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सरकारी कार्यालयों में खुद ही नहीं है अग्निशमन के पर्याप्त इंतजाम, हादसों से सबक नहीं ले रहा प्रशासन

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Published : Jun 14, 2019, 11:55 PM IST

Updated : Jun 18, 2019, 10:56 AM IST

मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में आग से निपटने के सभी मानक पूरे करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए हैं. लेकिन मुरैना में आग को बुझाने के सधन सीमित है.

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मुरैना। मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में आग से निपटने के सभी मानक पूरे करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए हैं. मुरैना जिले में भी अधिकारियों ने निजी शिक्षण संस्थानों सहित निजी, व्यवसायिक जगहों पर आग पर नियंत्रण करने के सभी इंतजाम करने के निर्देश जारी किए गए थे. बावजूद इसके जिला प्रशासन कोई सबक लेने को तैयार नही है.

हादसों से सबक नहीं ले रहा प्रशासन

ईटीवी भारत ने मुरैना जिले के कलेक्टर कार्यालय से लेकर अन्य विभागों की पड़ताल की तो पता चला कि अधिकतर विभागों में अग्निशमन यंत्र हैं ही नहीं हैं, जबकि मुरैना जिले में कई घटनाएं ऐसी हुई हैं. जिसमें जान और माल दोनों का काफी नुकसान हुआ है.

बता दें कि 2 साल पहले जिला चिकित्सालय के शिशु वार्ड चिकित्सा इकाई में भीषण आग लग गई थी, इसी तरह कलेक्टर कार्यालय स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल में अचानक आग लगने से लाखों का नुकसान हुआ था. जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में लगी आग की वजह से तमाम सरकारी रिकॉर्ड जलकर खाक हो गए थे. जिसमें परीक्षा संबंधी सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जल गए.

इन सब के बावजूद विभागों के पास आग से निपटने के लिए कोई व्यापक व्यवस्था नहीं है.

मुरैना। मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में आग से निपटने के सभी मानक पूरे करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए हैं. मुरैना जिले में भी अधिकारियों ने निजी शिक्षण संस्थानों सहित निजी, व्यवसायिक जगहों पर आग पर नियंत्रण करने के सभी इंतजाम करने के निर्देश जारी किए गए थे. बावजूद इसके जिला प्रशासन कोई सबक लेने को तैयार नही है.

हादसों से सबक नहीं ले रहा प्रशासन

ईटीवी भारत ने मुरैना जिले के कलेक्टर कार्यालय से लेकर अन्य विभागों की पड़ताल की तो पता चला कि अधिकतर विभागों में अग्निशमन यंत्र हैं ही नहीं हैं, जबकि मुरैना जिले में कई घटनाएं ऐसी हुई हैं. जिसमें जान और माल दोनों का काफी नुकसान हुआ है.

बता दें कि 2 साल पहले जिला चिकित्सालय के शिशु वार्ड चिकित्सा इकाई में भीषण आग लग गई थी, इसी तरह कलेक्टर कार्यालय स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल में अचानक आग लगने से लाखों का नुकसान हुआ था. जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में लगी आग की वजह से तमाम सरकारी रिकॉर्ड जलकर खाक हो गए थे. जिसमें परीक्षा संबंधी सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जल गए.

इन सब के बावजूद विभागों के पास आग से निपटने के लिए कोई व्यापक व्यवस्था नहीं है.

Intro:सूरत में हुई भीषण अग्निकांड की घटना के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में आग से निपटने के सभी मानक पूरे करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए । जिस के पालन में मुरैना जिले में भी अधिकारियों ने निजी शिक्षण संस्थानों सहित निजी ऐसे व्यवसायिक स्थल जहां जनता का आवागमन होता हो वहां आग पर नियंत्रण करने के सभी इंतजाम करने के निर्देश जारी किए गए । लेकिन बड़ी चिंता का विषय है कि सरकारी विभागों में जहां सबसे अधिक आम जनमानस का आना जाना नियमित रूप से होता है वहां न जनता की सुरक्षा के मानक कहें और ना ही सरकारी दस्तावेजों को बचाने के लिए प्राथमिक अग्निशमन यंत्र तक ना होना बड़ी चिंता का विषय है। साथ ही सरकारी विभागों और कार्यालयों की स्थिति है वह सरकार को आईना दिखाने बराबर है खास बात तो यह है कि इन विभागों के पास ऐसा कोई मद सरकार द्वारा स्पष्ट रूप से नहीं दिया जाता जिससे विषम परिस्थितियों में निबटने के लिए अग्निशमन यंत्र अथवा अन्य सामग्री एकत्रित कर कार्यालयों में रखी जा सके ।


Body:ईटीवी भारत ने मुरैना जिले के कलेक्टर कार्यालय से लेकर अन्य आधा दर्जन विभागों की पड़ताल की तो जाना के किसी भी भाग में अग्निशमन यंत्र नहीं है , जबकि मुरैना जिले में कई घटनाएं ऐसी हुई जिनकी वजह से आज लोग या तो सरकारी दस्तावेजों के लिए भटक रहे हैं , या फिर सैकड़ों की जान संकट में आ गई
2 वर्ष पूर्व जिला चिकित्सालय के शिशु वार्ड की गहन चिकित्सा इकाई में लगी भीषण आग ने न केवल वार्ड में भर्ती 2 दर्जन से अधिक नव जात शिशुओ की जान को संकट में डाल दिया था , बल्कि जिला अस्पताल में आने वाले मरीज और अटेंडरों सहित आम लोगों की जान पर भी संकट के बादल मंडराने लगे थे । इसी तरह कलेक्टर कार्यालय में स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल में अचानक आग लगने से लाखों का नुकसान हुआ अभी कुछ दिन पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में लगी आग के कारण तमाम सरकारी रिकॉर्ड जलकर खाक हो गया । जिस में परीक्षा संबंधी महत्वपूर्ण दस्तावेज भी नष्ट हो गए जिससे न जाने कितने लोगों के भविष्य से जुड़े दस्तावेज आग में जलकर स्वाहा हो गए बावजूद इसके किसी भी विभाग के पास आग से निपटने के लिए कोई व्यापक व्यवस्था नहीं है । और ना ही तत्काल आग पर काबू करने के लिए अग्निशमन यंत्रों की इसके पीछे कारण यह है कि किसी भी विभाग में ऐसा कोई विशेष मत नहीं है जिससे अग्निशमन यंत्र खरीदे जा सके ।


Conclusion:बाईट 1 - डॉ विनोद गुप्ता , मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मुरैना
बाईट 2- तरुण भटनागर - प्रभारी कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत मुरैना
Last Updated : Jun 18, 2019, 10:56 AM IST
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