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पानी में भी घोटालाः बिना प्रक्रिया के जारी हुए 27 करोड़ के टेंडर - मुरैना न्यूज

मुरैना जिले में आंगनबाडियों में जल ही जीवन मिशन के तहत पेयजल व्यवस्था के लिए 27 करोड़ के टेंडर अपने चहेते ठेकेदार को दे दिए. पीएचई विभाग ने बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के यह टेंडर जारी कर दिए. बिना किसी प्रक्रिया के टेंडर जारी होने के बाद अन्य ठेकेदारों ने पीएचई विभाग का विरोध किया है. अन्य ठेकेदार मामले की शिकायत कलेक्टर, पीएचई, ईओडब्ल्यू, पीएचई ग्वालियर और लोकायुक्त से शिकायत कर रहे हैं.

Scam in water
पानी में भी घोटाला
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Published : Mar 23, 2021, 7:37 AM IST

मुरैना। जिले के पीएचई विभाग में 27 करोड़ रुपए के टेंडर घोटाले का मामला सामने आया है. पीएचई विभाग ने बिना टेंडर खोले ही अपने चहेते ठेकेदारों को टेंडर जारी कर दिए गए हैं. इसकी शिकायत अन्य ठेकेदारों ने अब पीएचई मंत्री सहित ईओडब्ल्यू और विभाग के आला अधिकारियों से की है. मामले का खुलासा होने के बाद कांग्रेस भी अब प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए, इसे सह देने की बात कर रही है. हालांकि इस पूरे मामले को लेकर जब आला अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे के सामने बोलने से मना कर दिया.

बिना प्रक्रिया के जारी हुए 27 करोड़ के टेंडर
  • पीएचई ने अपने चहेते ठेकेदारों को दिए टेंडर

दरअसल मुरैना जिले की 3 हजार 539 आंगनबाड़ियों और स्कूलों में पेयजल व्यवस्था करने के लिए 'जल ही जीवन' मिशन के तहत पाइप लाइन बिछाकर नल फिटिंग के लिए 45.46 करोड रुपए के 28 टेंडर खोले जाने थे. जिसमें से 6 टेंडर ही खोले गए, लेकिन ये टेंडर प्रक्रिया का पालन किए बिना ही पीएचई के कार्यपालन यंत्री आरएन करैया ने अपने चहेते ठेकेदारों को बांट दिए है. शिकायत करने वाले ठेकेदार का कहना है कि जिन ठेकेदारों ने टेंडर प्रक्रिया पूरी की है उनके टेंडर पास नहीं किए. लेकिन जिन ठेकेदारों ने टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं की पीएचई ने उन ठेकेदारों के टेंडर पास कर दिए है. जिसको लेकर अब अन्य ठेकेदार मामले की शिकायत कलेक्टर, पीएचई, ईओडब्ल्यू, पीएचई ग्वालियर और लोकायुक्त से शिकायत कर रहे हैं.

  • कांग्रेस के पास नहीं है कुछ काम

भारतीय जनता पार्टी इस मामले में पहले तो ऑनलाइन प्रक्रिया का हवाला देते हुए गड़बड़ी की बात से इंकार कर रही है. वहीं मामले की जांच करवाने की बात भी कह रही है. इसके साथ ही भाजपा ये भी कहना है कि काम होते है तो आरोप-प्रत्यरोप लगते रहते है. वहीं कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का बढ़ावा का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के पास जब कोई काम नहीं होता है, तब वो भाजपा पर आरोप लगाने का प्रयास करती है.

  • पीएचई के टेंडर घोटाले के दो उदाहरण

पहाड़गढ़ में 125 आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूलों में नल फिटिंग करने के लिए 1 करोड़ 67 लाख रुपए का टेंडर बुलाया था. इसमें भी 9 ठेकेदारों ने टेंडर डाले ठेकेदार राम लखन शर्मा ने 1.14 करोड रुपए (32 प्रतिशत ब्लो) में काम लेने टेंडर डाला था. लेकिन उनका टेंडर खोले बिना जय मां काली कंस्ट्रक्शन का 1.64 करोड रुपए में टेंडर स्वीकार कर लिया गया.

