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चंबल नदी में तैरता हुआ मिला मगरमच्छ का शव, बिसरा रिपोर्ट आने के बाद होगा मौत का खुलासा - मगरमच्छ का शव

चंबल नदी में एक 9 फीट के मगरमच्छ का शव तैरता हुआ मिला है. मौके पर पहुंची अम्बाह वन विभाग की टीम ने मगर के शव को अपने कब्जे में लेकर, उसका पोस्टमार्टम कराया और जांच के लिए बिसरा को भेजा.

Crocodile carcass found in Chambal river
चंबल नदी में मिला मगरमच्छ का शव
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Published : Feb 13, 2021, 12:28 AM IST

मुरैना। जिले की अम्बाह तहसील इलाके के उसैतघाट पर चंबल नदी किनारे एक मगरमच्छ का शव तैरता हुआ मिला. जिसकी लंबाई लगभग 9 फीट बताई जा रही है. उसैत घाट से आने जाने वाले राहगीरों को जैसे पता चला, तो उन्होंने वन विभाग को इसकी सूचना दी. अम्बाह वन विभाग की टीम के अलावा उत्तर प्रदेश के बाह से भी अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंच गई. लेकिन मौके पर पहुंचकर जांच में ये सामने आया कि मगर का शव मध्यप्रदेश की सीमा में है, इसलिए उत्तरप्रदेश की टीम वापस चली गई और अम्बाह वन विभाग की टीम ने मगर के शव को अपने कब्जे में लेकर, उसका पोस्टमार्टम कराया और जांच के लिए बिसरा भेजा गया है. रिपोर्ट आने पर ही मगर की मौत के कारणों का पता चल सकेगा.

बिसरा रिपोर्ट में होगा मौत का खुलासा

अम्बाह रेंजर दीपक शर्मा के अनुसार मगरमच्छ की मौत रेत माफियाओं के द्वारा नहीं हुई है और ना ही जाल में फंसने से हुई है. मगरमच्छ के शव पर किसी तरह के चोट के निशान भी नहीं है, इसलिए मगर की मौत को सामान्य माना जा रहा है. मगरमच्छ के विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक मौत के कारणों का खुलासा हो सकेगा. प्रारंभ में ऐसा माना जा रहा था कि किसी ने मगरमच्छ का शिकार किया है, लेकिन शव के परीक्षण में पाया गया कि उसके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं है. इसलिए इसे सामान्य मौत माना जा रहा है, यदि कोई बीमारी रही होगी तो विसरा की जांच रिपोर्ट आने के बाद पता चल पाएगा.

जलीय जीवों के लिए चंबल उपयुक्त नदी

श्योपुर, मुरैना और भिंड में चंबल नदी को जलीय जीवों के संरक्षण के लिए सबसे सुरक्षित और उपयुक्त नदी मानी जाती है. वर्तमान में लगभग दो हजार घड़ियाल और 500 से अधिक मगरमच्छ चंबल नदी में हैं. चंबल की वजह से मध्य प्रदेश को घड़ियाल स्टेट का दर्जा भी मिला हुआ है.

मुरैना। जिले की अम्बाह तहसील इलाके के उसैतघाट पर चंबल नदी किनारे एक मगरमच्छ का शव तैरता हुआ मिला. जिसकी लंबाई लगभग 9 फीट बताई जा रही है. उसैत घाट से आने जाने वाले राहगीरों को जैसे पता चला, तो उन्होंने वन विभाग को इसकी सूचना दी. अम्बाह वन विभाग की टीम के अलावा उत्तर प्रदेश के बाह से भी अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंच गई. लेकिन मौके पर पहुंचकर जांच में ये सामने आया कि मगर का शव मध्यप्रदेश की सीमा में है, इसलिए उत्तरप्रदेश की टीम वापस चली गई और अम्बाह वन विभाग की टीम ने मगर के शव को अपने कब्जे में लेकर, उसका पोस्टमार्टम कराया और जांच के लिए बिसरा भेजा गया है. रिपोर्ट आने पर ही मगर की मौत के कारणों का पता चल सकेगा.

बिसरा रिपोर्ट में होगा मौत का खुलासा

अम्बाह रेंजर दीपक शर्मा के अनुसार मगरमच्छ की मौत रेत माफियाओं के द्वारा नहीं हुई है और ना ही जाल में फंसने से हुई है. मगरमच्छ के शव पर किसी तरह के चोट के निशान भी नहीं है, इसलिए मगर की मौत को सामान्य माना जा रहा है. मगरमच्छ के विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक मौत के कारणों का खुलासा हो सकेगा. प्रारंभ में ऐसा माना जा रहा था कि किसी ने मगरमच्छ का शिकार किया है, लेकिन शव के परीक्षण में पाया गया कि उसके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं है. इसलिए इसे सामान्य मौत माना जा रहा है, यदि कोई बीमारी रही होगी तो विसरा की जांच रिपोर्ट आने के बाद पता चल पाएगा.

जलीय जीवों के लिए चंबल उपयुक्त नदी

श्योपुर, मुरैना और भिंड में चंबल नदी को जलीय जीवों के संरक्षण के लिए सबसे सुरक्षित और उपयुक्त नदी मानी जाती है. वर्तमान में लगभग दो हजार घड़ियाल और 500 से अधिक मगरमच्छ चंबल नदी में हैं. चंबल की वजह से मध्य प्रदेश को घड़ियाल स्टेट का दर्जा भी मिला हुआ है.

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