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आगजनी से निपटने के लिए मुरैना जिला प्रशासन के पास नहीं हैं पुख्ता इंतजाम

मुरैना में दमकल विभाग राम भरोसे चल रहा है. दमकल विभाग के पास उपयुक्त संसाधन और ट्रेन स्टॉफ की कमी है. पूरा जिला सिर्फ नगरी निकाय के संसाधन पर निर्भर है.

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आगजनी रोकने के लिए प्रशासन के पास नहीं हैं पुख्ता इंतजाम
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Published : Feb 25, 2020, 4:34 AM IST

Updated : Feb 25, 2020, 7:45 AM IST

मुरैना। जिला प्रशासन के पास आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए न तो संसाधन है और ना ही ट्रेन स्टॉप. मुरैना में 3 औद्योगिक क्षेत्र हैं, लेकिन कहीं भी फायर स्टेशन नहीं है. इसके अलावा जिले की 20 लाख की आबादी में सिर्फ नगरी निकाय में चलने वाले फायर ब्रिगेड के भरोसे ही, प्रशासन आगजनी की घटनाओं से निपटने का दावा कर रहा है.

आगजनी रोकने के लिए प्रशासन के पास नहीं हैं पुख्ता इंतजाम

मुरैना जिले में कई जगह औद्योगिक इकाइयां बड़े पैमाने पर नियमित काम कर रही हैं, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से फायर स्टेशन नहीं बनाया गया. जिले में 20 लाख से अधिक की आबादी है, लेकिन जिला प्रशासन के पास आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए कोई रणनीति नहीं है. नगरी निकायों के पास जो फायर बिग्रेड हैं उन्हीं के भरोसे पूरे जिले की आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने के उम्मीद जुडी हुई है.

नगरीय निकायों के पास उपलब्ध फायर ब्रिगेड चालू में से भी कुछ बंद पड़ी है और तो और उनके पास कोई ट्रेनी स्टाफ भी नहीं है. प्रशासन की उदासीनता की वजह से शहर में लोगों को कभी भी बड़ी दुर्घटना का सामना करना पड़ सकता है.

मुरैना। जिला प्रशासन के पास आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए न तो संसाधन है और ना ही ट्रेन स्टॉप. मुरैना में 3 औद्योगिक क्षेत्र हैं, लेकिन कहीं भी फायर स्टेशन नहीं है. इसके अलावा जिले की 20 लाख की आबादी में सिर्फ नगरी निकाय में चलने वाले फायर ब्रिगेड के भरोसे ही, प्रशासन आगजनी की घटनाओं से निपटने का दावा कर रहा है.

आगजनी रोकने के लिए प्रशासन के पास नहीं हैं पुख्ता इंतजाम

मुरैना जिले में कई जगह औद्योगिक इकाइयां बड़े पैमाने पर नियमित काम कर रही हैं, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से फायर स्टेशन नहीं बनाया गया. जिले में 20 लाख से अधिक की आबादी है, लेकिन जिला प्रशासन के पास आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए कोई रणनीति नहीं है. नगरी निकायों के पास जो फायर बिग्रेड हैं उन्हीं के भरोसे पूरे जिले की आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने के उम्मीद जुडी हुई है.

नगरीय निकायों के पास उपलब्ध फायर ब्रिगेड चालू में से भी कुछ बंद पड़ी है और तो और उनके पास कोई ट्रेनी स्टाफ भी नहीं है. प्रशासन की उदासीनता की वजह से शहर में लोगों को कभी भी बड़ी दुर्घटना का सामना करना पड़ सकता है.

Last Updated : Feb 25, 2020, 7:45 AM IST
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