मुरैना। मध्य प्रदेश में आगामी 2023 के विधानसभा चुनाव में बड़ा ही रोचक मुकाबला होने वाला है. वैसे चुनाव तो पूरे मध्य प्रदेश में होगा, लेकिन सबसे अधिक रोमांचक मुकाबला ग्वालियर-चम्बल अंचल की 34 सीटों पर होगा. भाजपा हो या कांग्रेस या फिर अन्य राजनीतिक पार्टियां सभी ग्वालियर-चंबल अंचल की इन 34 सीटों को जीतने के लिए पूरा दम लगा रही है. इसलिए दोनों ही बड़ी पार्टियां हर एक सीट पर विनर कैंडिडेट की तलाश में है. मुरैना विधानसभा सीट की बात की जाए तो, यहां से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही बड़ी पार्टियों से करीब आधा दर्जन उम्मीदवार टिकट की लाइन में खड़े हैं. इन उम्मीदवारों में वर्तमान व पूर्व विधायकों के अलावा नए चेहरे भी सामने आए हैं. अब देखना यह है कि, दोनों ही पार्टियां पूर्व और वर्तमान विधायको पर भरोसा जताते उनको पुनः चुनाव मैदान में उतारती है, या फिर नए चेहरों को मौका मिलने वाला है. फिलहाल जनता के मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि, मुरैना का अगला विधायक कौन होगा?
बीजेपी-कांग्रेस से कई उम्मीदवारों ने ठोकी दावेदारी: आगामी विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां कमर कसकर तैयार है. देश की दोनों ही बड़ी पार्टियां भाजपा और कांग्रेस ने जन आशीर्वाद और जन आक्रोश यात्रा के जरिए जनता के बीच पहुंचकर चुनावी बिगुल फूंक दिया है. भाजपा ने आनन-फानन में पहली सूची जारी कर अपने 39 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा क्या कर दी. अन्य राजनीतिक पार्टियों में खलबली मच गई है. भाजपा की पहली सूची जारी होते ही कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक पार्टियों पर भी अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित करने के लिए दबाव बढ़ने लगा है. सूची जारी होने से पहले मुरैना विधानसभा सीट से भाजपा और कांग्रेस की ओर से करीब आधा दर्जन उम्मीदवार अपनी-अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं.
विधायक व पूर्व मंत्री के बेटे भी मांग रहे टिकट: राजनीतिक सूत्रों के अनुसार बीजेपी की ओर से पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंषाना, पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के बेटे राकेश रुस्तम सिंह, अनिल गोयल, हमीर सिंह पटेल और गीता इंदर सिंह हर्षाना के नाम सामने आए हैं. इसी प्रकार कांग्रेस की ओर से वर्तमान विधायक राकेश मावई, किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर, डॉ राकेश माहेश्वरी और पूर्व विधायक स्वर्गीय सोवरन सिंह मावई की पत्नी आशारानी मावई टिकट की दौड़ में शामिल है. चूंकि दोनों ही पार्टियां विनर कैंडिडेट की तलाश में है. इसलिए भाजपा में टिकट की दावेदारों की सूची में सबसे पहला नाम सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंषाना का नाम है. इसके बाद दूसरे नंबर पर राकेश रुस्तम सिंह का नाम है. राजनीतिक सर्वे के अनुसार पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह तो विनर कैंडिडेट हो सकते है, लेकिन पिता के नाम पर बेटे को वोट मिलते हुए नजर नहीं आ रहा. यही वजह है कि, रघुराज की तुलना में राकेश रुस्तम सिंह की दावेदारी हल्की दिखाई पड़ रही है.
रघुराज कंषाना की दावेदारी मजबूत: पूर्व विधायक रघुराज सिंह कंषाना सिंधिया समर्थक होने के साथ-साथ वर्ष 2018 में कांग्रेस की सरकार गिराकर बीजेपी की सरकार बनाने में भी सहायक रहे हैं. इसलिए उनकी दावेदारी बहुत ही मजबूत दिखाई दे रही है. उधर कांग्रेस की बात की जाए तो वर्तमान विधायक राकेश मावई टिकट की दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर आशारानी मावई, दिनेश गुर्जर व तीसरे नंबर पर डॉ राकेश माहेश्वरी बताए जा रहे हैं. सूत्रों के अनुसार पार्टी स्तर पर कराए गए सर्वे में वर्तमान विधायक का जनाधार पहले की अपेक्षा बहुत ही डाउन हुआ है. इसलिए पार्टी दूसरे और तीसरे नंबर के दावेदारों के नामों पर भी विचार कर सकती है.
कांग्रेस-बीजेपी में रोमांचक मुकाबला: मुरैना विधानसभा क्षेत्र में अन्य राजनीतिक पार्टियों में से आम आदमी पार्टी ने वर्तमान पार्षद रमेश उपाध्याय के नाम की घोषणा कर अपना रास्ता साफ कर दिया है. तो वहीं बीएसपी ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले है. उम्मीदवार चाहे कोई भी हो, लेकिन सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होने वाला है. जनता के बीच चर्चाओं का दौर जारी है कि, भाजपा और कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार चाहे कोई भी हो, लेकिन मुकाबला बड़ा ही रोमांचक होने वाला है. अब देखना यह कि मुरैना का अगला विधायक कौन होगा.
देखें जातिगत समीकरण: जातिगत समीकरण देखे जाएं तो यहां पर ब्राह्मण मतदाता लगभग 30 से 35 हजार हैं, तो वहीं 40 से 45 हजार जाटव समाज, 44 से 50 हजार गुर्जर, 20 से 25 हजार वैश्य समाज, 12 से 15 हजार क्षत्रिय, 12 से 15 हजार मुसलमान हैं. इसके अलावा शाक्य, प्रजापति, धोबी, सविता सहित अन्य जातियों के मतदाता भी यहां पर निर्णायक स्थिति में हैं. कुल मिलाकर टिकट की दावेदारी और जन चर्चाओं के आधार पर कांग्रेस से आशारानी मावई,भाजपा से रघुराज सिंह कंषाना का टिकट लगभग फाइनल माना जा रहा है.