ETV Bharat / state

फॉर्म के फेर में निकला मरीज का दम, नहीं मिली ऑक्सीजन, ठेले पर ले जाना पड़ा शव - Oxygen deficiency patient dies in Morena District Hospital

मुरैना जिला अस्पताल में समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण एक युवक की मौत हो गई. मामले में अस्पताल के स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लग रहा है. हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि इस मौत के कारणों की वो जांच कराएगा.

स्ट्रेचर
Morena News
author img

By

Published : May 11, 2021, 12:27 PM IST

Updated : May 11, 2021, 1:41 PM IST

मुरैना। मानवता को शर्मसार करने वाला मामला, मुरैना जिला अस्पताल से सामने आया है. जहां जिला अस्पताल में ऑक्सीजन का स्टॉक भरपूर होने के बाद भी मेडिकल वार्ड में बीती रात भर्ती किए गए मरीज को ऑक्सीजन नहीं मिली और उसकी मौत हो गई. करीब 6 घंटे तक बीमार युवक ऑक्सीजन के खाली सिलेंडर को भरवाने की गुहार लगाता रहा. लेकिन वार्ड में तैनात स्टाफ ने वो फार्म ही नहीं दिया, जिससे खाली सिलेंडर में ऑक्सीजन रीफिल होनी थी. स्टाफ की इस गलती ने एक युवक की जान ले ली. शव को मेडिकल वार्ड से एम्बुलेंस तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर भी नहीं मिला. जिसके बाद परिजन ठेले पर शव रखकर वार्ड से बाहर एम्बुलेंस तक ले गए.

फॉर्म के फेर में निकला मरीज का दम

अस्पताल पर लापरवाही का आरोप

इस मामले में अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं. वहीं मामले में ईटीवी भारत ने CMHO से संपर्क किया तो फोन पर उन्होने मामले की जांच की बात कही.

"अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं है लेकिन अगर फॉर्म की फॉर्मालिटी के चलते ऑक्सीजन मरीज को नहीं मिल सका, तो इसकी जांच होगी"- एडी शर्मा, प्रभारी CMHO

मुरैना जनपद की गंजरामपुर ग्राम पंचायत के देवी सिंह का पुरा गांव में रहने वाले की बीती रात अचानक तबीयत बिगड़ गई. उसे सांस लेने में शिकायत और ऑक्सीजन लेवल कम होने के चलते मुरैना जिला अस्पताल के मेडिकल वार्ड में भर्ती करवाया गया था. मरीज को रात के समय ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया गया था लेकिन आधी रात को ही ऑक्सीजन खत्म हो गई. सिलेंडर खत्म होने के बाद मरीज का ऑक्सीजन लेवल 70 के आसपास आ गया और उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी. खाली सिलेंडर में ऑक्सीजन भरवाने के लिए मरीज को अस्पताल के वार्ड से ही एक फार्म मिलना था, जो रात 2 बजे से लेकर सुबह 9 बजे तक मेडिकल वार्ड में पदस्थ स्टाफ ने उपलब्ध नहीं कराया. उसके बाद मरीज ने समाजसेवी अरुण परमार को ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए फोन लगाया और बताया, कि उसे सांस लेने में बहुत तकलीफ हो रही है. इसके बाद अरुण परमार जब सुबह अस्पताल पहुंचे तब पता चला कि ऑक्सीजन न मिलने से मरीज की मौत हो गई. वार्ड में भर्ती अन्य मरीज के अटेंडर का कहना है कि समय रहते यदि मरीज को ऑक्सीजन मिल जाती तो शायद युवक की जान बचाई जा सकती थी.

Black fungus का कहर: हमीदिया में बुर्जग महिला की निकालनी पड़ी आंख

ठेले पर रखकर ले गए शव

जिला अस्पताल की अव्यवस्था का आलम ऐसा है, कि मरीज की मौत के बाद उसके शव काे मेडिकल वार्ड से एंबुलेंस तक ले जाने के लिए परिजन को स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं करवाया गया. मरीज के पिता स्ट्रेचर के लिए इस वार्ड से उस वार्ड में भटकते रहे. लेकिन उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिला तो अस्पताल के बाहर आकर एक परिचित की मदद से चार पहिया हाथ ठेला मंगवाया. हाथ ठेले को मेडिकल वार्ड में ले जाया गया, तब कहीं जाकर मरीज के शव को पलंग से उठाकर हाथ ठेले पर रखकर बाहर एंबुलेंस तक लाया गया.

Morena News
ठेले पर ले जाना पड़ा शव

पर्याप्त ऑक्सीजन होने के बाद भी गई युवक की जान

जिला अस्पताल के ठीक पीछे ऑक्सीजन प्लांट है, ऑक्सीजन की कमी भी नहीं, लेकिन लापरवाही मरीज पर भारी पड़ी. कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों को रात से ऑक्सीजन कम मिल रही थी. ऑक्सीजन का फ्लो कम होने पर मरीजों ने इसकी सूचना दी और सुबह आरएमओ डॉ. धर्मेन्द्र गुप्ता, ठेकेदार को लेकर इसकी जांच करने पहुंचे. ऑक्सीजन की नलियों को चेक कराया गया. जिसमें गड़बड़ी दिखाई दी तो फौरन ऑक्सीजन फ्लो मीटर को बदलवाया गया. अस्पताल प्रबंधन का रिकार्ड बता रहा है कि सुबह 8 बजे अस्पताल में ऑक्सीजन के 118 सिलेंडर भरे हुए रखे थे. यानी अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी. उसके बावजूद ये घटना घटी.

