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भूतपूर्व सैनिकों की पेंशन में कटौती पर सैनिक संघ ने जताया विरोध, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

सैनिक संगठनों का कहना है कि अगर सरकार ने बिपिन रावत की सिफारिशों को माना तो सैनिक संगठन दिल्ली आकर उग्र प्रदर्शन करेंगे और देशव्यापी मुहिम चलाई जाएगी.

Ex-servicemen's union
सैनिक संघ ने जताया विरोध
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Published : Dec 7, 2020, 5:43 PM IST

मुरैना। भूतपूर्व सैनिक संघ अम्बाह एवं इंडियन बैटरन्स ऑर्गनाइजेशन ने अम्बाह शहर में शहीद पार्क में सेना अध्यक्ष विपिन रावत द्वारा भूतपूर्व सैनिकों की पेंशन में कटौती के प्रस्ताव किए जाने का विरोध जताते हुए प्रधानमंत्री से प्रस्ताव को अस्वीकार करने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.

विरोध प्रदर्शन करते हुए शशि भूषण शर्मा ने बताया कि सीडीएस बिपिन रावत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. वहीं जवानों की पेंशन की कटौती का प्रस्ताव सरकार को वापस लेने की मांग की है. पूर्व सैनिकों ने मांगें पूरी न होने पर आंदोलन को बड़ा रुप देने की चेतावनी भी दी है.

सैनिक संगठनों का कहना है कि अगर सरकार ने बिपिन रावत की सिफारिशों को माना तो सैनिक संगठन दिल्ली आकर उग्र प्रदर्शन करेंगे और देशव्यापी मुहिम चलाई जाएगी. जो धोखा किसानों के साथ किया गया है उसे हम पूर्व सैनिकों के साथ नहीं होने देंगे.

सैनिक संगठनों का कहना है कि जिन जवानों ने देश की जमीन को अपने खून-पसीने से सींचा है. उन जवानों की पेंशन की कटौती का प्रपोजल अस्वीकार किया जाना चाहिए. जब जवान उसकी 17 वर्ष की नौकरी कर अपने घर वापस आता है. तब उसकी पेंशन ही उसके परिवार के भरण-पोषण का आधार होता है और उसकी पेंशन की ही कटौती कर दी जाएगी तब उस जवान पर इसका बुरा असर पड़ेगा और आने वाली युवा पीढ़ी सेना में जाने से कतराएगी.

मुरैना। भूतपूर्व सैनिक संघ अम्बाह एवं इंडियन बैटरन्स ऑर्गनाइजेशन ने अम्बाह शहर में शहीद पार्क में सेना अध्यक्ष विपिन रावत द्वारा भूतपूर्व सैनिकों की पेंशन में कटौती के प्रस्ताव किए जाने का विरोध जताते हुए प्रधानमंत्री से प्रस्ताव को अस्वीकार करने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.

विरोध प्रदर्शन करते हुए शशि भूषण शर्मा ने बताया कि सीडीएस बिपिन रावत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है. वहीं जवानों की पेंशन की कटौती का प्रस्ताव सरकार को वापस लेने की मांग की है. पूर्व सैनिकों ने मांगें पूरी न होने पर आंदोलन को बड़ा रुप देने की चेतावनी भी दी है.

सैनिक संगठनों का कहना है कि अगर सरकार ने बिपिन रावत की सिफारिशों को माना तो सैनिक संगठन दिल्ली आकर उग्र प्रदर्शन करेंगे और देशव्यापी मुहिम चलाई जाएगी. जो धोखा किसानों के साथ किया गया है उसे हम पूर्व सैनिकों के साथ नहीं होने देंगे.

सैनिक संगठनों का कहना है कि जिन जवानों ने देश की जमीन को अपने खून-पसीने से सींचा है. उन जवानों की पेंशन की कटौती का प्रपोजल अस्वीकार किया जाना चाहिए. जब जवान उसकी 17 वर्ष की नौकरी कर अपने घर वापस आता है. तब उसकी पेंशन ही उसके परिवार के भरण-पोषण का आधार होता है और उसकी पेंशन की ही कटौती कर दी जाएगी तब उस जवान पर इसका बुरा असर पड़ेगा और आने वाली युवा पीढ़ी सेना में जाने से कतराएगी.

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