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चरनोई भूमि पर हो रही खेती और लग रहे ईंट भट्टे, मूकदर्शक बना प्रशासन

नरसिंहपुर जिले के तेंदूखेड़ा के चरनोई भूमि पर लंबे समय से दबंग अतिक्रमण कर खेती कर रहे हैं. साथ ही ईंट भट्टे भी चला रहे हैं, लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.

Encroachment of domineering on grazing lands
चरनोई भूमि पर दबंगों का अतिक्रमण
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Published : Dec 26, 2019, 6:56 PM IST

नरसिंहपुर। जिले के तेंदूखेड़ा में चरनोई भूमि पर लंबे समय से दबंगों का कब्जा है.वो भूमि पर अपना अतिक्रमण जमाए हुए हैं, साथ ही वहां खेती, ईंट भट्टे भी लगाए हुए हैं. इसके बावजूद प्रशासन मूक बना हुआ है और कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

चरनोई भूमि पर दबंगों का अतिक्रमण

वहीं नगर के सड़कों पर घूम रहे मवेशी लगातार दुर्घटना का शिकार होते हैं. मवेशी भोजन-पानी की तलाश में सड़कों पर घूमते रहते हैं और बीच सड़क पर बैठे रहते हैं, जिससे वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पहले हर दिन चरवाहों द्वारा घरों से बड़ी संख्या में मवेशियों को इकट्ठा कर चरनोई भूमि पर ले जाते थे, लेकिन चरनोई की भूमि पर दबंगों का अतिक्रमण होने से ये पूरी तरीके से बंद हो गई है. पशु मालिक अपने-अपने मवेशियों को सड़कों पर खुलेआम छोड़ देते हैं. जो दिन-रात सड़कों पर भटकते रहते हैं.

शहर में 10 से 15 एकड़ चरनोई भूमि है जिस पर रसूददार और दबंग लोगों ने लंबे समय से अपना कब्जा कर खेती कर रहे है, वहीं प्रशासन ने ऐसी भूमि को खाली करवाने के लिए कोई कोशिश नहीं की है.

नरसिंहपुर। जिले के तेंदूखेड़ा में चरनोई भूमि पर लंबे समय से दबंगों का कब्जा है.वो भूमि पर अपना अतिक्रमण जमाए हुए हैं, साथ ही वहां खेती, ईंट भट्टे भी लगाए हुए हैं. इसके बावजूद प्रशासन मूक बना हुआ है और कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

चरनोई भूमि पर दबंगों का अतिक्रमण

वहीं नगर के सड़कों पर घूम रहे मवेशी लगातार दुर्घटना का शिकार होते हैं. मवेशी भोजन-पानी की तलाश में सड़कों पर घूमते रहते हैं और बीच सड़क पर बैठे रहते हैं, जिससे वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पहले हर दिन चरवाहों द्वारा घरों से बड़ी संख्या में मवेशियों को इकट्ठा कर चरनोई भूमि पर ले जाते थे, लेकिन चरनोई की भूमि पर दबंगों का अतिक्रमण होने से ये पूरी तरीके से बंद हो गई है. पशु मालिक अपने-अपने मवेशियों को सड़कों पर खुलेआम छोड़ देते हैं. जो दिन-रात सड़कों पर भटकते रहते हैं.

शहर में 10 से 15 एकड़ चरनोई भूमि है जिस पर रसूददार और दबंग लोगों ने लंबे समय से अपना कब्जा कर खेती कर रहे है, वहीं प्रशासन ने ऐसी भूमि को खाली करवाने के लिए कोई कोशिश नहीं की है.

Intro:चरनोई भूमि पर हो रही खेती और लग रहे ईट भट्टे सड़कों पर घूम रहे मवेशी मूकदर्शक बना प्रशासनBody:तेंदूखेड़ा नरसिंहपुर

चरनोई भूमि पर हो रही खेती और लग रहे ईट भट्टे सड़कों पर घूम रहे मवेशी मूकदर्शक बना प्रशासन तेंदूखेडा नगर में चरनोई की भूमि पर लंबे समय से दबंग लोगों का कबजा है जो उक्त भूमि पर अपना अतिक्रमण जमाए हुए हैं और खेती करते हैं एवं ईट भट्टे भी लगाए जाते हैं मवेशी नगर की सड़कों पर इधर-उधर भटकते रहते हैं जो कभी दुर्घटनाओं को अंजाम देते हैं तो कभी दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं मवेशी भोजन पानी की तलाश में सड़कों पर घूमते रहते हैं और बीच सड़क पर बैठे रहते हैं जिससे वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है पूर्व में प्रतिदिन चरवाहों द्वारा घरों से बड़ी संख्या में मवेशी एकत्रित कर चरनोई भूमि पर विचरण के लिए ले जाते थे चरनोईकी भूमि पर दबंगों का अतिक्रमण होने से यह प्रथा पूर्ण रूप से बंद हो गई है पशु मालिकों द्वारा अपने अपने मवेशी सड़कों पर खुलेआम छोड़ दिए जाते हैं जिनके लिए नगर में कहीं जगह नहीं है जो दिन रात सड़कों पर भटकते रहते हैं भोजन की तलाश में घूमते रहते हैं नगर में 10 से 15 एकड़ चरनोई भूमि है जिस पर रसूदखोर और दबंग लोगों द्वारा लंबे समय से अपने कब्जे में लेकर खेती की जा रही है वही प्रशासन द्वारा उक्त भूमि को खाली करवाने कभी
कोई प्रयास नहीं किए गए और नाही भूमि को चयनित किया गया जो कहीं ना कहीं प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगता है

बाइट- आर एस राजपूत sdm तेंदूखेड़ा
Conclusion:
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