मुरैना। जिला के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी होने से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच सामाजिक संगठनों का आगे आकर मरीजों के लिए ऑक्सीजन का प्रबंध कराया जा रहा है. जिला अस्पताल के गेट के सामने अम्बाह क्षेत्र के एक बुजुर्ग मरीज ऑक्सीजन के लिए तड़प रहा था. उसके शरीर में ऑक्सीजन लेवल लगातार घटता जा रहा था, लेकिन अस्पताल में ऑक्सीजन की सुविधा नहीं हो पा रही थी. जब ये सूचना 'नेकी की दीवार संस्था' के ऑक्सीजन एम्बुलेंस के पास पहुंची. तो वो बिना किसी देरी के जिला अस्पताल जा पहुंची. स्ट्रेक्चर पर लेटे हुए बुजुर्ग मरीज को एम्बुलेन्स से तब तक ऑक्सीजन दी गई, जब तक अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को इसकी व्यवस्था नहीं कर दी.
अचानक तबीयत खराब होने पर ले जाया गया जिला अस्पताल
अंबाह निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग खूबचंद जैन की तबीयत अचानक खराब हो गई. स्थिति बिगड़ते देख उन्हें जिला अस्पताल लाया गया. उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार कम हो रहा था. एक समय पर उनका ऑक्सीजन लेवल 48 प्रतिशत पर आ गया, जो बहुत ही चिंताजनक था. मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से ऑक्सीजन के लिए गुहार लगाई, लेकिन वो कोई व्यवस्था नहीं कर सके. इस दौरान किसी ने नेकी की दीवार संस्था को ऑक्सीजन एम्बुलेंस के लिए फोन कर दिया. सूचना मिलते ही समाजसेवी अरुन सिंह परमार और चारूकृष्ण डण्डोतिया ऑक्सीजन एम्बुलेंस लेकर जिला अस्पताल पहुंच गए. अस्पताल के गेट पर स्ट्रेक्चर पर लेटे वृद्ध खूबचंद जैन को वैन में रखे ऑक्सीजन सिलिंडर से ऑक्सीजन दी जाने लगी.
ऑक्सीफ्लोमीटर न होने से ऑक्सीजन से भरा सिलिंडर भी बेकार
जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ. धर्मेन्द्र गुप्ता आए, जिन्होंने मरीज के लिए ऑक्सीजन का छोटा सिलिंडर उपलब्ध करवाया, लेकिन ऑक्सीजन फ्लोमीटर नहीं होने के कारण ये ऑक्सीजन सिलिंडर भी बेकार साबित हो रहा था. इसके बाद अरुन सिंह परमार ने ऑक्सीजन वेन के सिलेंडर से फ्लोमीटर निकालकर मरीज के परिजनों को दिया और वृद्ध मरीज को वार्ड में भर्ती करवाया, जहां उनका इलाज शुरू हो सका.
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अस्पताल में हो रही है ऑक्सीफ्लोमीटर की कमी
बता दें कि मुरैना जिला अस्पताल में फिलहाल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. ऑक्सीजन प्लांट भी शुरू हो चुका है. यहां 200 से ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर से मरीजों को ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है. अभी यहां पर जिस चीज की कमी है, वो है सिलिंडरों में लगाए जाने वाले ऑक्सीफ्लोमीटर. इस कारण मरीजों के लिए छोटे सिलेंडरों का उपयोग नहीं हो पा रहा है. हालात यह बना हुआ है कि अस्पताल प्रबंधन मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर देकर उनके परिजनों से ही फ्लोमीटर की व्यवस्था करने को कह रहा है. अभी बाजार में मेडिकल स्टोरों पर इसकी कमी देखी जा रही है. इस वजह से परिजनों को काफी परेशान होना पड़ रहा है. जानकारी के अनुसार, ऑक्सीफ्लोमीटर ऑक्सीजन सिलेंडर में लगता है, उसी के माध्यम से सिलेंडर से ऑक्सीजन मरीज को दी जाता है.