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नरसिंहपुर गैंगरेप: DIG और SP ने पीड़ित परिवार को दी 1 लाख रुपए की सहायता राशि

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Published : Oct 4, 2020, 12:39 PM IST

नरसिंहपुर जिले में महिला के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के बाद आत्महत्या के मामले में अब प्रदेश सरकार एक्शन में है. इस मामले में दुष्कर्म के आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद जिले के चीचली थाना प्रभारी और गोटेटोरिया पुलिस चौकी के इंचार्ज को भी निलंबित कर हिरासत में लिया गया है और ASP-SDOP को लाइन अटैच कर दिया गया है, इसके बाद अब छिंदवाड़ा DIG रेंज अनिल माहेश्वरी ने पीड़ित परिवार को एक लाख रुपए की सहायता राशि दी है.

narsinghpur gangrape
नरसिंहपुर दुष्कर्म मामला

नरसिंहपुर। चीचली थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव में 2 अक्टूबर को गैंगरेप के बाद अनुसूचित जाति की महिला ने आत्महत्या कर ली थी. इस घटना के बाद शनिवार देर रात छिंदवाड़ा DIG रेंज अनिल माहेश्वरी के साथ पुलिस अधीक्षक मृतका के गांव पहुंचे और पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें एक लाख रुपए की सहायता राशि दी.

बता दें, नरसिंहपुर के चीचली थाना अंतर्गत एक गांव में 28 सितंबर को एक महिला के साथ गैंगरेप हुआ था. जब पीड़िता और उसका परिवार अपनी फरियाद लेकर पुलिस थाने पहुंचे तो उनकी शिकायत तक दर्ज नहीं की गई. उलटा पुलिस वालों ने उन्हें परेशान किया. पुलिस ने परेशान होकर पीड़िता ने 2 अक्टूबर को आत्महत्या कर ली थी.

जानें पूरा मामला- FIR नहीं लिखने पर गैंगरेप पीड़िता ने लगाई फांसी, चौकी प्रभारी सहित 5 गिरफ्तार, ASP-SDOP सस्पेंड

पीड़िता के आत्महत्या करने के बाद पुलिस हरकत में आई और 5 लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया.

जानें ये भी- नरसिंहपुर गैंगरेप मामलाः चीचली और गोटगोरिया के थाना प्रभारी गिरफ्तार, ASP और SDOP भोपाल तलब

नरसिंहपुर में ये घटना घटित होने के बाद सियासत भी गरमा गई. जिले में पुलिस अधिकारियों की इस लापरवाही के उजागर होने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए थें. जैसे ही ASP राजेश तिवारी, SDOP और अन्य पुलिस कर्मचारियों को हटाया गया, वैसे ही कांग्रेस विधायक का धरना भी खत्म करवाया गया. इस दौरान राज्यसभा सांसद ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ने विधायक की बात सुन ली होती, तो ये घटना नहीं होती.

ये भी पढ़ें- दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज पर साधा निशाना, कहा- पहले ही हटा लेते भ्रष्ट अधिकारी, तो नहीं होती घटना

विधानसभा के पूर्व स्पीकर एनपी प्रजापति ने एक प्रेसवार्ता आयोजित कर जमकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा था. पूर्व स्पीकर ने कहा कि मध्यप्रदेश में बेटियों के खिलाफ लगातार अपराध बढ़ रहे हैं. जब पुलिस महकमे में ज्यादा राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ जाता है, तब अधिकारी कर्तव्य पालन करना भूल जाते हैं और नेताओं की परिक्रमा शुरू कर देते हैं.

पढ़ें पूरी खबर- नरसिंहपुर मामले पर एनपी प्रजापति ने बीजेपी पर साधा निशाना, कहा-पुलिस महकमें में बढ़ा राजनीतिक हस्तक्षेप

इस घटना के बाद कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था. कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर इस तरह की वारदातों पर लगाम नहीं लगी, तो सरकार को और भी उग्र प्रदर्शन का सामना करना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें- दुष्कर्म पीड़ित महिला की आत्महत्या पर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन, भाजपा सरकारों को ठहराया जिम्मेदार

नरसिंहपुर। चीचली थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव में 2 अक्टूबर को गैंगरेप के बाद अनुसूचित जाति की महिला ने आत्महत्या कर ली थी. इस घटना के बाद शनिवार देर रात छिंदवाड़ा DIG रेंज अनिल माहेश्वरी के साथ पुलिस अधीक्षक मृतका के गांव पहुंचे और पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें एक लाख रुपए की सहायता राशि दी.

बता दें, नरसिंहपुर के चीचली थाना अंतर्गत एक गांव में 28 सितंबर को एक महिला के साथ गैंगरेप हुआ था. जब पीड़िता और उसका परिवार अपनी फरियाद लेकर पुलिस थाने पहुंचे तो उनकी शिकायत तक दर्ज नहीं की गई. उलटा पुलिस वालों ने उन्हें परेशान किया. पुलिस ने परेशान होकर पीड़िता ने 2 अक्टूबर को आत्महत्या कर ली थी.

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पीड़िता के आत्महत्या करने के बाद पुलिस हरकत में आई और 5 लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया.

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नरसिंहपुर में ये घटना घटित होने के बाद सियासत भी गरमा गई. जिले में पुलिस अधिकारियों की इस लापरवाही के उजागर होने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए थें. जैसे ही ASP राजेश तिवारी, SDOP और अन्य पुलिस कर्मचारियों को हटाया गया, वैसे ही कांग्रेस विधायक का धरना भी खत्म करवाया गया. इस दौरान राज्यसभा सांसद ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ने विधायक की बात सुन ली होती, तो ये घटना नहीं होती.

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विधानसभा के पूर्व स्पीकर एनपी प्रजापति ने एक प्रेसवार्ता आयोजित कर जमकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा था. पूर्व स्पीकर ने कहा कि मध्यप्रदेश में बेटियों के खिलाफ लगातार अपराध बढ़ रहे हैं. जब पुलिस महकमे में ज्यादा राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ जाता है, तब अधिकारी कर्तव्य पालन करना भूल जाते हैं और नेताओं की परिक्रमा शुरू कर देते हैं.

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इस घटना के बाद कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था. कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर इस तरह की वारदातों पर लगाम नहीं लगी, तो सरकार को और भी उग्र प्रदर्शन का सामना करना पड़ेगा.

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