मुरैना। जहरीली शराब से जिले में 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, लेकिन फिर भी इस बड़ी घटना की जांच के नाम पर लीपापोती की जा रही है. इसी संबंध में अब पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया हैं. उन्होंने कहा कि सरकार माफियाओं पर लगातार संरक्षण बनाए हुए हैं.
अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा के बयानों पर पीसी शर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर सरकार अवैध शराब कारोबारियों पर कार्रवाई करना चाहती और इस मामले को लेकर गंभीर होती, तो रतलाम की घटना के बाद आबकारी अधिनियम में संशोधन किया जा सकता था. शायद उज्जैन और मुरैना की घटनाएं नहीं घटती, लेकिन सरकार माफियाओं को संरक्षण देने में लगी हुई है. जब भी घटना घटित होती है, तब कानूनी पेज लेकर माफियाओं को बचाने में लग जाती है. अभी भी जांच के नाम पर सिर्फ लीपापोती की जा रही है.
बता दें कि, कांग्रेस नेता पीसी शर्मा आज छैरा और मानपुर गांव पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. इसके बाद मीडिया से चर्चा करते हुए प्रदेश सरकार से पीड़ित परिवारों को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और आश्रितों को नौकरी देने की मांग की. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सिर्फ कलेक्टर और एसपी का स्थानांतरण करने से अवैध शराब का कारोबार नहीं थमेगा. इसके लिए सरकार को माफियाओं पर अंकुश लगाना होगा, तभी यह रोक संभव है.
रतलाम की घटना के बाद क्यों नहीं बदला आबकारी कानून: पीसी शर्मा
मुरैना जिले में 25 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद राजनीति फिर से गरमा गई है. इस घटना के बाद अब पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
मुरैना। जहरीली शराब से जिले में 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, लेकिन फिर भी इस बड़ी घटना की जांच के नाम पर लीपापोती की जा रही है. इसी संबंध में अब पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया हैं. उन्होंने कहा कि सरकार माफियाओं पर लगातार संरक्षण बनाए हुए हैं.
अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा के बयानों पर पीसी शर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर सरकार अवैध शराब कारोबारियों पर कार्रवाई करना चाहती और इस मामले को लेकर गंभीर होती, तो रतलाम की घटना के बाद आबकारी अधिनियम में संशोधन किया जा सकता था. शायद उज्जैन और मुरैना की घटनाएं नहीं घटती, लेकिन सरकार माफियाओं को संरक्षण देने में लगी हुई है. जब भी घटना घटित होती है, तब कानूनी पेज लेकर माफियाओं को बचाने में लग जाती है. अभी भी जांच के नाम पर सिर्फ लीपापोती की जा रही है.
बता दें कि, कांग्रेस नेता पीसी शर्मा आज छैरा और मानपुर गांव पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. इसके बाद मीडिया से चर्चा करते हुए प्रदेश सरकार से पीड़ित परिवारों को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और आश्रितों को नौकरी देने की मांग की. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सिर्फ कलेक्टर और एसपी का स्थानांतरण करने से अवैध शराब का कारोबार नहीं थमेगा. इसके लिए सरकार को माफियाओं पर अंकुश लगाना होगा, तभी यह रोक संभव है.