मुरैना। किसी परिवार में बच्चे के जन्म पर सोहर गीत गाने की परंपरा है. मगर एमपी के मुरैना में कुत्ते के बच्चों के जन्म पर महिलाओं ने सोहर गाया, और उस्तव मनाया. मुरैना के विवेकानंद कॉलोनी में ऐसा अनोखा उत्सव गाहे-बगाहे ही देखने को मिलता है. मगर कुत्ते के बच्चों के जन्म पर इस सोहर गायन और उत्सव की चर्चा है.
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कॉलोनी की एक पालतू कुतिया ने पांच पिल्लों को जन्म दिया. इस खुशी में कॉलोनी की महिलाओं ने मंगल गीत और बधाइयां गाने की साथ साथ मिठाई बांटी. वहीं 5 बच्चों का नामकरण भी हुआ. मोहल्ले के बच्चों ने कुत्ते के बच्चों के लिए ईंट, रेत, सीमेंट से पक्के घर बनाए और सर्दी से बचाने का इंतजाम किया.
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गणेशपुरा की विवेकानंद कॉलोनी में राम जी पैलेस के सामने वाली गली में सालों से एक काले रंग का कुत्तों का जोड़ा रहता था. मोहल्ले के लोगों ने फीमेल कुतिया का नाम कल्लो रखा. कल्लो ने 5 पिल्लों को जन्म दिया, जिनमें दो मेल और दो फीमेल हैं. कल्लो ने पहली बार पिल्लों को जन्म दिया है. इसकी खुशी मोहल्ले के लोगों को ऐसी हुई कि महिलाओं ने ढोलक लेकर घर के बाहर बैठकर घंटों तक मंगल गीत गाए, और बधाईयां दीं.
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बधाई गीत गाने के बाद मोहल्ले के लोगों ने लड्डू और बूंदी बांटी गई. इसके बाद मोहल्ले की महिलाओं और बच्चों ने कल्लो के बच्चों का नामकरण करवाया. जिसमें दो मेल पिल्लों के नाम हीरा और मोती रखे गए, तो फीमेल पिल्लों के नाम लूसी, स्वीटी और राधिका रखे गए हैं.