नरसिंहपुर। इस साल दो आश्विन माह होने के कारण चार की बजाय पांच महीने बाद चतुर्मास का समापन 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी के साथ हो रहा है. बुधवार को गन्ना ग्यारस (देवउठनी एकादशी) धूमधाम के साथ मनाई जा रही है. इस दौरान लोग गन्ने के सहारे सुंदर मंडप सजाएंगे और फिर भगवान शालिग्राम और माता तुलसी का विवाह कराएंगे. अब पूरी तरह से मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाएंगे. कोरोना संक्रमण के कारण पिछले 8 महीने से बंद वैवाहिक कार्यक्रम भी शुरू हो रहे हैं, जिसमें अब पूरी तरह से सावधानी बरतने का आग्रह किया जा रहा है.
वैवाहिक कार्यक्रमों की होगी शुरुआत
मान्यता है कि देवशयनी ग्यारस से भगवान विष्णु क्षीरसागर में शयन के लिए चले जाते हैं. इस वजह से किसी भी तरह के मांगलिक कार्य खासतौर पर वैवाहिक कार्यक्रम चार महीने के लिए बंद हो जाते हैं. इस बार अधिकरमास होने के कारण पांच महीने बाद देवउठनी ग्यारस के साथ ही वैवाहिक और मांगलिक कार्यक्रमों की धूम शुरू होगी.
घर-घर सजेंगे गन्ने के मंडप
देव उठनी ग्यारस के मौके पर गन्ने के मंडप घर-घर बनाए जाएंगे. जिले में गन्ने की पैदावार ठीक होने से इस बार गन्ने पहले की अपेक्षा कम दाम पर मिल रहे हैं. बुधवार को एक बार फिर देशभर में दिवाली जैसी धूम देखने को मिल रही है.