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जल संकट के लिए जिम्मेदार नेता, नदी जोड़ो परियोजना खतरनाकः जलपुरुष

जलपुरुष राजेंद्र सिंह मुरैना पहुंचे. जहां उन्होंने नदी जोड़ो परियोजना और भारत में वाटर क्राइसिस पर अपनी राय दी. उन्होंने भारत में जल संकट के लिए नेताओं के लिए जिम्मेदार बताया.

Water man Rajendra Singh
वाटर मैन राजेंद्र सिंह
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Published : Sep 8, 2020, 10:47 AM IST

मुरैना। रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित जलपुरुष के नाम से विख्यात राजेंद्र सिंह मुरैना पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नदी जोड़ो परियोजना एक खतरनाक योजना थी. इस योजना से देश में बाढ़ और अकाल जैसे हालात हो जाते. इसलिए उन्होंने इसका विरोध किया था. राजेंद्र सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी अच्छे इंसान और अच्छे प्रधानमंत्री थे. एक बार इस मुद्दे पर वाजपेयी ने उनसे बात भी की थी. जिसके बाद उन्होंने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था.

वाटर मैन राजेंद्र सिंह

नदी जोड़ो परियोजना का हमेशा किया विरोध

वाजपेयी सरकार जाने के बाद मनमोहन सरकार आई. जिन्होंने इस योजना पर एक टास्क फोर्स बनाया. तमाम अध्ययन के बाद नदी जोड़ो परियोजना को फिर लाल बस्ते में बंद कर इस पर पूर्ण रोक लगा दी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे फिर से शुरुआत करने की कोशिश की. फिर इसके दुष्परिणाम बताने पर उन्होंने इस योजना को बंद कर दिया. उन्होंने कहा कि किसी भी नदी को लिफ्ट करना आसान नहीं है. प्रकृति से छेड़छाड़ मानव जाति के लिए खतरनाक साबित हो सकती है.

नदी जोड़ो परियोजना देश के लिए खतरनाक

बे-पानी हो रहा भारत

वाटर मैन राजेन्द्र सिंह का कहना है कि इस वक्त भारत बेपानी हो रहा है. भारत को बेपानी बनाने में नेताओं की अहम भूमिका है. उनकी आंखों का पानी सूख गया, इसलिए आज ये हालात बन रहे हैं. नहीं तो भारत पानी के मामले में विश्व गुरू था. दुनिया को दिखाने लायक था. जब हम लोग पानी का सम्मान किया करते थे. नदियों को जानबूझकर खत्म किया जा रहा है. देश में पांच तत्वों की पूजा होती थी, हमने कभी भी मंदिर-मस्जिद पर ध्यान नहीं दिया. ये तो लोगों को बांटने का काम रहे हैं. हमारा असली भगवान तो पंच तत्व थे.

मुरैना। रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित जलपुरुष के नाम से विख्यात राजेंद्र सिंह मुरैना पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नदी जोड़ो परियोजना एक खतरनाक योजना थी. इस योजना से देश में बाढ़ और अकाल जैसे हालात हो जाते. इसलिए उन्होंने इसका विरोध किया था. राजेंद्र सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी अच्छे इंसान और अच्छे प्रधानमंत्री थे. एक बार इस मुद्दे पर वाजपेयी ने उनसे बात भी की थी. जिसके बाद उन्होंने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था.

वाटर मैन राजेंद्र सिंह

नदी जोड़ो परियोजना का हमेशा किया विरोध

वाजपेयी सरकार जाने के बाद मनमोहन सरकार आई. जिन्होंने इस योजना पर एक टास्क फोर्स बनाया. तमाम अध्ययन के बाद नदी जोड़ो परियोजना को फिर लाल बस्ते में बंद कर इस पर पूर्ण रोक लगा दी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे फिर से शुरुआत करने की कोशिश की. फिर इसके दुष्परिणाम बताने पर उन्होंने इस योजना को बंद कर दिया. उन्होंने कहा कि किसी भी नदी को लिफ्ट करना आसान नहीं है. प्रकृति से छेड़छाड़ मानव जाति के लिए खतरनाक साबित हो सकती है.

नदी जोड़ो परियोजना देश के लिए खतरनाक

बे-पानी हो रहा भारत

वाटर मैन राजेन्द्र सिंह का कहना है कि इस वक्त भारत बेपानी हो रहा है. भारत को बेपानी बनाने में नेताओं की अहम भूमिका है. उनकी आंखों का पानी सूख गया, इसलिए आज ये हालात बन रहे हैं. नहीं तो भारत पानी के मामले में विश्व गुरू था. दुनिया को दिखाने लायक था. जब हम लोग पानी का सम्मान किया करते थे. नदियों को जानबूझकर खत्म किया जा रहा है. देश में पांच तत्वों की पूजा होती थी, हमने कभी भी मंदिर-मस्जिद पर ध्यान नहीं दिया. ये तो लोगों को बांटने का काम रहे हैं. हमारा असली भगवान तो पंच तत्व थे.

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