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Morena Tribal Home Demolition: आदिवासियों के घर तोड़ने पर गरमाई सियासत, पूर्व विधायक कंषाना धरने पर बैठे, इधर कांग्रेस ने भी दिया अल्टीमेटम

मुरैना में वन विभाग की कार्रवाई के बाद सियासत गरमा गई है. बीजेपी और कांग्रेस के नेता आज मौके पर पहुंचे. जहां उन्होंने पीड़ितों को सांत्वना दी, साथ ही उनके पुन: बसाहट को लेकर प्रशासन को अल्टीमेटम भी दिया. इधर, ADM ने 8 से 10 दिन के भीतर आदिवासियों को बसाने की बात कही है. वहीं इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर हमलावर हैं.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 27, 2023, 9:04 PM IST

Updated : Aug 29, 2023, 2:50 PM IST

Morena Adivasi Home Demolition
मुरैना में आदिवासी घरों पर कार्रवाई

मुरैना. वन विभाग की आदिवासियों के घर तोड़ने के कार्रवाई के बाद अब शहर की सियासत गर्म हो गई है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के नेता आदिवासियों की बीच पहुंचकर सांत्वना दे रहे हैं. साथ ही अधिकारियों को भी इस कार्रवाई के लिए कोस रहे हैं. आज सुबह बीजेपी के पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंषाना आदिवासियों के बीच पहुंचे. इस दौरान उन्होंने धरना भी दिया. साथ हीआदिवासियों के लिए जमीन के पट्टे देने और खाने की मांग की है. उनके पहुंचते ही ADM, SDM और ASP मौके पर पहुंचे. इसके बाद पूर्व विधायक ने तुरंत आदिवासियों को बसाने के लिए जगह चिन्हित कर दी और दो दिन के भीतर उन्हें बसाने की मांग की.

इधर आदिवासियों की बसाहट के लिए ADM ने 8 से 10 दिन में कार्रवाई करने की बात कही है. वहीं, आदिवासी महिलाओं का कहना है कि फॉरेस्ट विभाग की कार्रवाई से बच्चे डरे और सहमे हुए हैं. वो रोटी भी नहीं मांग रहे हैं. रात खुले में गुजारने को मजबूर हैं.

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इनके अलावा कांग्रेस के विधायक राकेश मावई भी आदिवासियों के बीच पहुंचे. उन्होंने कार्रवाई को लेकर फॉरेस्ट विभाग की निंदा की. साथ ही प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. साथ ही उन्हें दोबारा बसाने की मांग भी की. ऐसा न करने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी.

क्या है पूरा मामला: दरअसल, पिछले शनिवार को फोरेस्ट विभाग के अधिकारियों ने करहधाम के जंगल मे बुल्डोजर चलाकर 20 अदिवासी परिवारों के घरों को तोड़ दिया था. इस कार्रवाई के बाद वे सभी अपनी फरियाद लेकर मुरैना SDM भूपेंद्र सिंह कुशवाह के पास पहुंचे. यहां उन्होंने बिना सूचना के घर तोड़ने की बात कही.

मामले ने तूल पकड़ा और सियासत शुरु: जैसे ही इस मामले में राजनीतिक पार्टियों तक पहुंची, तो सियासी गहमागहमी शुरू हो गई. इसके बाद मौके पर ADM सीबी प्रसाद, SDM भूपेंद्र कुशवाह, ASPदलबल के साथ पहुंचे.

कंसाना बोले-बुल्डोजर नहीं चलाना चाहिए था: पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंषाना ने कहा- भले ही यह जमीन फोरेस्ट विभाग के अधीन आती है, लेकिन फिर भी उनको बुलडोजर नहीं चलाना चाहिए. यह बेहद निंदनीय कार्रवाई है. इससे 15 परिवार बेघर हुए हैं. दो दिन के भीतर आदिवासियों के पट्टे देकर रहने और खाने की व्यवस्था करने को प्रशासन से अनुरोध किया है.

कांग्रेस बोली- बीजेपी वाले ढोंग कर रहे: इधर, मौके पर कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल भी पहुंचा. उन्होंने पीड़ित आदिवासियों से चर्चा कर कहा- एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदिवासियों के दर्द को समझने की बात का ढोंग कर रहे हैं. दूसरी ओर उनके इशारे पर प्रशासन आदिवासियों की मारपीट कर बेदखल करने की कार्रवाई कर रहा है. यह निंदनीय घटना है. घटना के बाद से आदिवासी परिवार और उनके बच्चे दहशत में हैं. 2 दिन से भोजन नहीं मिला है.