मुरैना। मानवता को शर्मसार करने वाला मामला, मुरैना जिला अस्पताल से सामने आया है. जहां जिला अस्पताल में ऑक्सीजन का स्टॉक भरपूर होने के बाद भी मेडिकल वार्ड में बीती रात भर्ती किए गए मरीज को ऑक्सीजन नहीं मिली और उसकी मौत हो गई. करीब 6 घंटे तक बीमार युवक ऑक्सीजन के खाली सिलेंडर को भरवाने की गुहार लगाता रहा. लेकिन वार्ड में तैनात स्टाफ ने वो फार्म ही नहीं दिया, जिससे खाली सिलेंडर में ऑक्सीजन रीफिल होनी थी. स्टाफ की इस गलती ने एक युवक की जान ले ली. शव को मेडिकल वार्ड से एम्बुलेंस तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर भी नहीं मिला. जिसके बाद परिजन ठेले पर शव रखकर वार्ड से बाहर एम्बुलेंस तक ले गए.

फॉर्म के फेर में निकला मरीज का दम

अस्पताल पर लापरवाही का आरोप

इस मामले में अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं. वहीं मामले में ईटीवी भारत ने CMHO से संपर्क किया तो फोन पर उन्होने मामले की जांच की बात कही.

"अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं है लेकिन अगर फॉर्म की फॉर्मालिटी के चलते ऑक्सीजन मरीज को नहीं मिल सका, तो इसकी जांच होगी"- एडी शर्मा, प्रभारी CMHO

मुरैना जनपद की गंजरामपुर ग्राम पंचायत के देवी सिंह का पुरा गांव में रहने वाले की बीती रात अचानक तबीयत बिगड़ गई. उसे सांस लेने में शिकायत और ऑक्सीजन लेवल कम होने के चलते मुरैना जिला अस्पताल के मेडिकल वार्ड में भर्ती करवाया गया था. मरीज को रात के समय ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया गया था लेकिन आधी रात को ही ऑक्सीजन खत्म हो गई. सिलेंडर खत्म होने के बाद मरीज का ऑक्सीजन लेवल 70 के आसपास आ गया और उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी. खाली सिलेंडर में ऑक्सीजन भरवाने के लिए मरीज को अस्पताल के वार्ड से ही एक फार्म मिलना था, जो रात 2 बजे से लेकर सुबह 9 बजे तक मेडिकल वार्ड में पदस्थ स्टाफ ने उपलब्ध नहीं कराया. उसके बाद मरीज ने समाजसेवी अरुण परमार को ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए फोन लगाया और बताया, कि उसे सांस लेने में बहुत तकलीफ हो रही है. इसके बाद अरुण परमार जब सुबह अस्पताल पहुंचे तब पता चला कि ऑक्सीजन न मिलने से मरीज की मौत हो गई. वार्ड में भर्ती अन्य मरीज के अटेंडर का कहना है कि समय रहते यदि मरीज को ऑक्सीजन मिल जाती तो शायद युवक की जान बचाई जा सकती थी.

Black fungus का कहर: हमीदिया में बुर्जग महिला की निकालनी पड़ी आंख

ठेले पर रखकर ले गए शव

जिला अस्पताल की अव्यवस्था का आलम ऐसा है, कि मरीज की मौत के बाद उसके शव काे मेडिकल वार्ड से एंबुलेंस तक ले जाने के लिए परिजन को स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं करवाया गया. मरीज के पिता स्ट्रेचर के लिए इस वार्ड से उस वार्ड में भटकते रहे. लेकिन उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिला तो अस्पताल के बाहर आकर एक परिचित की मदद से चार पहिया हाथ ठेला मंगवाया. हाथ ठेले को मेडिकल वार्ड में ले जाया गया, तब कहीं जाकर मरीज के शव को पलंग से उठाकर हाथ ठेले पर रखकर बाहर एंबुलेंस तक लाया गया.

Morena News
ठेले पर ले जाना पड़ा शव

पर्याप्त ऑक्सीजन होने के बाद भी गई युवक की जान

जिला अस्पताल के ठीक पीछे ऑक्सीजन प्लांट है, ऑक्सीजन की कमी भी नहीं, लेकिन लापरवाही मरीज पर भारी पड़ी. कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों को रात से ऑक्सीजन कम मिल रही थी. ऑक्सीजन का फ्लो कम होने पर मरीजों ने इसकी सूचना दी और सुबह आरएमओ डॉ. धर्मेन्द्र गुप्ता, ठेकेदार को लेकर इसकी जांच करने पहुंचे. ऑक्सीजन की नलियों को चेक कराया गया. जिसमें गड़बड़ी दिखाई दी तो फौरन ऑक्सीजन फ्लो मीटर को बदलवाया गया. अस्पताल प्रबंधन का रिकार्ड बता रहा है कि सुबह 8 बजे अस्पताल में ऑक्सीजन के 118 सिलेंडर भरे हुए रखे थे. यानी अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी. उसके बावजूद ये घटना घटी.

Last Updated : May 11, 2021, 1:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.