मुरैना। अक्षय तृतीया के दिन विष्णु के अवतार भगवान परशुराम की प्राकट्य उत्सव मनाया जाता है आज मुरैना में भी ब्राह्मण समाज ने शासन के निर्देशों का पालन करते हुए सीमित लोगों की उपस्थिति के बीच भगवान परशुराम की विशेष पूजा अर्चना कर प्राकट्य उत्सव मनाया. इस दौरान भगवान परशुराम मंदिर ट्रस्ट के सचिव ने सभी को भगवान परशुराम की जयंती की बधाई देते हुए लॉकडाउन के दौरान शासन के निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया.
शहर के बड़ोखर स्थित भगवान परशुराम मंदिर पर कांग्रेस पार्टी छोड़कर हाल ही में भाजपा में शामिल हुए दिमनी विधानसभा से पूर्व विधायक गिरिराज दंडोतिया ने पूजा अर्चना की. साथ ही सभी को बधाई देते हुए भगवान परशुराम से प्रार्थना की. पूर्व विधायक ने आम जनता से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बताए गए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने की भी अपील की.
अक्षय तृतीया के दिन का धर्म में क्यों है विशेष महत्व
सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का जन्म हुआ था, इसी दिन मां अन्नपूर्णा का भी जन्म हुआ. वहीं इस दिन विष्णु के अवतार भगवान परशुराम का जन्म उत्सव होता है. और आज ही के दिन कुबेर को भी खजाने की प्राप्ति हुई थी.
प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बद्रीनारायण धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन ही खोले जाते हैं. वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर श्री कृष्ण के चरणारविंद के दर्शन भी आम लोगों को अक्षय तृतीया के दिन कराए जाते हैं. भगवान जगन्नाथ जी के शोभा यात्रा के लिए बनने वाले रथों का शुभारंभ भी अक्षय तृतीया के दिन से प्रारंभ होता है. इन सब महत्वपूर्ण एवं गौरवशाली इतिहास के कारण ही अक्षय तृतीया का दिन सर्व सिद्धि योग प्राप्ति वाला भी माना जाता है.