मुरैना। जिले का एक मात्र सहकारी शक्कर कारखाना कैलारस शुगर मिल पिछले 10 सालों से बंद होने के कारण 800 मजदूर अपने लंबित वेतन भत्तों के लिए परेशान है. लॉकडाउन के कारण मजदूर दिवस पर भी ये मजदूर अपनी मांग शासन और प्रशासन के सामने भी नहीं रख पा रहे हैं. परिणामस्वरूप इन 800 मजदूरों के परिवार दो वक्त की रोटी के लिए तरसना पड़ रहा है . कैलारस शुगर मिल परिसर में आज मजदूर संगठन सीटू ने अपने लाल झंडे के सामने मजदूर दिवस पर अपनी समस्या रखते हुए दर्द बयां किया.
कैलारस शुगर मिल में 800 से अधिक कर्मचारी काम करते थे, 2010 में शुगर मिल घाटे में जाने के कारण बंद हो गई. तब से आज तक मजदूरों का लंबित वेतन-भत्ता नही दिया जा रहा. सिर्फ 20 मजदूरो को सुरक्षा एवं देख रेख का काम करने की अनुमति है. इन्हें भी नवंबर 2019 से वेतन भुगतान नही हो रहे.
मजदूर अपनी मांगों को लेकर हाईकोर्ट तक भी जा चुके हैं लेकिन सरकार कोई न कोई कानूनी पेंच लगाकर भुगतान करने के लिए समय मांगती रही है. सहकारी शुगर मिल कैलारस में काम करने वाले 800 से अधिक मजदूर अपने और अपने परिवार के पालन पोषण के लिए अन्य जगहों पर मजदूरी कर गुजारा कर रहे हैं. तो कुछ मजदूर दिहाड़ी मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं.