ETV Bharat / state

MP Morena: आर्म्स एक्ट के आरोपी ने लगाए गंभीर आरोप, TI को नोटिस, दो SI लाइन अटैच

author img

By

Published : Apr 3, 2023, 8:25 PM IST

मुरैना जिले की जौरा थाना पुलिस आर्म्स एक्ट के एक मामले में फंसती हुई नजर आ रही है. जेल से बाहर आते ही एक युवक ने पुलिस पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर थाने में बेरहमी से मारपीट करने का गंभीर आरोप लगाते हुए कोर्ट में याचिका दायर की है. कोर्ट ने इस मामले में थाना प्रभारी को एक नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. एसपी ने दो सब इंस्पेक्टर को लाइन अटैच कर दिया है.

MP Morena
SP ने TI को दिया नोटिस दो SI लाइन अटैच

मुरैना। जौरा तहसील के जलालपुर गांव निवासी राहुल सविता के खिलाफ जौरा थाना पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया था. जेल से बाहर आते ही राहुल ने एडवोकेट अरविंद पाराशर के माध्यम से कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. फरियादी ने याचिका में बताया कि उसका दोस्त शिवम सिकरवार 307 के एक मामले में फरार चल रहा था. पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए काफी प्रयास कर रही थी, लेकिन वह हाथ नहीं लगा.

थाना प्रभारी से जवाब मांगा : इसके बाद पुलिस ने रात करीब 2 बजे उसे घर से उठाकर हवालात में बंद दिया और शिवम को हाजिर करवाने के लिए दवाब बनाने लगी. उसने कहा कि उसे शिवम के बारे में कोई जानकारी नहीं है तो सब इंस्पेक्टर अतुल सिंह और कपिल पाराशर ने कट्टा रखकर उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट का फर्जी मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया. कोर्ट ने उसकी फरियाद सुनने के बाद जौरा थाना प्रभारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. एसपी ने जौरा थाने में पदस्थ उक्त दोनों सब इंस्पेक्टरों को अचानक थाने से हटाकर लाइन भेजा तो मामला गर्म हो गया.

मुरैना जिले के अपराध की ये खबरें भी पढ़ें..

एसपी ने ये तर्क दिया : जौरा के एडवोकेट अरविंद पाराशर का कहना है कि थाना प्रभारी को कोर्ट से नोटिस मिलते ही एसपी ने जवाब देने के लिए आनन-फानन में दोनों सब इंस्पेक्टरों को हटाकर लाइन भेज दिया है, जबकि एसपी का कहना है, कि उन्होंने जरूरत के हिसाब से दोनों सब इंस्पेक्टरों को थाने से हटाया है. वहीं, जिस राहुल नामक युवक ने कोर्ट में याचिका दायर की है, वह अपराधी प्रवृत्ति का है. उसके खिलाफ थाने में पहले से ही दो मामले दर्ज हैं. दरअसल राहुल सविता नामक युवक ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर पिस्टल के साथ फोटो वायरल किये थे. इसी के तहत उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के मामला दर्ज कर हथियार भी बरामद किया है. यहां उल्लेखनीय है कि वैसे तो किसी भी थानेदार को बेवजह थाने से हटाया नहीं जाता है. यदि किसी थानेदार या अन्य पुलिसकर्मी को थाने से हटाकर लाइन भेजा जाता है तो यह सजा के तौर पर देखा जाता है. वहीं, एसपी आशुतोष बागरी का कहना है कि जौरा थाने में आर्म्स एक्ट को कोई फर्जी मामला दर्ज नहीं किया गया है. जिस युवक ने आरोप लगाए है, वह पूर्व से ही अपराधी है.

मुरैना। जौरा तहसील के जलालपुर गांव निवासी राहुल सविता के खिलाफ जौरा थाना पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जेल भेज दिया था. जेल से बाहर आते ही राहुल ने एडवोकेट अरविंद पाराशर के माध्यम से कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. फरियादी ने याचिका में बताया कि उसका दोस्त शिवम सिकरवार 307 के एक मामले में फरार चल रहा था. पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए काफी प्रयास कर रही थी, लेकिन वह हाथ नहीं लगा.

थाना प्रभारी से जवाब मांगा : इसके बाद पुलिस ने रात करीब 2 बजे उसे घर से उठाकर हवालात में बंद दिया और शिवम को हाजिर करवाने के लिए दवाब बनाने लगी. उसने कहा कि उसे शिवम के बारे में कोई जानकारी नहीं है तो सब इंस्पेक्टर अतुल सिंह और कपिल पाराशर ने कट्टा रखकर उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट का फर्जी मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया. कोर्ट ने उसकी फरियाद सुनने के बाद जौरा थाना प्रभारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. एसपी ने जौरा थाने में पदस्थ उक्त दोनों सब इंस्पेक्टरों को अचानक थाने से हटाकर लाइन भेजा तो मामला गर्म हो गया.

मुरैना जिले के अपराध की ये खबरें भी पढ़ें..

एसपी ने ये तर्क दिया : जौरा के एडवोकेट अरविंद पाराशर का कहना है कि थाना प्रभारी को कोर्ट से नोटिस मिलते ही एसपी ने जवाब देने के लिए आनन-फानन में दोनों सब इंस्पेक्टरों को हटाकर लाइन भेज दिया है, जबकि एसपी का कहना है, कि उन्होंने जरूरत के हिसाब से दोनों सब इंस्पेक्टरों को थाने से हटाया है. वहीं, जिस राहुल नामक युवक ने कोर्ट में याचिका दायर की है, वह अपराधी प्रवृत्ति का है. उसके खिलाफ थाने में पहले से ही दो मामले दर्ज हैं. दरअसल राहुल सविता नामक युवक ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर पिस्टल के साथ फोटो वायरल किये थे. इसी के तहत उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के मामला दर्ज कर हथियार भी बरामद किया है. यहां उल्लेखनीय है कि वैसे तो किसी भी थानेदार को बेवजह थाने से हटाया नहीं जाता है. यदि किसी थानेदार या अन्य पुलिसकर्मी को थाने से हटाकर लाइन भेजा जाता है तो यह सजा के तौर पर देखा जाता है. वहीं, एसपी आशुतोष बागरी का कहना है कि जौरा थाने में आर्म्स एक्ट को कोई फर्जी मामला दर्ज नहीं किया गया है. जिस युवक ने आरोप लगाए है, वह पूर्व से ही अपराधी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.