स्वच्छ होगा और आपकी कमाई भी बढ़ेगी. होरी लाल बताते हैं कि अमरूद के इन पेड़ों की देखरेख परिवार के सदस्यों की तरह ही करते हैं. उनकी ये खेती पूरी तरह जैविक है.
फायदेमंद होते हैं फलदार पौधे
उद्यानिकी विभाग के विशेषज्ञ सरीन खेड़े का कहना है कि इंटरक्रापिंग करके किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. फलदार पौधों के बीच में लगाई जाने वाली फसलें भी रोग मुक्त रहती हैं क्योंकि जब पक्षी बैठते हैं तो वे फसलों में हो रहे कीड़े-मकोड़ों को खा जाते हैं. जिससे फसल को कीटनाशक की जरूरत भी नहीं पड़ती.
अमरूद खाने के फायदे
विशेषज्ञ का कहना है कि अमरूद खाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है और पाचन शक्ति संबंधी समस्या से निजात मिलता है. अमरूद में पाया जाने वाला विटामिन बी-9 शरीर की कोशिकाओं और डीएनए को सुधारने का काम करता है. अमरूद ही नहीं अमरूद की पत्ती भी बहुत सारी बीमारियों से भी निजात दिलाने में कारगर होती है.