मुरैना। सिचाचिन के ग्लेशियर में ड्यूटी के दौरान अपने 15 साथियों को बचाने के दौरान सेना के हवलदार विवेक सिंह तोमर शहीद हो गए. उनका पार्थिव शरीर अंबाह स्थित उनके निवास एमएलडी कॉलोनी पहुंचा. जहां शहीद के अंतिम दर्शन के लिए भीड़ उमड़ पड़ी. यहां बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंचकर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की. 5 राजरिफ रेजीमेंट के हवलदार विवेक की सैनिक सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव रूहर में अंत्येष्टि की गई. इस दौरान शहीद विवेक सिंह अमर रहे, भारत माता की जय के नारों से गूंजते रहे. लोगों का कहना है कि हमें अपने विवेक पर गर्व हैं. सैनिक कभी मरता नहीं, बल्कि वह देश के लिए जीता है और देश के लिए शहीद हो जाता है. अगर हम आज सुरिक्षत हैं तो सैनिकों की बदौलत.
मौके पर नहीं पहुंच सका हेलीकॉप्टर : ग्लेशियर में ड्यूटी के दौरान हवालदार विवेक सिंह तोमर जिस स्थान पर पदस्थ थे, वहां तापमान नियंत्रक में आई खराबी के चलते पूरी बिल्डिंग में धुआं हो गया था. इस दौरान सभी जवान बिल्डिंग से बाहर निकल आए. वहीं हवलदार विवेक सिंह तोमर तापमान नियंत्रक में आई तकनीकी खराबी को ठीक करने वापस अंदर चले गए. जहां उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी. इसकी सूचना तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई. वरिष्ठ अधिकारियों ने ग्लेशियर पर हेलीकॉप्टर भेजने के प्रयास किए किंतु मौसम खराब होने के कारण यह संभव नहीं हो सका.
होली पर आना था अपने घर : ऐसी स्थिति में लेफ्टिनेंट हवलदार विवेक सिंह शहीद हो गए, जिनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक निवास रुअर गांव में लाया गया. शहीद विवेक सिंह तोमर का रुअर गांव में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. शहीद के दोनों बेटे अर्धमन 15 वर्षीय और हर्षवर्धन 11 वर्षीय ग्वालियर में अपनी मां के साथ रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. बड़ा बेटा 10वीं कक्षा में और छोटा 7वीं में पढ़ रहा हैं. हवलदार विवेक सिंह तोमर दीपावली पर छुट्टी लेकर घर आए थे. इसके बाद वे 1 महीने की छुट्टी घर पर बिताकर वापस सियाचिन लौट गए. उन्होंने घर पर बताया था कि वह फरवरी महीने में दोबारा छुट्टी लेंगे. इस बार वे होली का त्योहार घर में ही मनाने का प्लान कर रहे थे.