मुरैना। सुमावली से जौरा को जोड़ने वाला एक मात्र पुल जो आसन नदी पर बना हुआ है, क्षतिग्रस्त हो गया था. इस पुल से ग्वालियर से श्योपुर जाने वाली नैरोगेज ट्रेन गुजरा करती थी, साथ ही उस पुल से लोगों की भी आवाजाही होती थी. पुल के क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिली तो इसे ठीक करवाया गया, जिसके बाद पुल के किनारे वाले फुटपाथ के सिरों को तोड़ दिया गया, ताकि लोग वहां से आना-जाना न कर सकें, लेकिन इसके बाद भी लोग वहां से गुजर रहे हैं, जिन्हे रोकने के लिए एक चौकीदार को तैनात कर दिया गया है.
क्षेत्र में लगभग 40 ग्राम पंचायत हैं, जो जौरा तहसील में आते हैं, इसलिए क्षेत्र के लोगों को सुमावली से जौरा जाना होता है. नैरोगेज रेल लाइन के रास्ते सुमावली से जौरा की दूरी सिर्फ 12 किलोमीटर है. वहीं सड़क मार्ग से मुरैना होते हुए जाएं, तो लगभग 45 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, जिसके कारण गांव वालों को अधिक समय लगता है. ऐसी स्थिति में लोग या तो ट्रेन से जौरा जाते हैं या अपने दोपहिया वाहन को लेकर रेलवे ब्रिज के किनारे जौरा जाया करते थे, लेकिन फुटपाथ को तोड़ने के बाद आम लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और जान से खिलवाड़ कर उस पुल से गुजर रहे हैं.