मुरैना जिले की कैलारस तहसील में 142 आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूल भावनों के लिए 1 करोड़ 90 लाख रुपए का टेंडर बुलाया गया था. जिसके लिए 11 ठेकेदारों ने टेंडर डाले, ठेकेदार राम लखन शर्मा इस काम को 1 करोड़ 34 लाख 90 हजार रुपए (29 प्रतिशत ब्लो) में करने को तैयार थे. लेकिन उनके साथ अन्य 6 ठेकेदारों के टेंडर खोले ही नहीं और यही काम जय कैलादेवी कंस्ट्रक्शन कंपनी को एक करोड़ 84 लाख रुपए में दे दिया गया.

परीक्षा घोटाला! छात्रों ने निकाली सीएम की शव यात्रा

  • शिवराज सरकार, घोटालेबाज सरकार

पीएचई विभाग में हुए 27 करोड़ के टेंडर घोटाले को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमला कर रही है. किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर का कहना है कि शिवराज सरकार की नाकामी का ये प्रमाण है. जिस तरह से प्रदेश में घोटाले हो रहे है, ये सरकार घोटालेबाज सरकार है. मुरैना में भाजपा नेताओं के दवाब में आकर पीएचई विभाग ने जो ई-टेंडर ओपन किए है. जो 3 प्रतिशत ब्लो है उसको उसको काम दे दिया और जिसका 12 प्रतिशत ब्लो है उसको काम नहीं दिया. ये साफ तरीके से भ्रष्टाचार दिख रहा है और इसकी जांच होकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

दिनेश गुर्जर ने कहा है कि भाजपा खुद भ्रष्टाचार करती और कांग्रेस पर आरोप लगाती है. मध्यप्रदेश में 15 महीने कांग्रेस की सरकार रही. एक भी कर्मचारी और अधिकारी ने कोई भी भ्रष्टाचार नहीं कर पाया. कमलनाथ सरकार ने तो भ्रष्टाचारों के खिलाफ कार्रवाई की. कांग्रेस सरकार के टाइम जो अधिकारी मुरैना में थे उनको क्यों हटा दिया. ये जो अधिकारी कहीं न कहीं भाजपा नेताओं को संरक्षण प्राप्त है, इसलिए ये घोटाले कर रहे है.

  • ये है योजना

जिला शिक्षा केंद्र ने जिले में 1976 प्राइमरी मिडिल स्कूलों की किचन, टॉयलेट और वॉशरूम में पानी के 3 पॉइंट लगाने और उसमें पानी उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को नए जल स्त्रोत तैयार करने का काम मिला है. हालांकि यह काम दिसंबर 2020 में शुरू होना चाहिए था. लेकिन ठेकेदारों से सेटिंग बैठाने के फेर में पीएचई के अधिकारियों ने इसे मार्च तक लेट कर दिया.

मुरैना। जिले के पीएचई विभाग में 27 करोड़ रुपए के टेंडर घोटाले का मामला सामने आया है. पीएचई विभाग ने बिना टेंडर खोले ही अपने चहेते ठेकेदारों को टेंडर जारी कर दिए गए हैं. इसकी शिकायत अन्य ठेकेदारों ने अब पीएचई मंत्री सहित ईओडब्ल्यू और विभाग के आला अधिकारियों से की है. मामले का खुलासा होने के बाद कांग्रेस भी अब प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए, इसे सह देने की बात कर रही है. हालांकि इस पूरे मामले को लेकर जब आला अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे के सामने बोलने से मना कर दिया.

बिना प्रक्रिया के जारी हुए 27 करोड़ के टेंडर
  • पीएचई ने अपने चहेते ठेकेदारों को दिए टेंडर

दरअसल मुरैना जिले की 3 हजार 539 आंगनबाड़ियों और स्कूलों में पेयजल व्यवस्था करने के लिए 'जल ही जीवन' मिशन के तहत पाइप लाइन बिछाकर नल फिटिंग के लिए 45.46 करोड रुपए के 28 टेंडर खोले जाने थे. जिसमें से 6 टेंडर ही खोले गए, लेकिन ये टेंडर प्रक्रिया का पालन किए बिना ही पीएचई के कार्यपालन यंत्री आरएन करैया ने अपने चहेते ठेकेदारों को बांट दिए है. शिकायत करने वाले ठेकेदार का कहना है कि जिन ठेकेदारों ने टेंडर प्रक्रिया पूरी की है उनके टेंडर पास नहीं किए. लेकिन जिन ठेकेदारों ने टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं की पीएचई ने उन ठेकेदारों के टेंडर पास कर दिए है. जिसको लेकर अब अन्य ठेकेदार मामले की शिकायत कलेक्टर, पीएचई, ईओडब्ल्यू, पीएचई ग्वालियर और लोकायुक्त से शिकायत कर रहे हैं.

