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रतलाम की घटना के बाद क्यों नहीं बदला आबकारी कानून: पीसी शर्मा

मुरैना जिले में 25 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद राजनीति फिर से गरमा गई है. इस घटना के बाद अब पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

Congress leader PC Sharma
कांग्रेस नेता पीसी शर्मा
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Published : Jan 18, 2021, 8:36 PM IST

मुरैना। जहरीली शराब से जिले में 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, लेकिन फिर भी इस बड़ी घटना की जांच के नाम पर लीपापोती की जा रही है. इसी संबंध में अब पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया हैं. उन्होंने कहा कि सरकार माफियाओं पर लगातार संरक्षण बनाए हुए हैं.

अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा के बयानों पर पीसी शर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर सरकार अवैध शराब कारोबारियों पर कार्रवाई करना चाहती और इस मामले को लेकर गंभीर होती, तो रतलाम की घटना के बाद आबकारी अधिनियम में संशोधन किया जा सकता था. शायद उज्जैन और मुरैना की घटनाएं नहीं घटती, लेकिन सरकार माफियाओं को संरक्षण देने में लगी हुई है. जब भी घटना घटित होती है, तब कानूनी पेज लेकर माफियाओं को बचाने में लग जाती है. अभी भी जांच के नाम पर सिर्फ लीपापोती की जा रही है.

बता दें कि, कांग्रेस नेता पीसी शर्मा आज छैरा और मानपुर गांव पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. इसके बाद मीडिया से चर्चा करते हुए प्रदेश सरकार से पीड़ित परिवारों को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और आश्रितों को नौकरी देने की मांग की. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सिर्फ कलेक्टर और एसपी का स्थानांतरण करने से अवैध शराब का कारोबार नहीं थमेगा. इसके लिए सरकार को माफियाओं पर अंकुश लगाना होगा, तभी यह रोक संभव है.

पीसी शर्मा, कांग्रेस नेता
अवैध शराब और जुआ का केंद्र है छैरा गांव पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि छैरा गांव में न केवल अवैध शराब का कारोबार होता है, बल्कि जुआ का अंतर राज्य केंद्र बन गया है. इस गांव में दिल्ली और नोएडा तक के लोग जुआ खेलने आते हैं. यहां 20 वर्ष तक के लोगों के लिए अलग, 35 वर्ष तक के अलग, दो लाख रुपये तक जुआ खेलने वालों के अलग फड़ लगाए गए है. यह तभी संभव है, जब इन माफियाओं को सरकार और प्रशासन से संरक्षण संभव हों. केवल कलेक्टर और एसपी को हटाने से नहीं चलेगा काम पीसी शर्मा ने कहा कि अवैध शराब का कारोबार करने वाले माफियाओं की रोकथाम के लिए केवल कलेक्टर और एसपी को हटाने से काम नहीं चलेगा. इसके लिए माफियाओं को संरक्षण देना बंद करना होगा. आबकारी एक्ट में संशोधन की है आवश्यकताअवैध शराब बनाने और बेचने वाले माफिया इसलिए नहीं डरते है, क्योंकि आबकारी अधिनियम में कड़ी कार्रवाई की व्यवस्था नहीं है. विशेष जांच दल के अध्यक्ष राजेश राजौरा की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पीसी शर्मा ने कहा कि अगर सरकार को आबकारी अधिनियम में संशोधन करना ही है, तो आज तक का इंतजार क्यों ? जब रतलाम में घटना हुई थी, तभी क्यों नहीं किया गया. अगर रतलाम की घटना के बाद संशोधन किया गया होता, तो उज्जैन और मुरैना की घटनाएं नहीं घटती.

मुरैना। जहरीली शराब से जिले में 25 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, लेकिन फिर भी इस बड़ी घटना की जांच के नाम पर लीपापोती की जा रही है. इसी संबंध में अब पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया हैं. उन्होंने कहा कि सरकार माफियाओं पर लगातार संरक्षण बनाए हुए हैं.

अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा के बयानों पर पीसी शर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर सरकार अवैध शराब कारोबारियों पर कार्रवाई करना चाहती और इस मामले को लेकर गंभीर होती, तो रतलाम की घटना के बाद आबकारी अधिनियम में संशोधन किया जा सकता था. शायद उज्जैन और मुरैना की घटनाएं नहीं घटती, लेकिन सरकार माफियाओं को संरक्षण देने में लगी हुई है. जब भी घटना घटित होती है, तब कानूनी पेज लेकर माफियाओं को बचाने में लग जाती है. अभी भी जांच के नाम पर सिर्फ लीपापोती की जा रही है.

बता दें कि, कांग्रेस नेता पीसी शर्मा आज छैरा और मानपुर गांव पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. इसके बाद मीडिया से चर्चा करते हुए प्रदेश सरकार से पीड़ित परिवारों को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और आश्रितों को नौकरी देने की मांग की. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सिर्फ कलेक्टर और एसपी का स्थानांतरण करने से अवैध शराब का कारोबार नहीं थमेगा. इसके लिए सरकार को माफियाओं पर अंकुश लगाना होगा, तभी यह रोक संभव है.

पीसी शर्मा, कांग्रेस नेता
अवैध शराब और जुआ का केंद्र है छैरा गांव पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि छैरा गांव में न केवल अवैध शराब का कारोबार होता है, बल्कि जुआ का अंतर राज्य केंद्र बन गया है. इस गांव में दिल्ली और नोएडा तक के लोग जुआ खेलने आते हैं. यहां 20 वर्ष तक के लोगों के लिए अलग, 35 वर्ष तक के अलग, दो लाख रुपये तक जुआ खेलने वालों के अलग फड़ लगाए गए है. यह तभी संभव है, जब इन माफियाओं को सरकार और प्रशासन से संरक्षण संभव हों. केवल कलेक्टर और एसपी को हटाने से नहीं चलेगा काम पीसी शर्मा ने कहा कि अवैध शराब का कारोबार करने वाले माफियाओं की रोकथाम के लिए केवल कलेक्टर और एसपी को हटाने से काम नहीं चलेगा. इसके लिए माफियाओं को संरक्षण देना बंद करना होगा. आबकारी एक्ट में संशोधन की है आवश्यकताअवैध शराब बनाने और बेचने वाले माफिया इसलिए नहीं डरते है, क्योंकि आबकारी अधिनियम में कड़ी कार्रवाई की व्यवस्था नहीं है. विशेष जांच दल के अध्यक्ष राजेश राजौरा की रिपोर्ट का हवाला देते हुए पीसी शर्मा ने कहा कि अगर सरकार को आबकारी अधिनियम में संशोधन करना ही है, तो आज तक का इंतजार क्यों ? जब रतलाम में घटना हुई थी, तभी क्यों नहीं किया गया. अगर रतलाम की घटना के बाद संशोधन किया गया होता, तो उज्जैन और मुरैना की घटनाएं नहीं घटती.
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