8 दिन में देंगे जमीन के पट्टे: ADM ने पूर्व विधायक कंसाना और कांग्रेस की मांग सुनने के बाद अगले 8 दिन के भीतर जमीन के पट्टे देने की बात कही. इसके साथ ही आदिवासियों के लिए रहने और खाने का इंतजाम करने का आश्वासन भी दिया.

मुरैना. वन विभाग की आदिवासियों के घर तोड़ने के कार्रवाई के बाद अब शहर की सियासत गर्म हो गई है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के नेता आदिवासियों की बीच पहुंचकर सांत्वना दे रहे हैं. साथ ही अधिकारियों को भी इस कार्रवाई के लिए कोस रहे हैं. आज सुबह बीजेपी के पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंषाना आदिवासियों के बीच पहुंचे. इस दौरान उन्होंने धरना भी दिया. साथ हीआदिवासियों के लिए जमीन के पट्टे देने और खाने की मांग की है. उनके पहुंचते ही ADM, SDM और ASP मौके पर पहुंचे. इसके बाद पूर्व विधायक ने तुरंत आदिवासियों को बसाने के लिए जगह चिन्हित कर दी और दो दिन के भीतर उन्हें बसाने की मांग की.

इधर आदिवासियों की बसाहट के लिए ADM ने 8 से 10 दिन में कार्रवाई करने की बात कही है. वहीं, आदिवासी महिलाओं का कहना है कि फॉरेस्ट विभाग की कार्रवाई से बच्चे डरे और सहमे हुए हैं. वो रोटी भी नहीं मांग रहे हैं. रात खुले में गुजारने को मजबूर हैं.

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इनके अलावा कांग्रेस के विधायक राकेश मावई भी आदिवासियों के बीच पहुंचे. उन्होंने कार्रवाई को लेकर फॉरेस्ट विभाग की निंदा की. साथ ही प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. साथ ही उन्हें दोबारा बसाने की मांग भी की. ऐसा न करने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी.

क्या है पूरा मामला: दरअसल, पिछले शनिवार को फोरेस्ट विभाग के अधिकारियों ने करहधाम के जंगल मे बुल्डोजर चलाकर 20 अदिवासी परिवारों के घरों को तोड़ दिया था. इस कार्रवाई के बाद वे सभी अपनी फरियाद लेकर मुरैना SDM भूपेंद्र सिंह कुशवाह के पास पहुंचे. यहां उन्होंने बिना सूचना के घर तोड़ने की बात कही.

मामले ने तूल पकड़ा और सियासत शुरु: जैसे ही इस मामले में राजनीतिक पार्टियों तक पहुंची, तो सियासी गहमागहमी शुरू हो गई. इसके बाद मौके पर ADM सीबी प्रसाद, SDM भूपेंद्र कुशवाह, ASPदलबल के साथ पहुंचे.

कंसाना बोले-बुल्डोजर नहीं चलाना चाहिए था: पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंषाना ने कहा- भले ही यह जमीन फोरेस्ट विभाग के अधीन आती है, लेकिन फिर भी उनको बुलडोजर नहीं चलाना चाहिए. यह बेहद निंदनीय कार्रवाई है. इससे 15 परिवार बेघर हुए हैं. दो दिन के भीतर आदिवासियों के पट्टे देकर रहने और खाने की व्यवस्था करने को प्रशासन से अनुरोध किया है.

कांग्रेस बोली- बीजेपी वाले ढोंग कर रहे: इधर, मौके पर कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल भी पहुंचा. उन्होंने पीड़ित आदिवासियों से चर्चा कर कहा- एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदिवासियों के दर्द को समझने की बात का ढोंग कर रहे हैं. दूसरी ओर उनके इशारे पर प्रशासन आदिवासियों की मारपीट कर बेदखल करने की कार्रवाई कर रहा है. यह निंदनीय घटना है. घटना के बाद से आदिवासी परिवार और उनके बच्चे दहशत में हैं. 2 दिन से भोजन नहीं मिला है.

8 दिन में देंगे जमीन के पट्टे: ADM ने पूर्व विधायक कंसाना और कांग्रेस की मांग सुनने के बाद अगले 8 दिन के भीतर जमीन के पट्टे देने की बात कही. इसके साथ ही आदिवासियों के लिए रहने और खाने का इंतजाम करने का आश्वासन भी दिया.

Last Updated : Aug 29, 2023, 2:50 PM IST
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