मुरैना। उपचुनाव के दौरान चुनाव आयोग के निर्देश पर ऐसे कर्मचारियों को डीपी लगाने के निर्देश दिए गए हैं, जो किसी भी तरह की परेशानी से पीड़ित ना हो. जिसकी संभावना को देखते हुए मुरैना जिले में पांच विधानसभाओं के लिए 3 हजार अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए जा रहे हैं. बावजूद इसके एक पैरालाइसिस पीड़ित शिक्षक अपनी ड्यूटी कैंसिल कराने के लिए अधिकारियों के दरवाजे पर भटक रहा है, लेकिन कोई उसकी फरियाद सुनने को तैयार नहीं है.
शासकीय माध्यमिक स्कूल में पदस्थ माध्यमिक शिक्षक धनमसी तिर्की पिछले डेढ़ साल से पैरालिसिस के शिकार हैं और बिस्तर पर पड़े-पड़े अपने स्वस्थ होने की ईश्वर से कामना करते हुए चिकित्सकों द्वारा सुझाए गए उपचार को ले रहे हैं. इस बात से उनके स्कूल के प्रधानाध्यापक से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी पर सभी अवगत हैं. इसके बाद भी ऐसे स्थाई रूप से नियुक्त शिक्षक धनमसी तिर्की की उपचुनाव के दौरान ड्यूटी लगाई गई है. वह वॉकर के सहारे अपनी पत्नी की मदद लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला उप निर्वाचन अधिकारी से अपनी चुनाव ड्यूटी नष्ट कराने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई भी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है.
खास बात तो यह है कि जिला उप निर्वाचन अधिकारी उमेश शुक्ला द्वारा पीड़ित के सामने से गुजर गए और उनका आवेदन लेना भी जरूरी नहीं समझा. जब पीड़ित की पत्नी पीछे दौड़ते हुए उन्हें आवेदन दिया तो उन्होंने आवेदन को लेकर बिना कुछ जाने पूछे और समस्या के निदान का पर कोई चर्चा करते हुए आगे बढ़ते चले गए.