  • कांग्रेस के पास नहीं है कुछ काम

भारतीय जनता पार्टी इस मामले में पहले तो ऑनलाइन प्रक्रिया का हवाला देते हुए गड़बड़ी की बात से इंकार कर रही है. वहीं मामले की जांच करवाने की बात भी कह रही है. इसके साथ ही भाजपा ये भी कहना है कि काम होते है तो आरोप-प्रत्यरोप लगते रहते है. वहीं कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का बढ़ावा का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के पास जब कोई काम नहीं होता है, तब वो भाजपा पर आरोप लगाने का प्रयास करती है.

  • पीएचई के टेंडर घोटाले के दो उदाहरण

पहाड़गढ़ में 125 आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूलों में नल फिटिंग करने के लिए 1 करोड़ 67 लाख रुपए का टेंडर बुलाया था. इसमें भी 9 ठेकेदारों ने टेंडर डाले ठेकेदार राम लखन शर्मा ने 1.14 करोड रुपए (32 प्रतिशत ब्लो) में काम लेने टेंडर डाला था. लेकिन उनका टेंडर खोले बिना जय मां काली कंस्ट्रक्शन का 1.64 करोड रुपए में टेंडर स्वीकार कर लिया गया.

मुरैना जिले की कैलारस तहसील में 142 आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूल भावनों के लिए 1 करोड़ 90 लाख रुपए का टेंडर बुलाया गया था. जिसके लिए 11 ठेकेदारों ने टेंडर डाले, ठेकेदार राम लखन शर्मा इस काम को 1 करोड़ 34 लाख 90 हजार रुपए (29 प्रतिशत ब्लो) में करने को तैयार थे. लेकिन उनके साथ अन्य 6 ठेकेदारों के टेंडर खोले ही नहीं और यही काम जय कैलादेवी कंस्ट्रक्शन कंपनी को एक करोड़ 84 लाख रुपए में दे दिया गया.

परीक्षा घोटाला! छात्रों ने निकाली सीएम की शव यात्रा

  • शिवराज सरकार, घोटालेबाज सरकार

पीएचई विभाग में हुए 27 करोड़ के टेंडर घोटाले को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमला कर रही है. किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर का कहना है कि शिवराज सरकार की नाकामी का ये प्रमाण है. जिस तरह से प्रदेश में घोटाले हो रहे है, ये सरकार घोटालेबाज सरकार है. मुरैना में भाजपा नेताओं के दवाब में आकर पीएचई विभाग ने जो ई-टेंडर ओपन किए है. जो 3 प्रतिशत ब्लो है उसको उसको काम दे दिया और जिसका 12 प्रतिशत ब्लो है उसको काम नहीं दिया. ये साफ तरीके से भ्रष्टाचार दिख रहा है और इसकी जांच होकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

दिनेश गुर्जर ने कहा है कि भाजपा खुद भ्रष्टाचार करती और कांग्रेस पर आरोप लगाती है. मध्यप्रदेश में 15 महीने कांग्रेस की सरकार रही. एक भी कर्मचारी और अधिकारी ने कोई भी भ्रष्टाचार नहीं कर पाया. कमलनाथ सरकार ने तो भ्रष्टाचारों के खिलाफ कार्रवाई की. कांग्रेस सरकार के टाइम जो अधिकारी मुरैना में थे उनको क्यों हटा दिया. ये जो अधिकारी कहीं न कहीं भाजपा नेताओं को संरक्षण प्राप्त है, इसलिए ये घोटाले कर रहे है.

  • ये है योजना

जिला शिक्षा केंद्र ने जिले में 1976 प्राइमरी मिडिल स्कूलों की किचन, टॉयलेट और वॉशरूम में पानी के 3 पॉइंट लगाने और उसमें पानी उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को नए जल स्त्रोत तैयार करने का काम मिला है. हालांकि यह काम दिसंबर 2020 में शुरू होना चाहिए था. लेकिन ठेकेदारों से सेटिंग बैठाने के फेर में पीएचई के अधिकारियों ने इसे मार्च तक लेट कर दिया.

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